Maharana Pratap Jayanti in Hindi : भारतीय इतिहास वीरता, साहस, बलिदान और नैतिकता जैसे अनगिनत उदाहरणों से भरा पड़ा है। उन्ही में से एक हैं महाराणा प्रताप जो कि युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। महाराणा प्रताप एक कुशल प्रशासक थे। मुगलों के लगातार हमलों के बावजूद उन्होंने अपनी सेना में प्रशासन बनाए रखा और अपनी राजधानी को कुंभलगढ़ और बाद में चावंड में बदल दिया।
इसके अलावा उनके सक्षम सैन्य प्रशासन के कारण 1582 में उन्होंने देवैर की लड़ाई में सफलता प्राप्त की और मेवाड़ क्षेत्र में 36 मुगल सैन्य चौकियों पर कब्जा कर लिया, जिसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए साथ ही महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े प्रश्न स्टूडेंट्स से परीक्षाओं में भी पूछ लिए जाते हैं। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम Maharana Pratap Jayanti in Hindi के बारे में जानेंगे।
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महाराणा प्रताप कौन थे?
महाराणा प्रताप का जन्म मेवाड़ के राजपूत परिवार में हुआ था और वह एक राजपूत राजा थे जिन्हें ‘मेवाड़ी राणा’ के नाम से जाना जाता था। वह लोगों के बीच साहस और वीरता के प्रतीक थे और भारत में उन्हें मुगल साम्राज्य के प्रति उनके सैन्य प्रतिरोध के लिए सम्मानित किया जाता है। महाराणा प्रताप का विवाह बिजोलिया के अजबदे पुनवार से हुआ था। उन्होंने अकबर के खिलाफ कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ लड़ीं जिनमें 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई भी शामिल थी। उनकी बहादुरी ने कई अन्य लोगों को प्रेरित किया जिन्होंने बाद में मुगलों के खिलाफ विद्रोह किया।
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महाराणा प्रताप जयंती का इतिहास क्या है?
महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के मेवाड़ राज्य के शासक राजा, महाराणा उदय सिंह द्वितीय के यहाँ हुआ था। पिता के निधन के बाद महाराणा प्रताप युवराज बनकर राजगद्दी पर बैठे। महाराणा प्रताप ने अपने शुरुआती वर्षों में बहुत सारी लड़ाइयाँ लड़ीं और देश में आजादी की पहली लड़ाई भी छेड़ी। हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप ने सम्राट अकबर के साथ लड़ाई लड़ी। जनवरी 1597 में एक शिकार दुर्घटना के बाद महाराणा प्रताप को काफी चोटें आईं और उसी वर्ष 29 जनवरी को उनका निधन हो गया।
महाराणा प्रताप जयंती कब मनाई जाती है?
जूलियन कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था। हालाँकि उनकी जयंती हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीया तिथि को भी मनाई जाती है।
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महाराणा प्रताप जयंती का महत्व क्या है?
महाराणा प्रताप अपनी वीरता और बहादुरी के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान के कई शाही परिवारों द्वारा उनकी पूजा की जाती है। महाराणा प्रताप राजपूतों के सिसौदिया वंश से थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन अपने राष्ट्र, अपने लोगों और अपने राज्य के लिए समर्पित कर दिया। इसी कारण हर साल उनके सम्मान में महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है।
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महाराणा प्रताप द्वारा लड़े गए युद्ध कौनसे हैं?
महाराणा प्रताप द्वारा लड़े गए प्रसिद्ध युद्ध यहाँ दिए गए हैं :
संख्या | युद्ध का नाम | युद्ध की तारीख |
1 | हल्दीघाटी का युद्ध (Battle of Haldighati) | 18 जून 1576 |
2 | मेवाड़ पर पुनः कब्ज़ा (Reconquest of Mewar) | 1582 |
3 | चित्तौड़गढ़ की घेराबंदी (Siege of Chittorgarh) | – |
4 | डेवेर की लड़ाई (Battle of Dewair) | – |
5 | गोगुंदा का युद्ध (Battle of Gogunda) | जून 1576 (युद्ध की शुरुआत) |
6 | रक्ततलाई का युद्ध (Battle of Rakhtalai) | 18 जून 1576 |
महाराणा प्रताप जयंती क्यों मनाई जाती हैं?
महाराणा प्रताप जयंती मेवाड़ के राजपूत राजा महाराणा प्रताप सिंह की याद में मनाया जाने वाला त्योहार है। महाराणा प्रताप एक सच्चे देशभक्त के रूप में प्रसिद्ध हैं जिन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की थी। उन्होंने हल्दीघाटी की लड़ाई में सबसे प्रसिद्ध मुगल सम्राटों में से एक अकबर के साथ लड़ाई लड़ी। इसलिए उनके सम्मान में हर साल यह जयंती मनाई जाती है।
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महाराणा प्रताप जयंती कैसे मनाते हैं?
Maharana Pratap Jayanti in Hindi : महाराणा प्रताप की जयंती पर लोग उनकी कई प्रतिमाओं के दर्शन करके और उनकी विरासत को याद करने के लिए परेड और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित करके महाराणा प्रताप जयंती मनाते हैं।
महाराणा प्रताप से जुड़े तथ्य
Maharana Pratap Jayanti in Hindi : महाराणा प्रताप से जुड़े तथ्य यहाँ बताए गए हैं :
- 9 मई 1540 में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था और उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था।
- महाराणा प्रताप का बचपन का नाम कीका था।
- महाराणा प्रताप के 17 बेटे, 5 बेटियां और 11 पत्नियां थीं।
- महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम ‘चेतक’ था जो की अपने मालिक के प्रति वफादारी के लिए जाना जाता है।
- हल्दी घाटी पर महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बनाया गया है।
- महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो और छाती का कवच 72 किलो का था।
- रामप्रसाद महाराणा प्रताप के हाथी का नाम था जिसने हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर के 40 हाथियों को अकेले मार गिराया था।
- महाराणा प्रताप सिसोदिया राजपूत वंश के 13वें शासक थे।
- भारतीय इतिहास में महाराणा प्रताप की तलवार को सबसे भरी तलवार माना जाता है जिसका का वजन 1.799 किलो था।
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FAQs
महाराणा प्रताप का जन्म 1540 में हुआ था।
महाराणा प्रताप की मृत्यु 19 जनवरी 1597 को हुई थी।
महाराणा प्रताप की 14 पत्नियां थीं।
महाराणा प्रताप मेवाड़ के राजपूतों के सिसौदिया वंश से थे।
महाराणा प्रताप की जिसका वजन 1.799 किलो था।
महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Maharana Pratap Jayanti in Hindi से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।