UP में बदलेगी शिक्षा प्रणाली की तस्वीर, ग्रामीण बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा शुरू करेगा IIT-कानपुर

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UP mein badlegi shiksha pranali ki tasveer gramin bachhon ke liye online shiksha shuru karega IIT Kanpur

उत्तर प्रदेश आज कल हर दिन किसी न किसी खबर के साथ सुर्खियों में बना रहता है, फिर चाहे वह खबर किसी भी क्षेत्र से जुड़ी क्यों न हो। आज फिर उत्तर प्रदेश सुर्खियों में है, जिसकी वजह प्रदेश में शिक्षा प्रणाली की बदलती तस्वीर है।

गौरतलब है कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) कानपुर ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के लिए एक पहल शुरू की है। ग्रामीण स्कूली बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए रंजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र (RSK) के माध्यम से ‘ऑनलाइन रूरल एजुकेशन इनिशिएटिव (OREI)’ नाम की पहल का शुभारंभ हुआ है।

प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस मिश्रा की उपस्थिति में मंगलवार को प्रतिष्ठित संस्थान द्वारा शुरू की गई पहल भारत सरकार के उन्नत भारत अभियान के साथ एकीकृत है। जिसमें इसका प्रायोगिक कार्यक्रम राज्य की राजधानी लखनऊ के दो स्कूलों – राम जानकी इंटर कॉलेज, बिठूर तथा कानपुर और भारतीय ग्रामीण विद्यालय में शुरू किया गया था।

OREI प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव अधिकारी रीता सिंह के अनुसार, “रंजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र का मिशन हर बच्चे को उनके स्थान के बावजूद सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली शिक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करना है।”

इसी प्रोजेक्ट के बेहतर उद्देश्य के कारण इसे उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में चलाने के लिए अपनाया गया है। जिसमें UP के मुख्य सचिव के अनुसार, “कार्यक्रम के तहत कवर किए जाने वाले ग्रामीण स्कूलों की संख्या जल्द ही 100 तक बढ़ाई जाएगी और बाद में इसे राज्य भर के सभी स्कूलों में लागू किया जाएगा।”

वर्तमान में OREI प्रतिदिन दो कक्षाएं आयोजित कर नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों को शिक्षा प्रदान करता है। प्रदेश सरकार का इस योजना में आने वाले वर्ष11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को जोड़ने का संकल्प है।

IIT कानपुर के डायरेक्टर प्रो अभय करंदीकर के अनुसार, रणजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र, IIT-कानपुर द्वारा स्थापित एक इन-हाउस परियोजना है। जिसका उद्देश्य आस-पास के गाँवों तक तकनीक के माध्यम से शिक्षा पहुँचाने और ग्रामीण युवाओं की रोज़गार क्षमता में योगदान करना है।

RSK के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर (PI) प्रो संदीप संगल के अनुसार, “विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में शिक्षा प्रदान करने के लिए बड़ी संख्या में पीएचडी विद्वानों द्वारा स्वैच्छिक आधार पर परियोजना का संचालन किया जाता है।”

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