गणतंत्र दिवस को भारत के लोकतंत्र का महापर्व का दर्जा प्राप्त है, क्योंकि इसी दिन स्वतंत्र भारत के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान को लागू किया गया था। भारत के नागरिकों को सम्मान के साथ स्वतंत्रता की अनुभूति कराने के साथ-साथ, भारत के नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए 26 जनवरी 1950 में विधि विधान के साथ भारत ने स्वयं को गणराज्य घोषित किया था। हर वर्ष इसी ख़ुशी में देशभक्ति के जोश के साथ गणतंत्रता दिवस मनाया जाता है, इस वर्ष भारत का 75वां गणतंत्र दिवस है जिसको भारत पूरी सकारात्मकता के साथ मनाने जायेगा। विद्यार्थियों को इस दिन की महत्वता समझाने में गणतंत्र दिवस पर ग़ज़ल मुख्य भूमिका निभाएंगी, जिसको पढ़ने के लिए आपको यह पोस्ट अंत तक पढ़नी होगी।
गणतंत्र दिवस पर ग़ज़ल
गणतंत्र दिवस पर ग़ज़ल पढ़कर युवा देशभक्ति से ओतप्रोत हो सकते हैं, जिसके बाद वह अपने सपनों को साकार करने के लिए साहस जुटा सकते हैं। गणतंत्र दिवस पर ग़ज़ल निम्नलिखित है;
भारत भाग्य विधाता है
“सपनों को साकार करता, साहस का पर्याय कहलाता है निरंतर आगे बढ़ने वाला, भारत भाग्य विधाता है ज़ख्मों को खुद पर सहकर भी, जो हताश नहीं रह पाता है आशाओं का आयाम नया है, भारत भाग्य विधाता है आज़ादी के अनमोल रत्न से, जो बहुमूल्य बन जाता है तिनका-तिनका इसका मणि है, भारत भाग्य विधाता है अध्यात्म केंद्र बन पृथ्वी का, जग को राह दिखाता है मर्यादा का पाठ पढ़ाता, भारत भाग्य विधाता है वीरों की जननी है भारत, यही सच्चा सुखदाता है वीरता को परिभाषित करता, भारत भाग्य विधाता है शास्वत है ज्ञान इसका, इतिहास यही दोहराता है ममता की मूर्त है बनता, भारत भाग्य विधाता है लोकहित में हो कर समर्पित, जन-जन की बात सुनाता है लोकतंत्र की है परिभाषा, भारत भाग्य विधाता है…” -मयंक विश्नोई
FAQs
26 जनवरी के दिन मूल रूप से “भारत माता की जय”, “वंदे मातरम”, “जय हिन्द” आदि नारे लगाए जाते हैं।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था।
पहला गणतंत्र दिवस आज़ाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की उपस्थिति में मनाया गया था।
आशा है कि गणतंत्र दिवस पर ग़ज़ल पढ़कर आप सकारात्मक ऊर्जाओं का एहसास करेंगे। इसी तरह के ट्रेंडिंग इवेंट्स से संबंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।