वर्ष 1921 में आंध्र प्रदेश के पिंगली वेंकैया ने देश की एकता और अखंडता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से भारत का तिरंगा झंडा तैयार किया था। नारंगी रंग हिन्दू और ईसाई धर्म का, सफ़ेद रंग ईसाई धर्म का और हरा रंग मुस्लिम धर्म के लोगों का प्रतीक है। तिरंगे के झंडे पर बना अशोक चक्र सारनाथ के अशोक स्तंभ से लिया गया है। भारत का तिरंगा झंडा भारत की आन, बान और शान का प्रतीक है। यहाँ भारतीय झंडे का इतिहास और इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य दिए जा रहे हैं।
भारतीय तिरंगे का इतिहास
वर्ष 1947 में जब भारत के अंतिम वाइसराय लॉर्ड माउन्टबेटन ने भारत की स्वतंत्रता का ऐलान किया तो सभी राजनैतिक पार्टियों ने मिलकर भारत के लिए एक झंडे को राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में चुने जाने की बात पर विचार किया। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में भारत के लिए राष्ट्रीय ध्वज का चुनाव किए जाने की प्रक्रिया का संचालन किया गया। अब चरखे के स्थान पर इसके मध्य में अशोक चक्र को जगह दी गई थी। 22 जुलाई 1947 को पिंगले वेंकैया के द्वारा डिजाइन किए गए भारतीय तिरंगे को अंत में राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार कर लिया गया।
अविष्कार और प्रेरणा
- पिंगली वेंकैया: तिरंगे का डिजाइन पिंगली वेंकैया ने 1921 में आंध्र प्रदेश में विजयनगरम में किया था।
- प्रतीकात्मकता:
- केसरिया: बलिदान, शौर्य और त्याग का प्रतीक।
- सफेद: शांति, सत्य और अखंडता का प्रतीक।
- हरा: समृद्धि, उर्वरता और जीवन शक्ति का प्रतीक।
- अशोक चक्र: धर्म चक्र, 24 तीलियों वाला, नीले रंग का, सफेद रंग के बीच में, जो शक्ति, साहस और सत्य का प्रतीक है।
ध्वज का विकास
- 1924: वेंकैया ने तिरंगे को “आंध्र प्रदेश राष्ट्रीय ध्वज” के रूप में प्रस्तुत किया।
- 1931: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इसे अपना आधिकारिक ध्वज घोषित किया।
- 1947: 22 जुलाई को संविधान सभा ने इसे स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में स्वीकार किया।
महत्वपूर्ण घटनाएं
- 1916: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों द्वारा तिरंगे का प्रयोग।
- 1929: “पूर्ण स्वराज” प्रस्ताव के साथ तिरंगे को फहराया गया।
- 1942: “भारत छोड़ो आंदोलन” में तिरंगे का व्यापक उपयोग।
तिरंगे से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- भारतीय झंडे का अनुपात 2:3 का अनुपात, ऊंचाई और चौड़ाई के बीच है।
- भारतीय झंडे को गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर विशेष रूप से फहराया जाता है।
- तिरंगे का अपमान करना एक दंडनीय अपराध है और ऐसा करने वाले को जेल की सजा हो सकते है।
- केसरिया रंग साहस, बलिदान, वीरता, बुद्धिमता और कर्म का प्रतीक है।
- सफेद रंग पवित्रता, शांति और स्थिरता का प्रतीक है।
- हरा रंग विकास, वनस्पति, कृषि और पौधों के जीवन का प्रतीक है।
- गहरा नीला रंग असीम आकाश, अथाह समुद्र और आंतरिक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है।
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