UPSC एग्जाम 2023 के लिए ECB टॉपिक पर महत्वपूर्ण नोट्स

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UPSC Exam 2023 ke liye ECB topic par mahatvapurn notes

प्रमुख सुर्खियां 

  • ECB की  फुल फॉर्म External commercial borrowing होती है।  
  • हिंदी में इसका मतलब होता है बाह्य वाणिज्यिक उधार।  
  • वर्ष 2019 में ECB के सिस्टम को और अधिक उदार बनाने के लिए ECB के ऋण एवं पुनर्भुगतान सम्बन्धी नियमों में रिज़र्व बैंक द्वारा ढील दे दी गई थी।  

ECB के बारे में 

  • जब कोई व्यक्ति अथवा संस्थान किसी विदेशी नागरिक या संस्थान से क़र्ज़ के रूप में रूपए या बॉन्ड प्राप्त करता है तो उसे ECB के रूप में जाना जाता है।  
  • इन्हें खरीदारों के क्रेडिट, फ्लोटिंग रेट नोट्स सप्लायर्स के क्रेडिट्स, फिक्स रेट बॉन्ड आदि माध्यमों से दिए जाते हैं।  
  • इस तरह के ऋण के लाभ गैर निवासियों द्वारा प्राप्त किए जाते हैं जिनमें तीन वर्ष का मैच्योरिटी पीरियड होता है।  
  • इनका प्रयोग  PSU कंपनियों और भारत सरकार की अन्य संस्थाओं को विदेशी मुद्रा का लाभ देने के लिए वित्त मत्रालय द्वारा किया जाता है।  

ECB के मुख्य उद्देश्य 

  • कॉर्पोरेट कंपनियों को सस्ते में लोन मुहैया कराना।  
  • इनका उद्देश्य  PSU कंपनियों और भारत सरकार की अन्य संस्थाओं को विदेशी मुद्रा का लाभ दिलाना भी होता है।  
  • 10 वर्षों की न्यूनतम औसत मैच्योरिटी वाले ECB का प्रयोग कॉर्पोरेट एवं कार्यशील पूंजीगत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है।  

ECB के लाभ 

  • इसके माध्यम से  बड़ी धनराशि उधार ली जा सकती है।  
  • इससे मिलने वाला धन लम्बी अवधि के लिए होता है।  
  • इसकी ब्याजदर घरेलू मुद्रा की तुलना में कम होती है।  
  • यह विदेशी मुद्रा में होता है।  इस कारण से यह  कॉर्पोरेट कंपनियों के लिए विदेशी मुद्रा को रखना आसान बनाता है।  

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