UPSC एग्जाम में UNCLOS से संबंधित कई प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसके लिए आज आपको इस एग्जाम अपडेट में UNCLOS के लिए इम्पोर्टेन्ट नोट्स बनाने का एक आईडिया मिल जायेगा। यह एग्जाम अपडेट को अंत तक अवश्य पढ़ें।
UNCLOS किसे कहते हैं?
UNCLOS एक प्रकार की संधि है जो विश्व के समुद्रों-महासागरों के कंज़र्वेशन, मरीन डेवलपमेंट और नेचुरल रिसोर्सेज के लिए सयुंक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित करती हैं। इस संधि को मानने की जिम्मेदारी सयुंक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की होती है।
UNCLOS की फुलफॉर्म | United Nations Convention on the Law of the Sea |
UNCLOS क्या है? | यह एक संधि है जो सयुंक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच विश्व के समुद्रों के संरक्षण और प्रबंधन के लिए हुई। |
UNCLOS को किस वर्ष में अपनाया गया? | वर्ष 1982 |
UNCLOS को किस वर्ष में लागू किया गया? | वर्ष 1994 |
UNCLOS पर भारत ने कब हस्ताक्षर किए? | वर्ष 1982 |
UNCLOS पर भारत ने हस्ताक्षर की पुष्टि कब की? | वर्ष 1995 |
UNCLOS का इतिहास क्या है?
UNCLOS के इतिहास को आप निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं-
- वर्ष 1958 में UNCLOS I का सफल सम्मलेन हुआ।
- वर्ष 1960 में UNCLOS II का सम्मलेन हुआ, हालाँकि इसका कोई ठोस समाधान नहीं निकला था।
- वर्ष 1973 में UNCLOS III के सम्मलेन में समुंद्र से जुड़ी हर प्रकार की समस्याओं पर एक मत से सहमति सयुंक्त राष्ट्र के सदस्य देशों की सहमति बनीं।
- वर्ष 1982 को UNCLOS अपनाया गया जिसको कि वर्ष 1994 में लागू किया गया।
- भारत ने 1982 में कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए और 1995 में इसकी पुष्टि की।
- वर्ष 2016 में इसमें 167 देश और यूरोपीय संघ शामिल हुए।
UNCLOS की विशेषताएं
समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएं नीचे लिस्टेड हैं-
- UNCLOS के दौरान राष्ट्रों को अपने समुंद्री तट के साथ 200 मील के क्षेत्र तक धन कमाने के पूर्ण अधिकार मिलते हैं।
- इस क्षेत्र तक फैले समुद्र को किसी भी देश का विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र माना जाता है।
- कोई भी देश अपने सीमा क्षेत्र से जल का उपयोग, अपने आर्थिक उपयोग के लिए भी कर सकता है।
- UNCLOS के संचालन में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है आदि।
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