सुध न रहना मुहावरे का अर्थ (Sudha Na Rehna Muhavare Ka Arth) होता है। जब कोई व्यक्ति किसी कारणवश अपने होशो हवास खो बैठता है, तो उसके लिए हम सुध न रहना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप सुध न रहना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
सुध न रहना मुहावरे का अर्थ क्या है?
सुध न रहना मुहावरे का अर्थ (Sudha Na Rehna Muhavare Ka Arth) होता है- अपने होशो हवास खो बैठना, होश में ना रहना आदि।
सुध न रहना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “सुध न रहना मुहावरे का अर्थ” शुभम को तो काम की सुध ही नहीं रही है।
सुध न रहना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
सुध न रहना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- रमेश ने अचानक से बहुत से मेहमानों को देखकर उसे किसी चीज की सुध ही नहीं रही।
- सड़क दुर्धटना में दिनेश को चोट लगने के बाद उसकी सुध ही मारी गई।
- केदारनाथ का नजारा देख कर देवांग अपनी सुध खो बैठे।
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आशा है कि सुध न रहना मुहावरे का अर्थ (Sudha Na Rehna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।