हमारे स्वास्थ्य के लिए योग को बहुत ही फायदेमंद माना जाता है। यही वह है कि पूरी दुनिया में लोग बड़ी संख्या में योग को अपना रहे हैं। योग तन के साथ साथ हमारे मन को भी अच्छा करता है। योग दुनिया को भारत की देन है। यह दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों में से एक है। योग के इसी महत्व को देखते हुए प्रतिवर्ष 21 जून के दिन विश्व योग दिवस मनाया जाता है। यहाँ विश्व योग दिवस क्यों मनाया जाता है और इसके महत्व से जुड़ी बातों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
योग दिवस क्यों मनाया जाता है?
यहां कुछ प्रमुख कारण दिए गए हैं कि योग दिवस क्यों मनाया जाता है:
- योग के स्वास्थ्य लाभों को बढ़ावा देना: योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए कई लाभ प्रदान करता है। यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने, लचीलापन और ताकत बढ़ाने, हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने और समग्र रूप से बेहतर नींद लाने में मदद कर सकता है।
- योग के बारे में जागरूकता बढ़ाना: योग एक प्राचीन अभ्यास है जिसकी जड़ें भारत में हैं, लेकिन यह अब दुनिया भर में लोकप्रिय हो गया है। योग दिवस लोगों को योग के बारे में जानने और अपने जीवन में इसका अभ्यास शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करने का एक अवसर है।
- सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना: योग भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। योग दिवस इस विरासत को दुनिया के साथ साझा करने और लोगों को विभिन्न योग परंपराओं के बारे में जानने का अवसर प्रदान करता है।
- विश्व शांति और सद्भाव को बढ़ावा देना: योग को अक्सर शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने वाला एक तरीका माना जाता है। योग दिवस लोगों को एक साथ आने और दुनिया में शांति और समझ को बढ़ावा देने के लिए योग का अभ्यास करने का अवसर प्रदान करता है।
योग दिवस का इतिहास
पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। यह प्रस्ताव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2014 में दिया गया था। 177 देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जो एक रिकॉर्ड था। तब से, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनिया भर में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है, जिसमें योग प्रदर्शन, कार्यशालाएं और शैक्षिक कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं।
21 जून को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस?
योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि हिन्दू पंचांग के अनुसार 21 जून उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे बड़ा दिन होता है। इसे ग्रीष्म संक्रांति भी कहा जाता है। सूर्य के दक्षिणायन होने पर इसका तेज कम हो जाता है, जिससे वातावरण अशुद्ध हो जाता है और कीटाणु पैदा होते हैं एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो जाती है। इस कारण से स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से हर साल 21 जून के दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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