Summer Vacation Shayari : गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी, जो बच्चों को छुट्टियों का आनंद लेना सिखाएंगी

1 minute read
Summer Vacation Shayari in Hindi

गर्मी का मौसम ऐसा आता है जहाँ बच्चों के स्कूलों को बंद कर दिया जाता है, ऐसे में बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों का महत्व जानकर अपने जीवन को कलात्मक बनाना चाहिए। इन छुट्टियों में बच्चे कुछ न कुछ क्रिएटिव कर सकते हैं, जिनसे उनका बौद्धिक और शारीरिक विकास दोनों ही रूप में हो सकता है। गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी बच्चों को छुट्टियों का आनंद लेने के लिए प्रेरित करेंगी। साथ ही बच्चे गर्मी के मौसम में होने वाले हेर-फेर को अपने शब्दों में प्रस्तुत कर पाएंगे। इस ब्लॉग में लिखित Summer Vacation Shayari in Hindi पढ़कर बच्चे इन छुट्टियों में कुछ नया करने के लिए प्रेरणा प्राप्त कर पाएंगे।

हिंदी में गर्मी के मौसम पर शायरी – Summer Vacation Shayari in Hindi

गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी के माध्यम से आप गर्मी के मौसम को अपने शब्दों में बयां कर पाएंगे। गर्मी के मौसम पर शायरी कुछ इस प्रकार हैं:

“शहर सुनसान सा पड़ा है इन गर्म हवाओं में
कैसे कह दूँ कि कुछ बदला नहीं है अभी…”

-मयंक विश्नोई

“इन गर्म हवाओं का असर ना जाने कितना जानलेवा होगा
ये हवाएं ना जाने कितने लोगों के सपनों का क़त्ल करेंगी आज…”

-मयंक विश्नोई

“प्रकृति भी पीड़ा में है ऐसी भीषण गर्मी से
ना जाने इसका भयानक रूप और क्या तबाही मचाएगा…”

-मयंक विश्नोई

“कड़ी धूप में अपनी चमड़ी जला रहे हैं
वो मजदूर होने का अपना कर्ज चुका रहे हैं…”

-मयंक विश्नोई

“उनकी तकलीफ को क्या ही बयां करे अब कोई
दमड़ी कमाने को जो, भरी दोपहरी में चमड़ी जलाते हैं…”

-मयंक विश्नोई

“मई का महीना भयंकर आग उगलता है
मई का महीना, मयखानों से भी बुरा लगता है…”

-मयंक विश्नोई

“एक तो वक़्त ऐसा है जिसने उलझा रखा है हमें
और एक ये गर्मी है जो हमें कुछ सुलझाने का मौका नहीं देती…”

-मयंक विश्नोई

“बहुत गर्मी पड़ रही है फिर से इस वर्ष
शायद ये जो कुछ है पेड़ों को काटने का नतीजा है…”

-मयंक विश्नोई

“क्या इंसान क्या पौधे सब इस गर्मी में जल रहे हैं
कितने पल है ऐसे इस शाम में जो तन्हाई में जा ढल रहे हैं…”

-मयंक विश्नोई

“अब क्या ही आफत मचाई जाए गर्मी के नाम पर
कहीं ना कहीं इस वक़्त के हम सभी जिम्मेदार थे…”

-मयंक विश्नोई

दोपहर की धूप में मेरे बुलाने के लिए
वो तिरा कोठे पे नंगे पाँव आना याद है 

-हसरत मोहानी

गर्मी लगी तो ख़ुद से अलग हो के सो गए
सर्दी लगी तो ख़ुद को दोबारा पहन लिया 

-बेदिल हैदरी

शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए
ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए 

-राहत इंदौरी

ये सुब्ह की सफ़ेदियाँ ये दोपहर की ज़र्दियाँ 
अब आईने में देखता हूँ मैं कहाँ चला गया 

-नासिर काज़मी

ये धूप तो हर रुख़ से परेशान करेगी
क्यूँ ढूँड रहे हो किसी दीवार का साया 

-अतहर नफ़ीस

फिर वही लम्बी दो-पहरें हैं फिर वही दिल की हालत है
बाहर कितना सन्नाटा है अंदर कितनी वहशत है

-ऐतबार साजिद

यह भी पढ़ें : विद्यार्थियों के लिए गर्मी की छुट्टी पर निबंध 300, 500, 750 शब्दों में

गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी – Summer Vacation Shayari in Hindi

गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी के माध्यम से आप गर्मी के मौसम को अपने शब्दों में बयां कर पाएंगे। गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी कुछ इस प्रकार हैं:

“कलाएं अब अंतर्मन की जागृत होने वाली हैं
लगता है अब गर्मियों की छुट्टियां आने वाली हैं…”

-मयंक विश्नोई

“गर्मियों की छुट्टियां सही मायनों में एक मौका है
मौका कुछ सीखने का, या कि दुनिया घूमने का…”

-मयंक विश्नोई

“गर्मियों की छुट्टियां हमें काफी कुछ दे जाती हैं
जीवन को आनंद के साथ जीना है कैसे, ये ही सिखाती हैं…”

-मयंक विश्नोई

“खुश हो जाएंगे सभी गर्मियों की छुट्टियां पड़ जाने पर
इस भयंकर गर्मी से किसी को तो कुछ आराम मिलेगा…”

-मयंक विश्नोई

“गर्मियों की छुट्टियां पड़ जाएंगी तो क्या करोगे ये मत पूछो
बस तुम देखना कि हम अब आगे क्या क्या करते हैं…”

-मयंक विश्नोई

यह भी पढ़ें : गर्मियों की छुट्टियों पर कविताएं, जो बच्चों को खुलकर जीने के लिए प्रेरित करेंगे

गर्मियों की छुट्टियों के मौके पर गर्मी पर शेर

गर्मियों की छुट्टियों पर शायरी के माध्यम से आप गर्मी पर शेर भी पढ़ पाएंगे, जो आपके सामने गर्मी के मौसम की कहानियां कहेंगे। गर्मी पर शेर (Summer Vacation Shayari in Hindi) कुछ इस प्रकार हैं:

कुछ अब के धूप का ऐसा मिज़ाज बिगड़ा है
दरख़्त भी तो यहाँ साएबान माँगते हैं

-मंज़ूर हाशमी

गर्मी-ए-शौक़-ए-नज़ारा का असर तो देखो
गुल खिले जाते हैं वो साया-ए-तर तो देखो

-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

लगा आग पानी को दौड़े है तू
ये गर्मी तेरी इस शरारत के बाद

-मीर तक़ी मीर

आते ही जो तुम मेरे गले लग गए वल्लाह
उस वक़्त तो इस गर्मी ने सब मात की गर्मी

-नज़ीर अकबराबादी

पिघलते देख के सूरज की गर्मी
अभी मासूम किरनें रो गई हैं

-जालिब नोमानी

गर्मी बहुत है आज खुला रख मकान को
उस की गली से रात को पुरवाई आएगी

-ख़लील रामपुरी

दश्त-ए-वफ़ा में जल के न रह जाएँ अपने दिल
वो धूप है कि रंग हैं काले पड़े हुए

-होश तिर्मिज़ी

धूप ने गुज़ारिश की
एक बूँद बारिश की

-मोहम्मद अल्वी

पड़ जाएँ मिरे जिस्म पे लाख आबले 'अकबर'
पढ़ कर जो कोई फूँक दे अप्रैल मई जून

-अकबर इलाहाबादी

गर्मी जो आई घर का हवा-दान खुल गया
साहिल पे जब गया तो हर इंसान खुल गया

-खालिद इरफ़ान

फिर याद बहुत आएगी ज़ुल्फ़ों की घनी शाम
जब धूप में साया कोई सर पर न मिलेगा

-बशीर बद्र

यह भी पढ़ें : विश्व पर्यावरण दिवस पर शायरी, जो आपको पर्यावरण के महत्व के बारे में बताएंगी

गर्मी पर ग़ज़लें

गर्मी पर ग़ज़लें एक अनोखे अंदाज़ में समाज के सामने गर्मी के मौसम की व्याख्या करेंगी। गर्मी पर ग़ज़लें कुछ इस प्रकार हैं:

क्या करोगे बचाव सूरज का

क्या करोगे बचाव सूरज का 
जानते हो सुभाव सूरज का 

गर्म है वो तो कम नहीं हम भी 
कौन सहता है ताओ सूरज का 

मेरे घर का चराग़ बुझते ही 
चढ़ गया कितना भाव सूरज का 

सुरमई शाम आए कमरे में 
अब तो पर्दा हटाओ सूरज का 

रात से जंग कर के आया है 
ताज़ा ताज़ा है घाव सूरज का 

मिलने जाता है रात से छुप कर 
इक फ़साना बनाओ सूरज का 

आसमानों से दोस्ती कर के 
बढ़ गया है तनाव सूरज का 

हो गई शाम सोचते क्या हो 
अब जनाज़ा उठाओ सूरज का 

रात भर मुँह छुपाए फिरता रहा 
कम नहीं फिर भी ताओ सूरज का 

रोज़ दरिया किनारे बैठ के हम 
जोड़ते हैं घटाओ सूरज का 

जुगनुओं से मुक़ाबला था 'फहीम' 
कौन करता बचाओ सूरज का

-फ़हीम जोगापुरी

मेरे दिल में उतर गया सूरज

मेरे दिल में उतर गया सूरज 
तीरगी में निखर गया सूरज 

दर्स दे कर हमें उजाले का 
ख़ुद अँधेरे के घर गया सूरज 

हम से वा'दा था इक सवेरे का 
हाए कैसा मुकर गया सूरज 

चाँदनी अक्स चाँद आईना 
आइने में सँवर गया सूरज 

डूबते वक़्त ज़र्द था उतना 
लोग समझे कि मर गया सूरज

-जावेद अख़्तर

दिन में इस तरह मिरे दिल में समाया सूरज

दिन में इस तरह मिरे दिल में समाया सूरज 
रात आँखों के उफ़ुक़ पर उभर आया सूरज 

अपनी तो रात भी जलते ही कटी दिन की तरह 
रात को सो तो गया दिन का सताया सूरज 

सुब्ह निकला किसी दुल्हन की दमक रुख़ पे लिए 
शाम डूबा किसी बेवा सा बुझाया सूरज 

रात को मैं मिरा साया थे इकट्ठे दोनों 
ले गया छीन के दिन को मिरा साया सूरज 

दिन गुज़रता न था कम-बख़्त का तन्हा जलते 
वादी-ए-शब से मुझे ढूँड के लाया सूरज 

तू ने जिस दिन से मुझे सौंप दिया ज़ुल्मत को 
तब से दिन में भी न मुझ को नज़र आया सूरज 

आसमाँ एक सुलगता हुआ सहरा है जहाँ 
ढूँढता फिरता है ख़ुद अपना ही साया सूरज 

दिन को जिस ने हमें नेज़ों पे चढ़ाए रक्खा 
शब को हम ने वही पलकों पे सुलाया सूरज

-आज़ाद गुलाटी

यह भी पढ़ें : इस फादर्स डे पर अपने फादर को डेडिकेट करें कुछ यूनिक शायरी

शायरी से संबंधित अन्य आर्टिकल

Fathers Day Shayari in HindiDiwali Shayari in Hindi
Ambedkar Shayari in HindiNew Year Motivational Shayari in Hindi
Happy New Year Shayari in HindiLohri Shayari in Hindi
Indian Army Day Shayari in HindiRepublic Day 2024 Shayari in Hindi
20+ बेस्ट सच्ची दोस्ती शायरी जो दिल को छू जाएँDada Dadi Shayari
Firaq Gorakhpuri Shayari in HindiEid Mubarak Shayari
Valentine Day Shayari in HindiRepublic Day 2024 Shayari in Hindi
चन्द्रशेखर आजाद शायरीमाता पिता पर शायरी
भाई के लिए शायरीशकील बदायूनी के चुनिंदा शेर, शायरी और ग़ज़ल

आशा है कि इस ब्लॉग के माध्यम से आपको गर्मियों की छुट्टियों पर Summer Vacation Shayari in Hindi पढ़ने का अवसर मिला होगा, साथ ही आपको गर्मी पर ग़ज़लें पढ़ने का भी मौका इस ब्लॉग के माध्यम से मिला होगा। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*