बैचलर डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स के लिए यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने नया ड्राॅफ्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि ग्रेजुएशन कोर्सेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को अनिवार्य रूप से इंटर्नशिप करनी होगी और इसके लिए उन्हें क्रेडिट दिया जाएगा। इंटर्नशिप करने के बाद ही उन्हें डिग्री दी जाएगी।
नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी (NEP)-2020 के तहत UGC ने UG लेवल के विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप और रिसर्च इंटर्नशिप के लिए दिशानिर्देश का ड्राॅफ्ट जारी किया गया है।
ड्राफ्ट गाइडलाइन में कहा गया है कि नेशनल हायर एजुकेशन एलिजिबिलिटी फ्रेमवर्क (NHEQF) और ग्रेजुएशन प्रोग्राम (CCFUP) के लिए कोर्स और क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार तीन साल की यूजी डिग्री/चार साल की यूजी डिग्री के आवश्यक न्यूनतम 120/160 क्रेडिट में से कम से कम दो से चार क्रेडिट इंटर्नशिप के लिए आवंटित किए जा सकते हैं।
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चौथे सेमेस्टर के बाद 60 से 120 घंटे की इंटर्नशिप अनिवार्य
UG डिग्री प्रोग्राम में एनरोल्ड स्टूडेंट्स के लिए चौथे सेमेस्टर के बाद 60 से 120 घंटे की इंटर्नशिप अनिवार्य होगी। UGC की ओर से कॉलेज और यूनिवर्सिटी की फीस स्ट्रक्चर को लेकर भी निर्देश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी अपनी फीस आदि की डिटेल्स वेबसाइट पर डालनी होगी। कैंडिडेट्स को फीस व अन्य जानकारी के लिए परेशान नहीं होना होगा और वह काॅलेज या यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर सभी जानकारी पा सकेंगे।
UGC के बारे में
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया और विश्वविद्यालय में शिक्षा, परीक्षा और अनुसंधान के रेगुलेशंस के समन्वय और रखरखाव के लिए 1956 में संसद के एक एक्ट द्वारा भारत सरकार की काॅंस्टिट्यूशनल बाॅडी बन गया। यह यूनिवर्सिटी और काॅलेजों को ग्रांट देता है।
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