सालभर में कई ऐसे महत्वपूर्ण दिवस मनाये जाते हैं जो विभिन्न सामाजिक, स्वास्थ्य और पर्यावरणीय मुद्दों को उजागर करने और लोगों को सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रेरित करने का काम करते हैं। महिला दिवस (8 मार्च), अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस (1 मई), विश्व कैंसर दिवस (4 फरवरी) जैसे कई ऐसे दिवस हैं जिनका आयोजन जागरूकता फैलाने, ज्ञान साझा करने, सामूहिक कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस भी इन्हीं महत्वपूर्ण दिवसों में से एक है, जो हर साल जून के महीने में दुनियाभर में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाना। इस दिवस (International Day of the Tropics in Hindi) के बारे में आदि जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़ें।
This Blog Includes:
- अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस के बारे में
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्र किसे कहते हैं?
- अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस का इतिहास – History of International Day of the Tropics in Hindi
- अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस का उद्देश्य
- अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस कैसे मनाएं?
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बारे में रोचक तथ्य
- FAQs
अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस के बारे में
हर साल 29 जून को दुनियाभर में अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस मनाया जाता है। यह संयुक्त राष्ट्र की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य पृथ्वी के उष्णकटिबंधीय क्षत्रों को बढ़ावा देना, संरक्षण रणनीतियों के बारे में जागरूकता फैलाना और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में लोगों को जागरूक करना है। यह दिवस हमें उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के महत्व को याद दिलाता है और इन अद्भुत क्षेत्रों की रक्षा करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने के लिए प्रेरित करता है।
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र किसे कहते हैं?
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र वह क्षेत्र हैं जो पृथ्वी के लगभग मध्य में मौजूद है। अन्य शब्दों में कहे तो कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच आने वाले क्षेत्र को उष्णकटिबंधीय क्षेत्र कहा जाता है। यह क्षेत्र पृथ्वी पर मौजूद लगभग 70% से अधिक प्रजातियों का घर है जिसमें पौधे, जानवर, पक्षी, मछली और कीड़े शामिल हैं। 2014 की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया की 40% आबादी इन क्षेत्रों में रहती है। वहीं ऐसा अनुमान लगाया गया है कि यह आंकड़ा 2050 तक 10 प्रतिशत से अधिक यानी 50% बढ़ने की उम्मीद है।
अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस का इतिहास – History of International Day of the Tropics in Hindi
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र की पहली रिपोर्ट 29 जून 2014 को सामने आयी थी। बता दें कि ‘स्टेट ऑफ द ट्रॉपिक्स रिपोर्ट, नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की द्वारा पेश की थी। वह रिपोर्ट शीर्ष 12 उष्णकटिबंधीय अनुसंधान संस्थानों के प्रयासों का परिणाम था जिसमें उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए थे। वहीं रिपोर्ट के लॉन्च के ठीक 2 साल बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2016 में 29 जून को ‘इंटरनेशनल डे ऑफ ट्रॉपिक्स’ के रूप में मनाने की घोषणा की थी। तब से लेकर हर साल यह दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर दुनियाभर में विभिन्न सेमिनार और कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस का उद्देश्य
अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस के उद्देश्य निम्नलिखित है :
- इस दिवस को मनाये जाने का मुख्य उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
- यह दिवस उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और उनके संस्कृतियों को सम्मान करने का अवसर प्रदान करता है।
- यह दिवस उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों की रक्षा करने वाले संगठनों के सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है।
- यह दिवस उष्णकटिबंधीय दिवस के महत्व को याद दिलाता है और इसकी रक्षा के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस कैसे मनाएं?
अंतर्राष्ट्रीय उष्णकटिबंधीय दिवस को आप निम्नलिखित तरीकों से मना सकते है :
- आप सोशल मीडिया पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बारे में जागरूकता फैला सकते हैं।
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए वेबिनार या सेमिनार का आयोजन कर सकते हैं।
- उष्णकटिबंधीय दिवस के महत्व के बारे में कोई लेख प्रतियोगिता आयोजित कर सकते हैं।
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में आने वाले खतरों के बारे में खुद भी जानें और दूसरों को भी बताएं।
- उन संगठनों का समर्थन करें जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के लिए काम करते हैं।
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बारे में रोचक तथ्य
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के बारे में रोचक तथ्य निम्नलिखित है :
- विश्व के सबसे महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्रों में से एक मैंग्रोव वन, मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। यह 99% मैंग्रोव प्रजातियों का घर है।
- कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का नामकरण 2000 साल पहले हुआ था।
- पृथ्वी पर अन्य क्षेत्रों की तुलना में उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों को अधिक सीधी धूप प्राप्त होती है।
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्र अपनी हरी-भरी वनस्पति के लिए लोकप्रिय है।
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्र, पृथ्वी का वह क्षेत्र है जो मकर रेखा और कर्क रेखा के बीच स्थित है।
FAQs
उष्णकटिबंधीय दिवस प्रतिवर्ष 29 जून को दुनियाभर में मनाया जाता है।
उष्णकटिबंधीय क्षेत्र, वह क्षेत्र होता है जहां पूरे वर्ष सूर्य की सीधी किरणें पड़ती हैं और अधिकतम गर्मी पड़ती है, उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। यहां का मौसम औसतन गर्म और आर्द्र रहता है।
भारत में उष्ण कटिबंध क्षेत्र में पश्चिमी घाट, असम के ऊपरी हिस्से, तमिलनाडु तट और लक्षद्वीप एवं अंडमान और निकोबार शामिल हैं।
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