World Embryologist Day : हर साल 25 जुलाई को क्यों मनाते हैं विश्व एम्ब्रायोलॉजिस्ट दिवस? जानें इतिहास,महत्व और उद्देश्य

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World Embryologist Day in Hindi

हर दिन नई खोजें, नए आविष्कार, मानव जीवन को आसान और बेहतर बनाते जा रहे हैं। विज्ञान ने असंभव को संभव कर दिखाया है, जिसके परिणामस्वरूप हमारी ज़िंदगी पूरी तरह से बदल गई है। इस तरह जुलाई 25वां दिन विज्ञान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह वो दिन है जब मानव जाति ने एक अकल्पनीय उपलब्धि हासिल की थी। बता दें कि यह वह दिन है जब हम इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) की सफलता का जश्न मनाते हैं। आईये इस लेख के माधयम से जानते हैं इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) क्या है और आईवीएफ दिवस या विश्व एम्ब्रायोलॉजिस्ट दिवस मनाने का इतिहास और उद्देश्य क्या है। World Embryologist Day in Hindi के इस ब्लॉग में विस्तार से बताया गया है।

विश्व एंब्रियोलॉजिस्ट दिवस के बारे में

भ्रूणविज्ञानी, जीव विज्ञान के उस विशेषज्ञ को कहते हैं जो गर्भधारण से लेकर जन्म तक भ्रूण के विकास और विकास का अध्ययन करते हैं। वे मानव जीवन के इस अद्भुत और जटिल पहलू को समझने के लिए समर्पित होते हैं। ऐसे में उनके इस अमूल्य योगदान को सम्मानित करने के उद्देश्य से हर साल 25 जुलाई को वैश्विक स्तर पर आईवीएफ दिवस या विश्व एम्ब्रायोलॉजिस्ट दिवस (World Embryologist Day in Hindi) मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1978 से हुई, जब आईवीएफ के जरिए पहले बच्चे का जन्म हुआ। तब से हर साल 25 जुलाई को विश्व भ्रूणविज्ञानी दिवस मनाया जाने लगा।

विश्व एंब्रियोलॉजिस्ट डे का इतिहास

10 नवंबर 1977 को एक ऐतिहासिक घटना घटी जब डॉक्टर पैट्रिक स्टेप्टो और डॉक्टर रॉबर्ट एडवर्ड्स ने मिलकर पहली बार इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस प्रक्रिया के बाद 25 जुलाई, 1978 को लुईस का जन्म हुआ। लुईस जॉय ब्राउन इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के ज़रिए जन्म लेने वाली पहली बच्ची थीं। आईवीएफ तकनीक की सफलता की याद में हर साल 25 जुलाई को विश्व आईवीएफ दिवस या वर्ल्ड एम्ब्रयोलॉजिस्ट डे मनाया जाता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में IVF प्रक्रिया के माध्यम से पांच मिलियन से ज्यादा बच्चों को जन्म हो चुका है।

विश्व भ्रूणविज्ञानी दिवस का महत्व

विश्व भ्रूणविज्ञानी दिवस, उन वैज्ञानिकों और चिकित्सकों को समर्पित है जो भ्रूण विज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी रहे हैं। 25 जुलाई 1978 को विश्व का पहला आईवीएफ बेबी, “टेस्ट-ट्यूब बेबी” का जन्म हुआ था। ऐसे में यह दिवस इस ऐतिहासिक घटना को याद करने और आईवीएफ तकनीक के माध्यम से लाखों लोगों को जन्म देने में भ्रूणविज्ञानियों के योगदान का जश्न मनाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

विश्व भ्रूणविज्ञानी दिवस मनाने का उद्देश्य

यह दिवस आईवीएफ तकनीक और इसके लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, भ्रूण वैज्ञानिकों को धन्यवाद देने का अवसर देता है। ऐसे दंपत्ति जो गर्भधारण करने की उम्मीद खो चुके थे, उन्हें भ्रूणविज्ञानियों ने माता पिता बनने की एक नई राह दिखाई। ऐसे में यह दिवस आईवीएफ जैसी जटिल प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भ्रूणविज्ञानियों को सम्मानित करने का अवसर देता है।

क्या है IVF तकनीक?

आईवीएफ, या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, एक ऐसी तकनीक है जिसके जरिए गर्भ से बाहर लैब में भ्रूण को तैयार किया जाता है। आईवीएफ (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) को अक्सर टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से भी जाना जाता है। यह इसलिए है क्योंकि इस तकनीक के शुरुआती दौर में, भ्रूण को कांच के ट्यूब में विकसित किया जाता है। आपको बता दें कि भारत में सबसे पहले आईवीएफ के जरिए 1998 में आगरा में बच्चे का जन्म हुआ था, जिसका नाम उत्सव रखा गया था।

विश्व एंब्रियोलॉजिस्ट दिवस कैसे मनाया जाता है?

विश्व एंब्रियोलॉजिस्ट दिवस को निम्नलिखित तरीकों से मनाया जाता है :   

  • इस अवसर पर दुनियाभर में विभिन्न सम्मेलन और कार्यशालाएं आयोजित की जाती है जो भ्रूणविज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित होते हैं।
  • भ्रूणविज्ञान के बारे में जानकारी फैलाने के लिए सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाये जाते हैं। 
  • इसके अलावा छात्रों को भ्रूणविज्ञान के बारे में सिखाने और उन्हें इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्कूल में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • इन कार्यक्रमों में अक्सर भ्रूणविज्ञानियों द्वारा प्रस्तुतियाँ, प्रयोगशाला प्रदर्शन और इंटरेक्टिव गतिविधियाँ शामिल होती हैं।

FAQs

आईवीएफ की फुल फॉर्म क्या है?

IVF की फुल फॉर्म है इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In Vitro Fertilization)। पहले इसे टेस्ट ट्यूब बेबी के नाम से जाना जाता था। बता दें कि इस प्रक्रिया का प्रयोग सबसे पहले इंग्लैंड में 1978 में किया गया था।

भ्रूणविज्ञानी दिवस कब मनाया जाता है?

हर साल 25 जुलाई को विश्व भ्रूणविज्ञानी दिवस मनाया जाता है।

भ्रूणविज्ञानी दिवस क्यों मनाया जाता है?

विश्व भ्रूणविज्ञानी दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि यह दिन यानी 25 जुलाई इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) की सफलता की वर्षगांठ को चिह्नित करता है। 

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आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको World Embryologist Day in hindi से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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