NCERT कक्षा 11 की हिंदी टेक्स्टबुक अंतरा का पाठ ‘टॉर्च बेचने वाला’ सबसे महत्वपूर्ण पाठों में से एक है। टॉर्च बेचने वाला पाठ के लेखक हरिशंकर परसाई जी है जिन्होंने इस पाठ में पाखंडी साधुओं के विषय में बताया है कि कैसे वह अपनी बातों से लोगों को ठगते हैं और भ्रमित कर देते हैं। कक्षा 11 के विद्यार्थियों को इस पाठ की अच्छी समझ होनी चाहिए। ऐसे में इस लेख में आपको पाठ का सारांश, लेखक परिचय और टॉर्च बेचने वाला कक्षा 11 पाठ के प्रश्न उत्तर के बारे में बताएंगे, जिसे जानने के लिए ये लेख आपको अंत तक पढ़ना होगा। उससे पहले Torch Bechne Wala Question Answer से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आप नीचे दिए गए तालिका में देख सकते हैं।
बोर्ड | सीबीएसई बोर्ड |
टेक्स्टबुक | एनसीईआरटी |
कक्षा | 11 |
विषय | हिंदी (अंतरा) |
पाठ संख्या | 3 |
पाठ का नाम | टॉर्च बेचने वाला |
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लेखक परिचय
हरिशंकर परसाई हिंदी के सुप्रसिद्ध व्यंग्य लेखक थे। उनका जन्म 22 अगस्त 1922 को मध्यप्रदेश के होशंगाबाद ज़िले के जमानी नामक गाँव में हुआ था। हरिशंकर परसाई ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव से ही पूरी की थी। फिर उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से हिंदी विषय में एम. ए. की डिग्री प्राप्त की। कुछ वर्षों तक अध्यापन कार्य करने के बाद उन्होंने लेखन पर ध्यान केंद्रित किया और जबलपुर में रहकर उन्होंने ‘वसुधा’ नामक पत्रिका का संपादन किया। लेकिन कुछ समय बाद उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जिसके चलते उन्होंने अपनी पत्रिका बंद कर दी। फिर सन 1984 में उन्हें ‘साहित्य अकादमी’ द्वारा उनके पुस्तक ‘विकलांग श्रद्धा का दौर’ के लिए पुरस्कृत किया गया। इस तरह हिंदी व्यंग्य लेखन को सम्मानित स्थान दिलाने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 10 अगस्त 1995 को हरिशंकर परसाई का देहांत हो गया।
पाठ का सारांश
टॉर्च बेचने वाला हरिशंकर परसाई द्वारा लिखी गई एक व्यंग्यात्मक रचना है। यह पाठ दो दोस्तों की मुलाकात पर आधारित है, जो पांच साल पहले अलग हुए थे। वही दोस्त अब पांच साल बाद एक प्रवचन स्थल पर मिलते है। उनमें एक दोस्त एक भव्य पुरुष बन गया है और ‘भीतर के अंधेरे’ को दूर करने के लिए ‘सूरज छाप’ टार्च बेच रहा है। जो वास्तव में एक साधारण टार्च है। दूसरा दोस्त अपने दोस्त के इस बदले हुए व्यक्तित्व से आश्चर्यचकित होता है और उससे टार्च के बारे में पूछता है। भव्य पुरुष वाला दोस्त बताता है कि यह टार्च ‘भीतर के अंधेरे’, यानी अज्ञानता और भ्रम को दूर करने में मदद करती है। ऐसे में इस रचना में हरिशंकर परसाई ने धर्म और अध्यात्म के नाम पर लोगों को ठगने वाले लोगों पर कटाक्ष किया है और भव्य पुरुष का चरित्र एक पाखंडी व्यक्ति का प्रतीक बताया है लेखक ने इस पाठ के माध्यम से यह संदेश दिया है कि हमें ऐसे लोगों से सावधान रहना चाहिए जो धर्म और अध्यात्म के नाम पर लोगों को ठगने रहे हैं।
कठिन शब्द एवं उनके अर्थ
टॉर्च बेचने वाला कक्षा 11 के कठिन शब्द एवं उनके अर्थ निम्नलिखित है :
- हरामखोरी – मुफ्तखोरी
- दीक्षा – शिक्षा प्राप्ति के बाद का आशीर्वाद
- बयान – कथन, किसी वाक्य का वर्णन
- गुप्त – छिपा हुआ
- अन्दाज़ – अनुमान
- त्रस्त – भयभीत
- वैभव – ऐश्वर्य, धन–दौलत, सुख–शांति
- गुरु गम्भीर वाणी – विचारों से पुष्ट वाणी
- सर्वग्राही – सबको ग्रहण करने वाला
- उदर – पेट
- शाश्वत – चिरंतन, सदैव के लिए
- प्रवचन – उपदेश
- मौलिक – मूल रूप में
पाठ्य पुस्तक के प्रश्न उत्तर
प्रश्न 1. पाँच साल बाद दोनों दोस्तों की मुलाकात किन परिस्थितियों में और कहाँ होती है ?
उत्तर : पाँच साल बाद दोनों दोस्तों की मुलाकात एक प्रवचन स्थल में होती है। उनमें से एक दोस्त टॉर्च बेचने वाला है और दूसरा उपदेश देने वाला बन गया है। पहला दोस्त भव्य पुरुष बनकर ‘भीतर के अंधेरे’ को दूर करने के लिए ‘सूरज छाप’ टार्च बेच रहा है और दूसरा दोस्त एक साधारण व्यक्ति है जो टार्च बेचने वाले के पाखंड को उजागर करता है और लोगों को ऐसे पाखंडियों से दूर रहने की सलाह देता है।
प्रश्न 2. भव्य पुरुष ने कहा, ‘जहाँ अंधकार है वहीं प्रकाश है।’ इसका क्या तात्पर्य है ?
उत्तर : भव्य पुरुष द्वारा कहे गए इस कथन का अभिप्राय यह है कि जहाँ अंधकार होता है वहां प्रकाश भी होता है। अंधकार और प्रकाश एक दूसरे के पूरक हैं। यानी कि अंधकार के बिना प्रकाश का कोई अस्तित्व नहीं और प्रकाश के बिना अंधकार का कोई अर्थ नहीं। अँधेरी रात के बाद ही सुबह सूरज की पहली किरण को देखने को मिलती है। जिस तरह सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह जीवन में अंधकार और प्रकाश दोनों ही जीवन का हिस्सा हैं।
प्रश्न 3. ‘दाढ़ीवाले भव्य पुरुष ने अपने भाषण में क्या कहा ?
उत्तर: दाढ़ी वाले भव्य पुरुष ने अपने भाषण में कहा, मनुष्य एक गहरे अंधकार में डूबा हुआ है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के ‘भीतर का अंधेरा’ मनुष्य को सही और गलत का अंतर करने से रोकता है। उसके भीतर कुछ बुझ गया है। यह युग ही अंधकारमय होगया है। आज मनुष्य इस अंधकार के कारण पथ-प्रष्ट हो गया है। अब मनुष्य की आत्मा में भी अंधकार छा गया है।
Torch Bechne Wala Question Answer MCQs
टॉर्च बेचने वाला कक्षा 11 के MCQs इस प्रकार से है :
1. “टॉर्च बेचने वाला” पाठ के लेखक कौन है ?
- हरिशंकर परसाई
- महादेवी वर्मा
- कबीरदास
- तुलसीदास
उत्तर : हरिशंकर परसाई
2. ‘टॉर्च बेचने वाला’ पाठ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
- धर्म और अध्यात्म के नाम पर लोगों को ठगने से सावधान रहना
- दोस्ती ही सबसे बढ़कर है
- प्रेम की शक्ति
- हमे हमेशा लोगों को ठगना चाहिए
उत्तर : धर्म और अध्यात्म के नाम पर लोगों को ठगने से सावधान रहना
3. इस रचना में ‘भीतर के अंधेरे’ से क्या तात्पर्य है?
- अज्ञानता
- भ्रम
- आत्म-संदेह
- उपरोक्त सभी
उत्तर : उपरोक्त सभी
4. ‘टॉर्च बेचने वाला’ किस प्रकार की रचना है?
- सरल और सहज
- दर्दनाक
- व्यंग्यात्मक
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर : व्यंग्यात्मक
5. ‘टॉर्च बेचने वाला’ पाठ लोगों को किस लिए प्रेरित करता है?
- लोगों को धर्म और अध्यात्म के नाम पर ठगने से सावधान रहने के लिए प्रेरित करता है
- लोगों को दोस्ती का महत्व को समझने के लिए प्रेरित करता है
- लोगों को देशभक्ति के लिए प्रेरित करता है
- लोगों को देश सेवा करने के लिए प्रेरित करता है
उत्तर : लोगों को धर्म और अध्यात्म के नाम पर ठगने से सावधान रहने के लिए प्रेरित करता है
6. दोनों दोस्त कितने सालों बाद मिले थे?
- पांच
- दस
- तीन
- कुछ ही महीनों बाद
उत्तर : पांच
7. पहला मित्र क्या काम करता था?
- कपड़े बेचने का
- टॉर्च बेचने का
- लोगों को शिक्षा प्रदान करने का
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर : टॉर्च बेचने का
8. दोनों मित्रो द्वारा क्या तय हुआ ?
- अब कभी नहीं मिलेंगे
- अब रोज मिलते रहेंगे
- एक ही दिशा में जाएंगे
- अलग अलग दिशा में जाएंगे
उत्तर : अलग अलग दिशा में जाएंगे
9. टॉर्च बेचने वाली कंपनी का क्या नाम था?
- टॉर्च ही टॉर्च
- सूरज छाप
- लाइट्स
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर : सूरज छाप
10. पहले मित्र के बदले हुए स्वरुप को देखकर किसको चिंता होने लगी ?
- माँ को
- कंपनी वालों को
- लेखक को
- दुकानदार को
उत्तर : लेखक को
FAQs
सूर्य प्रकाश ज्ञान, आत्मविश्वास, और सकारात्मकता का प्रतीक है। जब सूर्य आता है, तो अंधकार भाग जाता है। अतः सूरज छाप नाम रखकर लेखक पाठकों को कंपनी के प्रति आश्वस्त करना चाहता है।
हरिशंकर परसाई का जन्म 22 अगस्त, 1924 को मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के जमानी गाँव में हुआ था।
हरिशंकर परसाई का 10 अगस्त, 1995 को निधन हो गया था।
आशा है कि आपको कक्षा 11 अंतरा पाठ 3 के प्रश्न उत्तर (Torch Bechne Wala Question Answer) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहे।