“अगर इंसान एक बार कुछ करने के लिए ठान लें तो वह बड़े से बड़े काम आसानी से कर सकता है” यह सिर्फ एक कहावत नहीं बल्कि मानव संकल्प की अटूट शक्ति का प्रमाण है। इतिहास गवाह है कि कठिन परिश्रम, दृढ़ संकल्प और अटूट विश्वास के बल पर मनुष्य ने असंभव कार्य को भी संभव बनाया है। इसका एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं -माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला। जी हाँ हम बात कर रहे हैं बछेंद्री पाल की। बछेंद्री पाल इतिहास में एक ऐसा नाम हैं जिन्होंने अपनी हिम्मत और दृढ़ संकल्प से न केवल भारत को बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित किया है। आज के इस लेख में हम पर्वतारोही बछेंद्री पाल कौन थी? उनका जन्म कब और कहाँ हुआ, इन सब के बारे में विस्तार से जानेंगे।
बछेंद्री पाल कौन थी?
बछेंद्री पाल, जिन्होंने सामाजिक रूढ़ियों और पारिवारिक विरोधों का सामना करते हुए यह साबित कर दिया कि महिलाएं भी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों के बराबर सफलता प्राप्त कर सकती हैं। 23 मई 1984 वो ऐतिहासिक दिन था जब उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर न केवल इतिहास रचा, बल्कि पूरी दुनिया को प्रेरित किया। इसी के साथ वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह करने वाली और तिरंगा फहराने वाली पहली भारतीय महिला और दुनिया की पांचवीं महिला बनी जिन्होंने इस अविश्वसनीय उपलब्धि को हासिल किया।
बछेंद्री पाल का जन्म कब हुआ?
बछेंद्री पाल का जन्म 24 मई 1954 को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में हुआ था। बचपन से ही उन्हें पहाड़ों और रोमांच का शौक था। शिक्षा की बात करें तो उन्होंने बीए में ग्रेजुएशन और संस्कृत से मास्टर की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने बीएड की पढ़ाई की। उनके परिवार वाले उन्हें टीचर बनाना चाहते लेकिन उनका सपना पर्वतारोही बनने का था। उनकी यात्रा आसान नहीं थी। सामाजिक और पारिवारिक विरोधों का सामना करते हुए, उन्होंने अपने सपने का पीछा करना जारी रखा। और शिक्षा पूरी करने के साथ-साथ, उन्होंने पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लिया। और इसी तरह उन्होंने इतिहास में अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज कराया।
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