Inspirational Story of Abraham Lincoln in Hindi : अब्राहम लिंकन की संघर्ष की ये कहानी बदल देगी जीवन के प्रति आपका नजरिया

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Inspirational Story of Abraham Lincoln in Hindi

हर किसी के जीवन में चुनौतियां होती हैं लेकिन कई बार हमें इनसे सीखकर आगे बढ़ना होता है। कुछ इसी तरह का संघर्ष से भरा जीवन अमेरिका के महान राष्ट्रपतियों में से एक अब्राहम लिंकन का रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति बनने से पहले लिंकन कई बार असफल हुए और उन्हें चुनाव में हार भी मिली, लेकिन मेहनत और लगन से वह कैसे आगे बढ़ते रहे और 1861 में अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बनकर सफलता की चमक बिखेरनी की कहानी हम सभी के लिए प्रेरणादायी है, इसलिए इस ब्लाॅग में हम Inspirational Story of Abraham Lincoln in Hindi पढ़ेंगे।

नामअब्राहम लिंकन (Abraham Lincoln)
जन्म12 फरवरी 1809
जन्म स्थानकेंटकी प्रांत, अमेरिका
पिता का नामथॉमस लिंकन
माता का नामनैंसी लिंकन
पत्नी का नाममैरी टॉड
अमेरिका के राष्ट्रपति16वें
निधन14 अप्रैल 1865.

अब्राहम लिंकन के बारे में

अमेरिका के राष्ट्रपति रहे अब्राहम लिंकन का जन्म 12 फरवरी 1809 को अमेरिका के केंटकी प्रांत में एक गरीब अश्वेत परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘थॉमस लिंकन’ और माता का नाम ‘नैंसी लिंकन’ था। अब्राहम लिंकन ने अपना करियर 1848-1854 तक एक वकील के रूप में शुरू किया और बाद में पाॅलिटिक्स में प्रवेश किया था। 

1854 में उन्होंने ‘रिपब्लिकन पार्टी’ में एंट्री की थी। इसके बाद बहुत से संघर्षों का सामना करते हुए उन्होंने वर्ष 1860 में अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति का चुनाव जीता था। लिंकन को 4 मार्च 1864 को दोबारा से अमेरिका का राष्ट्रपति चुना गया था। 14 अप्रैल 1865 का दिन बहुत अहम माना जाता है। क्योंकि इस दिन अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन को वाशिंगटन डीसी के फोर्ड थिएटर में एक रंगकर्मी ने गोली मार दी थी। जिसके बाद उनका 15 अप्रैल 1865 को 56 वर्ष की आयु में निधन हो गया था।

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अब्राहम लिंकन की प्रेरणादायी कहानी (Inspirational Story of Abraham Lincoln in Hindi)

संघर्षों ने लिंकन को एक चरित्रवान व्यक्ति बनने में मदद की। इसलिए हमारा लक्ष्य आपके साथ अब्राहम लिंकन के बारे में कुछ प्रमुख व्यक्तिगत पहलुओं को साझा करना है जो आपको अपने जीवन में बड़ी उपलब्धि के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। 

12 फरवरी 1809 को अमेरिका के एक गरीब परिवार में जन्मे लिंकन का बचपन गरीबी में गुजरा था। उनके पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि उन्हें स्कूल भेज सकें, इसलिए पेट पालने के लिए उन्हें बचपन से ही मजदूरी करनी पड़ी, लेकिन पढ़ाई के प्रति उनका काफी जुनून था और समय मिलने पर बुक्स पढ़ते थे। 

कहा जाता है कि शुरुआत में लिंकन लोगों के खेतों में जाकर काम भी करते थे, हालांकि बाद में उनकी नौकरी एक दुकान में लग गई और इससे उन्हें पढ़ने का समय मिल गया। इसके बाद लिंकन ने अपनी लॉ की पढ़ाई की और पोस्टमास्टर की नौकरी भी हासिल कर ली। संघर्षों में बीत रहे जीवन से काफी कुछ सीखने और समझने के बाद लिंकन ने समाज में देखा कि लोगों को काफी परेशानी हो रही है और इसको लेकर उन्होंने राजनीति में जाने का फैसला किया। 

राजनीति में जाने का उनका फैसला उस समय का था जब अमेरिका में दास प्रथा हावी थी, लेकिन लिंकन इसे खत्म करना चाहते थे। इसी को देखते हुए लिंकन ने पहली बार चुनाव लड़ा और हार गए। चुनाव के चलते उन्होंने अपनी नौकरी भी छोड़ दी थी, लेकिन अब्राहम लिंकन ने हार नहीं मानी और आगे बढ़ते रहे और 1861 में अब्राहम लिंकन रिपब्लिकन पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बने।

लिंकन ने हर निराशा और असफलता का साहस के साथ सामना कर अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर नेतृत्व की राह पर आगे बढ़े। उनके जीवन ने दुनिया भर के अनगिनत नेताओं और उभरते युवाओं को प्रेरित किया है। एक बार अब्राहम लिंकन एक घबराए हुए दोस्त की कहानी सुन रहे थे जो अपने जीवन की असफलताओं और दुर्भाग्य के बारे में बता रहा था। 

अपनी बात ख़त्म होने के बाद अब्राहम लिंकन ने उस व्यक्ति से एक बोर्ड पर नज़र डालने को कहा। लिंकन के मित्र ने बोर्ड पर बारीकी से नज़र डाली और बोर्ड पर लिखी सामग्री को पढ़ा। बोर्ड पर लिखी सामग्री अब्राहम लिंकन के जीवन के दौरान हुई असफलताओं की सूची थी। 

बोर्ड पर लिखी सामग्री को पढ़ने के बाद उस व्यक्ति के चेहरे पर आशा की एक नई चमक दिखाई दी और उसने अपने लक्ष्य के प्रति नई दिशा दिखाने के लिए लिंकन को हृदय से धन्यवाद दिया। आइए उन निराशाजनक विफलताओं की सूची पर एक नज़र डालें जिन्हें लिंकन ने मुस्कुराते हुए सहन किया और अमेरिका के एक महान नेता बने।

  • 1818 में 9 साल की उम्र में अपनी मां को खो दिया।
  • 1832 में अपनी नौकरी खो दी।
  • व्यवसाय में असफल (21 वर्ष की आयु में)
  • विधायी चुनाव में बुरी तरह हार गए (22 वर्ष की आयु में)
  • अपने प्रिय की असामयिक मृत्यु का सामना करना पड़ा (24 वर्ष की आयु में)
  • गंभीर नर्वस ब्रेकडाउन का सामना करना पड़ा (27 वर्ष की आयु में)
  • कांग्रेस की दौड़ में पराजित हुए (34 वर्ष की आयु में)
  • सीनेटर बनने में असफलता का सामना करना पड़ा (45 वर्ष की आयु में)
  • उपराष्ट्रपति बनने में पुनः असफल (47 वर्ष की आयु में)
  • सीनेटरियल रेस हारने की असफलता से उबरना पड़ा (49 वर्ष की आयु में)
  • संयुक्त राज्य अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बने (52 वर्ष की आयु में)

लिंकन का ये विचार बदलेगा आपका दृष्टिकोण 

अपनी चुनौतियों से पार पाने के बाद जीवन में सफलता का उजाला करने वाले लिंकन की कहानी हम सभी का जीवन के प्रति अपना दृष्टिकोण बदल देगी, क्योंकि लिंकन ने एक बार कहा था कि मुझे एक पेड़ काटने के लिए छह घंटे दीजिए और मैं पहले चार घंटे कुल्हाड़ी की धार तेज करने में लगाऊंगा। आप दुनिया में सबसे मजबूत लकड़हारा हो सकते हैं, लेकिन एक कुंद (dull) कुल्हाड़ी के साथ आप मुसीबत में हैं।

विषय के बारे में सोचना, यह सीखना कि कैसे करना है, करने से पहले सुधार करना… ये सभी चीजें ताकत बढ़ाने वाली हैं। आप कड़ी मेहनत कर सकते हैं, भागदौड़ कर सकते हैं, घंटों लगा सकते हैं, काम कर सकते हैं, लेकिन जादू तब होता है जब आप पहले से ही अपने कौशल को बेहतर बनाने का लक्ष्य रखते हैं।

राष्ट्रपति के पद पर भी किया प्रेरणादायक काम

Inspirational Story of Abraham Lincoln in Hindi जानने के साथ यह समझना जरूरी है कि अब्राहम लिंकन ने राष्ट्रपति के पद पर रहने के दौरान कई बड़े काम किए और वह लोगों के महत्वपूर्ण थे। जब वह राष्ट्रपति थे तो इस दौरान एक व्यक्ति आजीवन कारावास की सजा काट रहा था और जेल में 10 साल शांति से बिताने के बाद उसने भविष्य में एक अच्छे नागरिक का जीवन बिताने के उद्देश्य से लिंकन को बाकी बची सजा को माफ करने के लिए प्रार्थना पत्र भेजा था। जिसे लिंकन ने खुद उस व्यक्ति की सिफारिश का पत्र लिखकर उसकी बाकी बची हुई सजा को माफ करने की बात स्वीकार ली।

अब्राहम लिंकन पर 10 लाइन्स

अब्राहम लिंकन पर 10 लाइन्स इस प्रकार हैंः

  1. लिंकन का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था और उन्हें हर जगह पराजय का सामना करना पड़ा। 
  2. लिंकन व्यवसाय में दो बार असफल हुए और आठ बार चुनाव हारे थे।
  3. 1861 में अब्राहम लिंकन रिपब्लिकन पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बने थे।
  4. 1861 में लिंकन ने मुक्ति उद्घोषणा विधेयक जारी किया और 1863 में अमेरिका की धरती से दास प्रथा को समाप्त कर दिया गया था।
  5. अब्राहम लिंकन उन चार पूर्व राष्ट्रपतियों में से एक हैं जो माउंट रशमोर पर दिखाई देते हैं।
  6. अब्राहम लिंकन एक वकील भी थे।
  7. अब्राहम लिंकन को ‘ईमानदार अबे’ उपनाम दिया गया था।
  8. लिंकन मेमोरियल वाशिंगटन डी.सी. में है।
  9. लिंकन परिवार ने व्हाइट हाउस की खाने की मेज पर अपनी बिल्ली के साथ खाना खाया।
  10. 2012 में स्टीवन स्पीलबर्ग ने ‘लिंकन’ नामक फिल्म बनाई और इसमें अभिनेता ‘डैनियल डे-लुईस’ ने द प्रेसिडेंट लिंकन की भूमिका निभाई थी।

FAQs

अब्राहम लिंकन की राजनीतिक पार्टी से थे?

अब्राहम लिंकन रिपब्लिकन पार्टी से थे। 

अब्राहम लिंकन कब अमेरिका के राष्ट्रपति बने?

अब्राहम लिंकन वर्ष 1860 में अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति बने थे। 

अब्राहम लिंकन का निधन कब हुआ था?

अब्राहम लिंकन का 15 अप्रैल 1865 को 56 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। 

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Inspirational Story of Abraham Lincoln in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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