बीते कुछ वर्षों में भारत में STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स) कोर्सेज में फीमेल एनरोलमेंट में बढ़ोतरी हुई है। यह जानकारी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने फ़िलहाल ही लोकसभा में साझा की है। मंत्री ने कहा कि फीमेल एनरोलमेंट में बढ़ोतरी सरकार की ओर से शुरू की गई कई पहलों का परिणाम है।
ऑल इंडिया टेक्निकल एजुकेशन काउंसिल (AICTE) ने मेधावी छात्राओं को स्कॉलरशिप प्रदान करने के लिए वर्ष 2014 में महिलाओं के लिए प्रगति स्कॉलरशिप और टेकसक्षम प्रोग्राम (TSP) शुरू किया था। इस स्कॉलरशिप का उद्देश्य छात्रों को आगामी शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना था।
AICTE टेक्निकल एजुकेशन में एडमिशन लेने वाली लड़कियों को प्रगति पहल के माध्यम से 10,000 स्कॉलरशिप्स प्रदान कर रही है।
TSP हायर एजुकेशन प्राप्त करने वाली वंचित महिला छात्रों के बीच एम्प्लॉयमेंट स्किल्स विकसित करने के लिए एक्सपेरेंशियल एजुकेशन का उपयोग करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
फीमेल एनरोलमेंट में बढ़ा प्रतिशत
इसके अलावा, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलीज़ (IITs) को इन कोर्सेज में फीमेल एनरोलमेंट में सुधार के लिए अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम्स में एक्स्ट्रा सीटें शुरू करने का आदेश दिया गया है। पहल के बाद, फीमेल एनरोलमेंट 2018-19 में 8 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 20 प्रतिशत हो गया।
ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (AISHE) के अनुसार, STEM कोर्सेज में फीमेल एनरोलमेंट 2014-15 में 38.4 प्रतिशत से बढ़कर 2021-22 (प्रोविज़नल) में 42.6 प्रतिशत हो गया है।
टर्शियरी एजुकेशन में पछाड़ा इन बड़े देशों को
2023 में प्राप्त विश्व बैंक के जेंडर डेटा के अनुसार, भारत में टर्शियरी एजुकेशन के प्रतिशत के रूप में STEM से अंडरग्रेजुएट महिलाओं की हिस्सेदारी (2018) 42.7% है, अमेरिका (2016) में 34% है, यूके (2016) में 38.1% है, ऑस्ट्रेलिया में (2017) 32.1% है और जर्मनी (2017) में 27.6% है।
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