भारत के राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” के रचयिता बंकिम चंद्र चटर्जी अपनी साहित्यिक प्रतिभा के लिए जाने जाते हैंI आज भी उनके द्वारा रचित साहित्य राष्ट्रीय पहचान को उजागर करती है और देश दुनिया के करोड़ों पाठकों को प्रेरणा प्रदान करती हैI बंकिम चंद्र चटर्जी भारत की अग्रणी साहित्यिक प्रतिभाओं में से एक माने जाते हैंI उन्होंने बंगाली और संस्कृत भाषाओं में अवस्मरणीय रचनाएं लिखीं हैंI यहाँ बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म कब हुआ था के साथ साथ उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा हैI
बंकिम चंद्र चटर्जी का जन्म कब हुआ था?
बंकिम चंद्र चटर्जी एक भारतीय उपन्यासकार, कवि और निबंधकार थेI उनका जन्म 26 जून 1838 को बंगाल के नौहाटी के पास के गांव में हुआ थाI उन्होंने भारत का राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” लिखा था जिसने भारत के लोगों में देशभक्ति को जागृत करने और अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता के लिए प्रेरित करने में एक बड़ी भूमिका का निर्वाह किया थाI एक कुशल लेखक होने के साथ साथ वे एक प्रतिभाशाली चित्रकार भी थेI उन्होंने “भारत माता” की तस्वीर पहली बार उकेरी थीI
बंकिम चंद्र चटर्जी के द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य
एक उत्कृष्ट साहित्यकार और कलाकार के रूप में बंकिम चंद्र चटर्जी ने कई उल्लेखनीय कार्य किए थे जिनमें से कुछ प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:
- बंकिम चंद्र चटर्जी ने वंदे मातरम गीत लिखा था, जिसने क्रांतिकारियों को अंग्रेजों के खिलाफ आज़ादी की लड़ाई लड़ने के लिए जोश से ओतप्रोत कियाI
- उन्होंने ही भारत माता की प्रतिमा को सर्वप्रथम मूर्त रूप दिया थाI
- उन्होंने कई ऐसे उपन्यास लिखे जिन्होंने लोगों को अंग्रेजों से लड़ने के लिए प्रेरित कियाI
- उन्होंने अपने उपन्यासों द्वारा भारतीय समाज में फ़ैली कुरीतियों जैसे सती प्रथा आदि का विरोध कियाI
बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित प्रमुख रचनाएं
बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित प्रमुख रचनाओं के नाम इस प्रकार हैं:
उपन्यास | विवरण |
दुर्गेशनंदिनी (1865) | यह बंगाल भाषा के सबसे महान उपन्यासों में से एक हैI इस पर एक हिट टीवी सीरियल भी बन चुका हैI |
कपालकुंडला (1866) | यह एक बंगाली उपन्यास है जो अपनी जटिल प्रेमकहानी के लिए प्रसिद्ध हैI |
देवी चौधरानी (1884) | भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान राष्ट्रवादी भावनाओं के चित्रण के कारण इसे अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। इस पर भी एक प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक बन चुका हैI |
आनंदमठ (1882) | यह सन्यासी पृष्ठभूमि पर आधारित देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत एक उपन्यास हैI भारत का राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” इसी पुस्तक से लिया गया थाI |
बिशबृक्ष (1873) | यह पुस्तक विधवा पुनर्विवाह के संवेदनशील विषय पर आधारित है तथा बंगाल समाज में सामाजिक मुद्दों पर प्रकाश डालती है। |
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