IUCN in Hindi: अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) सरकारों तथा नागरिकों दोनों से मिलकर बना एक विशिष्ट सदस्यता संघ है। यह दुनिया की प्राकृतिक स्थिति को संरक्षित रखने के लिए एक वैश्विक प्राधिकरण है जिसकी स्थापना वर्ष 1948 में की गई थी। IUCN का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करते हुए पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता की रक्षा करना है। UPSC की तैयारी में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ से संबंधित जानकारी पर्यावरण और पारिस्थितिकी (Environment and Ecology) खंड के लिए महत्वपूर्ण है। बता दें कि UPSC परीक्षा में IUCN से संबंधित कई प्रश्न किए जाते हैं। इस ब्लॉग में कैंडिडेट्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के बारे में (IUCN UPSC in Hindi) संपूर्ण जानकारी दी गई है, इसलिए ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़ें।
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अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के बारे में – IUCN UPSC in Hindi
IUCN Kya Hai: IUCN की फुल फॉर्म ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ’ (International Union for Conservation of Nature) होती है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ-IUCN, एक स्वतंत्र वैश्विक संगठन है जो मुख्य रूप से पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता की रक्षा के लिए कार्य करता है। इस संगठन की स्थापना का उद्देश्य पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान खोजने तथा जैव विविधता के संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारी, गैर-सरकारी संगठनों (NGOs), वैज्ञानिकों और स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर काम करना है। इस संगठन का मुख्यालय ग्लैंड, स्विट्जरलैंड में स्थित है, इस संघ के मुख्य रूप से छह आयोग हैं।
आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे विविध पर्यावरण नेटवर्क भी है। वहीं IUCN प्रत्येक चार वर्ष में एक बार दुनिया भर के अलग-अलग हिस्सों में ‘विश्व संरक्षण कांग्रेस’ (World Conservation Congress) का आयोजन करता है। इस प्रकार की पहली कांग्रेस संयुक्त राज्य अमेरिका में वर्ष 1948 में आयोजित की गई थी।
IUCN का मुख्य उद्देश्य
नीचे दिए गए बिंदुओं में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के मुख्य उद्देश्य (IUCN in Hindi) निम्नलिखित हैं :-
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की जैव विविधता का संरक्षण करना है।
- प्राकृतिक संसाधनों का न्यायसंगत और सतत उपयोग सुनिश्चित करना इस संगठन का उद्देश्य है।
- IUCN ही पर्यावरणीय संकटों के प्रति जागरूकता बढ़ाता है।
IUCN का इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के इतिहास को नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से समझा जा सकता हैं:-
- अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की स्थापना 5 अक्टूबर, 1948 को फ्रांस के शहर फॉनटेनब्लियू में हुई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को संरक्षित करना है।
- इस संगठन ने विश्वव्यापी सहयोग को बढ़ावा देने और संरक्षण का समर्थन करने के लिए वैज्ञानिक जानकारी और संसाधनों को बढ़ावा दिया है।
- IUCN की स्थापना में लगभग 18 देशों, 7 अंतरराष्ट्रीय संगठनों और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों ने मिलकर अपनी अपनी भूमिका निभाई थी।
- यह संगठन प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करने और वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान निकालने के उद्देश्य से बनाया गया था।
- इस संगठन में 1400 से अधिक सदस्य संगठनों और 15,000 विशेषज्ञों की विशेषज्ञता, कनेक्शन और संसाधनों का उपयोग किया गया है, जो कि आज दुनिया में सबसे बड़ा और सबसे विविध पर्यावरण नेटवर्क बन गया है।
- IUCN ने अपने शुरुआती दस सालों का ज्यादातर समय इस बात की जांच में लगाया कि मानव गतिविधि ने प्रकृति को कैसे प्रभावित किया है। इसके साथ ही पर्यावरणीय प्रभाव आंकलन के लिए इस संगठन ने कई मानक बनाए हैं, जो कीटनाशकों के हानिकारक परिणामों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- बता दें कि वर्ष 1960 से 1970 के दशक में इस संगठन के मुख्य कामों में प्रजातियों के संरक्षण और उनके अस्तित्व के लिए आवश्यक पारिस्थितिक तंत्र बनाना था।
- इसके बाद वर्ष 1964 में इस संगठन ने रेड लिस्ट ऑफ थ्रेटड स्पीशीज का निर्माण किया, जिसका मुख्य कार्य प्रजातियों के ग्रह पर से विलुप्त होने के जोखिम पर पूर्ण डेटा स्रोत के रूप में काम करना था।
- वर्ष 2000 के बाद अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ ने प्रकृति-आधारित समाधान विकसित किए, जिनका मुख्य कार्य गरीबी, जलवायु परिवर्तन, पानी और खाद्य सुरक्षा सहित वैश्विक मुद्दों को संबोधित करना, और प्रकृति के संरक्षण के लिए जागरूकता को बढ़ावा देना था।
- IUCN ने आर्द्रभूमियों पर रामसर सम्मेलन (1971), विश्व विरासत सम्मेलन (1972), लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (1974), जैविक विविधता पर कन्वेंशन (1992) और विश्व संरक्षण रणनीति 1980 में प्रकृति के संरक्षण के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संधियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
IUCN के मुख्य कार्य
IUCN के मुख्य कार्य (IUCN UPSC in Hindi) इस प्रकार हैं-
- IUCN के मुख्य कार्यों में प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना, जिसमें वनों, नदियों और समुद्रों का संरक्षण करना शामिल हैं।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में भी IUCN एक मुख्य भूमिका निभाता है।
- पर्यावरण संरक्षण नीतियों के विकास में अहम भूमिका निभाने के साथ-साथ यह संगठन अंतर्राष्ट्रीय संधियों जैसे CITES और CBD का भी समर्थन करता है।
- यह संगठन जैव विविधता संरक्षण करने के लिए रेड लिस्ट तैयार करता है, जिसके तहत प्रजातियों का अध्ययन किया जाता है।
- यह संगठन पर्यावरणीय नीतियों का निर्माण करता है, जिससे पर्यावरणीय कानून और नीतियों को सुधारने में सहायता मिलती है।
- इस संगठन का मुख्य काम सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को बढ़ावा देना है, जिससे सामाजिक और पर्यावरणीय संतुलन बना रहता है।
- यह संगठन संरक्षित क्षेत्रों का प्रबंधन भी करता है और उन्हें ग्रीन लिस्ट में भी शामिल करता है।
- जलवायु परिवर्तन से निपटने और प्राकृतिक समाधान के लिए यह संगठन एक अहम भूमिका निभाता है।
- पर्यावरण प्रबंधन और जैव विविधता संरक्षण के लिए कार्यशालाओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी इसी संगठन द्वारा किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) का महत्व
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) के महत्व को आप निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से जान सकते हैं:-
- जैव विविधता संरक्षण में योगदान।
- IUCN की रेड लिस्ट विलुप्तप्राय प्रजातियों की स्थिति का आंकलन करना।
- सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) में योगदान देना।
- पर्यावरणीय नीतियों और कानूनों का निर्माण करना।
- प्रकृति-आधारित समाधानों (Nature-Based Solutions) के माध्यम से जलवायु संकट से निपटना।
- संरक्षित क्षेत्रों का प्रबंधन और विस्तार करना।
- वैज्ञानिक अनुसंधान और ज्ञान प्रसार करने पर बल देना।
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देना।
- सामाजिक और पर्यावरणीय न्याय की पैरवी करना।
IUCN की संरचना
IUCN की संरचना कुछ इस प्रकार है –
- IUCN की संरचना में इसके मूल सदस्य: सरकारें, गैर-सरकारी संगठन, और स्थानीय समुदाय होते हैं।
- वर्तमान में लगभग 160+ देशों में IUCN के 1,400 से अधिक सदस्य संगठन हैं।
- इसके कार्यकारी निकाय में गवर्निंग काउंसिल, डायरेक्टर जनरल और वर्ल्ड कंजर्वेशन कांग्रेस (World Conservation Congress) शामिल होते हैं।
IUCN के आयोग
IUCN में मुख्यत: छह आयोग होते हैं, जिनके नाम इस प्रकार हैं:-
- शिक्षा और संचार आयोग (CEC)
- प्रजाति जीवन रक्षा आयोग (SSC)
- पर्यावरण, आर्थिक और सामाजिक नीति आयोग (CEESP)
- पारिस्थितिकी तंत्र प्रबंधन पर आयोग (CEM)
- संरक्षित क्षेत्रों पर विश्व आयोग (WCPA)
- पर्यावरण कानून पर विश्व आयोग (WCEL)
UPSC के लिए IUCN से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
UPSC के लिए IUCN से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं:-
- UPSC परीक्षा में IUCN से जुड़े कई प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए ये एक महत्वपूर्ण विषय है।
- इस परीक्षा के प्रीलिम्स (Prelims) पेपर में IUCN और उसकी रेड लिस्ट से संबंधित तथ्य पूछे जाते हैं।
- UPSC परीक्षा के मेन्स (Mains) पेपर में GS Paper-3 (पर्यावरण) में IUCN से संबंधित टॉपिक्स पूछे जाते है।
- इस परीक्षा में पर्यावरण संरक्षण के उपाय और चुनौतियों में IUCN के योगदान के बारे में भी पूछा जाता है।
- परीक्षा में सतत विकास में IUCN की भूमिका के बारे में भी कई बार प्रश्न पूछा जाता है।
- UPSC परीक्षा में पर्यावरण संरक्षण पर आधारित निबंधों में IUCN के आंकड़ों का उल्लेख महत्वपूर्ण होता है।
FAQs
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) एक वैश्विक संगठन है, जो पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देता है।
आईयूसीएन का पूरा नाम International Union for Conservation of Nature है, जिसे हिंदी में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ कहा जाता है।
IUCN का गठन वर्ष 1948 में हुआ था।
IUCN का मुख्यालय ग्लैंड, स्विट्जरलैंड में स्थित है।
आईयूसीएन के वर्तमान महानिदेशक डॉ. ग्रेथेल एगुइलर हैं।
IUCN का उद्देश्य प्रकृति का संरक्षण करना, जैव विविधता को बनाए रखना, पर्यावरणीय नीति बनाकर इसे लागू करना और सतत विकास को प्रोत्साहित करना है।
IUCN रेड लिस्ट एक ऐसा डेटाबेस है, जिसमें दुनिया की प्रजातियों की संरक्षण स्थिति दर्ज की जाती है। यह प्रजातियों को नौ श्रेणियों में विभाजित करता है, जिनमें से कुछ श्रेणियां “लुप्त (Extinct), गंभीर संकटग्रस्त (Critically Endangered), संकटग्रस्त (Endangered) और कमजोर (Vulnerable)” हैं।
IUCN की रेड लिस्ट UPSC के पर्यावरण और पारिस्थितिकी खंड के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से आपको जैव विविधता संरक्षण और प्रजातियों की स्थिति को आसानी से समझने में मदद मिलती है, जिनसे जुड़े प्रश्न परीक्षा में अक्सर पूछे जाते हैं।
IUCN जलवायु परिवर्तन, वन संरक्षण, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र का प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण, सतत विकास के लिए सामुदायिक भागीदारी जैसे कार्य क्षेत्रों में कार्य करता है।
वर्ष 1969 में भारत पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के माध्यम से IUCN का एक सदस्य बना था।
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आशा है कि आपको इस लेख में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN in Hindi) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC एग्जाम से संबंधित अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।