प्रमुख सुर्खियां
- वर्ष 2020 में भारत सरकार ने पंजाब और सिंध बैंक के लिए 5500 करोड़ रु. की कीमत वाले ज़ीरो कूपन बॉन्ड जारी किए थे।
- ज़ीरो कूपन बॉन्ड भारत सरकार द्वारा किसी बैंक को दोबारा सुचारु रूप से शुरू करने के लिए जारी किए जाते हैं।
- ये ज़ीरो कूपन बॉन्ड भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी आदेशों के बाद निर्देशों के बाद दिए जाते हैं।
मुख्य बिंदु
- ज़ीरो कूपन बॉन्ड आम भाषा में डिस्काउंट कूपन के नाम से भी जाने जाते हैं।
- इन्हें रियायती दरों पर खरीदा जाता है इसलिए इन्हें ज़ीरो कूपन बॉन्ड कहा जाता है।
- इन बॉन्ड्स की एक सीमित अवधि होती है जिसे मैच्योरिटी पीरियड कहा जाता है।
- ज़ीरो कूपन बॉन्ड का एक अन्य नाम शुद्ध बॉन्ड भी है।
- ज़ीरो कूपन बॉन्ड 10 से 15 साल की अवधि के लिए जारी किए जाते हैं।
- इन बॉन्ड्स को भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा निर्देशों के बाद परिपक्व प्रतिभूतियों की श्रेणी में रखा जाता है।
बॉन्ड क्या होते हैं?
बॉन्ड एक प्रकार का अनुबंध होते हैं जो निवेशक और उधारकर्ता के बीच किया जाता है। यानी बॉन्ड आय का वे निश्चित साधन होते हैं जो किसी उधारकर्ता को दिए को किए गए ऋण की अगुआई करता है।
सरकार के अलावा कुछ कंपनियां भी बॉन्ड्स जारी करती हैं जिनमें लोग निवेश करते हैं।
ज़ीरो कूपन बॉन्ड के प्रकार
ज़ीरो कूपन बॉन्ड दो प्रकार के होते हैं :
विशेष ज़ीरो कूपन बॉन्ड : विशेष ज़ीरो कूपन बॉन्ड सामान्य रूप से ही जारी किए जाते हैं लेकिन उन पर कोई ब्याज नहीं लिया जाता है।
सामान्य ज़ीरो कूपन बॉन्ड : सामान्य ज़ीरो कूपन बॉन्ड पर छूट दी जाती है। इस कारण से वे अधिक ब्याज वसूल करते हैं।
सरकार क्यों जारी करती है ज़ीरो कूपन बॉन्ड ?
भारतीय रिज़र्व बैंक के दिशा निर्देशों के अनुसार बैंकों को अपने पास एक निश्चित मात्रा में एक निश्चित पूंजी का भण्डार जमा करके रखना ज़रूरी होता है। जब कोई बैंक आर्थिक संकट से जूझ रहा होता है तो सरकार रिज़र्व बैंक के दिशा निर्देशों के अनुसार उस बैंक को आर्थिक संकट से उबारने के लिए ज़ीरो कूपन बॉन्ड जारी करती है।
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