हर साल इस वजह से मनाया जाता है राष्ट्रीय पठन दिवस, जानें थीम, इतिहास और महत्व   

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राष्ट्रीय पठन दिवस

केरल में लाइब्रेरी मूवमेंट की शुरुआत करने वाले पीएन पैनिकर के सम्मान में हर साल 19 जून को राष्ट्रीय पठन दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रीय पठन दिवस सभी उम्र के लोगों के बीच साक्षरता और पढ़ने के प्रति प्रेम को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक उत्सव है। इस दिन का उद्देश्य अधिक लोगों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना और पढ़ने की परंपरा को जीवित रखना है, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम National Reading Day in Hindi के बारे में जानेंगे।  

राष्ट्रीय पठन दिवस के बारे में

केरल के शिक्षक पी.एन. पैनिकर को सम्मानित करने के लिए 19 जून को भारत में National Reading Day in Hindi के रूप में मनाया जाता है। पुथुवयिल नारायण पणिक्कर को केरल में पुस्तकालय आंदोलन के जनक के रूप में जाना जाता है। 19 जून 1995 को उनकी मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद 1996 में उनकी श्रद्धांजलि के रूप में इस दिवस को मनाने की शुरुआत हुई। 

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पी. एन. पनिकर और पढ़ने को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका

National Reading Day in Hindi – पी. एन. पनिकर और पढ़ने को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका के बारे में यहाँ बताया गया

है : 

  • पी एन पनिकर ने अपना जीवन शिक्षण के लिए समर्पित कर दिया। उनका मानना ​​था कि शिक्षा सामाजिक विकास की कुंजी है और इसे बढ़ावा देने के लिए उन्होंने अपने होमटाउन में सनदानधर्मम पुस्तकालय की स्थापना की।
  • 1945 में उन्होंने त्रावणकोर लाइब्रेरी एसोसिएशन की स्थापना की। इस एसोसिएशन ने पढ़ने को बढ़ावा देने के लिए काम किया। 
  • पनिकर ने पढ़ने के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाते हुए पूरे देश में यात्रा की, जिसके परिणामस्वरूप उनके जीवनकाल में उनके नेटवर्क में 6000 पुस्तकालय शामिल हुए। उनके संगठन को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा मान्यता दी गई थी और 1975 में प्रतिष्ठित ‘क्रुपसकाया पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
  • पनिकर ने 32 वर्षों तक इस एसोसिएशन के महासचिव के रूप में कार्य किया। 1977 में, राज्य सरकार ने त्रावणकोर लाइब्रेरी एसोसिएशन का अधिग्रहण कर लिया और इसका नाम बदलकर केरल राज्य लाइब्रेरी काउंसिल कर दिया। 

राष्ट्रीय पठन दिवस का इतिहास क्या है?

National Reading Day in Hindi का इतिहास यहाँ बताया गया है : 

  • भारत में राष्ट्रीय पठन दिवस की शुरुआत 1996 में पुथुवयिल नारायण पनिकर के सम्मान में की गई थी।
  • पुथुवयिल नारायण पनिकर को केरल के लाइब्रेरी मूवमेंट का फादर कहा जाता था। 
  • 19 जून को पुथुवयिल नारायण पनिकर का निधन हो गया था, जिसके कारण इस दिन को राष्ट्रीय पठन दिवस के रूप में घोषित करने का फैसला लिया गया। 
  • 21 जून 2004 में सरकार ने पुथुवयिल नारायण पनिकर की याद में एक डाक टिकट जारी करके उन्हें सम्मानित किया। 
  • 2017 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पठन दिवस की शुरुआत की थी। 

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केरल की साक्षरता दर पर पी. एन. पनिकर का प्रभाव

पनिकर ने शिक्षा और विकास के लिए केरल एसोसिएशन की स्थापना की। इस संगठन का उद्देश्य राज्य में साक्षरता दर को बढ़ाना था और साक्षरता मिशन पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव था। पनिकर के केरला एसोसिएशन फॉर नॉन- फॉर्मल एजुकेशन एंड डेवलपमेंट (KANFED) ने केरल में 100% साक्षरता हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

पी.एन. पनिकर को पुस्तकालय आंदोलन का जनक क्यों कहा जाता है?

पनिकर को पुस्तकालय आंदोलन के जनक के रूप में जाना जाता है क्योंकि उन्होंने 1945 में त्रावणकोर लाइब्रेरी एसोसिएशन के तहत 47 स्थानीय पुस्तकालयों की स्थापना की थी। 1956 में इसे केरल ग्रान सासरा संगम (केजीएस) में बदल दिया गया था। 

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राष्ट्रीय पठन दिवस कब मनाया जाता है?

National Reading Day हर साल 19 जून को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य अधिक लोगों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना है। 

राष्ट्रीय पठन दिवस का महत्व क्या है?

National Reading Day साक्षरता को बढ़ावा देने और सभी उम्र के लोगों के बीच पढ़ने के प्रति प्रेम को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है, जिसके लिए यहां कुछ कारण बताए गए हैं कि राष्ट्रीय पठन दिवस क्यों महत्वपूर्ण है:

  • राष्ट्रीय पठन दिवस समाज में साक्षरता और पढ़ने के कौशल के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है। 
  • पढ़ने से शब्दावली, व्याकरण और समझ सहित भाषा कौशल को बेहतर बनाने में मदद मिलती है। राष्ट्रीय पठन दिवस मनाकर, समुदाय एक ऐसे वातावरण को बढ़ावा दे सकते हैं जहाँ भाषा सीखने को प्रोत्साहित किया जाता है और मनाया जाता है।
  • राष्ट्रीय पठन दिवस लोगों को पढ़ने के माध्यम से विविध विषयों और दृष्टिकोणों का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करता है। 
  • राष्ट्रीय पठन दिवस मनाकर, समुदाय व्यक्तियों को आजीवन पढ़ने की आदत विकसित करने के लिए प्रेरित करते हैं। 

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राष्ट्रीय पठन दिवस क्यों मनाया जाता हैं?

लोगों को पढ़ने के महत्व के बारे में बताने के लिए राष्ट्रीय पठन दिवस मनाया जाता है। पढ़ना अच्छी आदतों में से एक है जो हमारे पढ़ने के कौशल, रचनात्मक कौशल, शब्दावली और एकाग्रता शक्ति को मजबूत बनाता है। आज के समय में पढ़ने की आदत कम हो गई है क्योंकि लोग ज्यादातर मनोरंजन के अन्य साधन जैसे मोबाइल, टेलीविजन आदि पसंद करते हैं। 

राष्ट्रीय पठन दिवस 2024 थीम 

National Reading Day in Hindi : किसी भी कार्यक्रम के आयोजन के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। ऐसे ही 2024 के लिए राष्ट्रीय पठन दिवस की थीम ‘रीडिंग इस दी फाउंडेशन ऑफ़ आल इन लाइफ’ (Reading is The Foundation of All in Life) रखी गई है। 

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राष्ट्रीय पठन दिवस से जुड़े तथ्य 

रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार National Reading Day in Hindi (राष्ट्रीय पठन दिवस) से जुड़े तथ्य यहाँ दिए गए हैं : 

  • पी.एन. पनिकर एक शिक्षक थे और केरल में उन्हें पुस्तकालय आंदोलन के जनक के रूप में जाना जाता है। 
  • 1945 में उन्होंने त्रावणकोर लाइब्रेरी एसोसिएशन की शुरुआत की, जो बाद में केरल ग्रंथशाला संघम (KGS) में बदल गई। 
  • 1956 में केरल के गठन के बाद पनिकर ने लगभग 6,000 पुस्तकालयों को शामिल करने के लिए केजीएस नेटवर्क बढ़ाया।
  • 1977 में केरल सरकार द्वारा संगठन का अधिग्रहण करने तक पनिकर ने केजीएस के महासचिव के रूप में कार्य किया। उनके नेतृत्व में, केजीएस को 1975 में यूनेस्को क्रुपकाया पुरस्कार प्राप्त हुआ।
  • पनिकर ने केरल एसोसिएशन फॉर नॉन-फॉर्मल एजुकेशन एंड डेवलपमेंट (KANFED) की स्थापना की, जिसने ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता दर और शिक्षा जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।

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FAQs

राष्ट्रीय पठन दिवस का क्या महत्व है?

भारत में लोग शिक्षा और साक्षरता आंदोलन को बढ़ावा देने में पुथुवायिल नारायण पणिक्कर के योगदान का सम्मान करने के लिए इस दिन को मनाते हैं।

राष्ट्रीय पठन दिवस कब मनाया जाता है?

राष्ट्रीय पठन दिवस हर साल 19 जून को मनाया जाता है। 

राष्ट्रीय पठन दिवस किसके सम्मान में मनाया जाता है?

राष्ट्रीय पठन दिवस पुथुवयिल नारायण पनिकर के सम्मान में मनाया जाता है। 

National Reading Day की शुरुआत कब हुई?

भारत में राष्ट्रीय पठन दिवस की शुरुआत 1996 में हुई। 

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको National Reading Day in Hindi से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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