श्रीदेवी ने न ही सिर्फ बॉलीवुड बल्कि साउथ फिल्म इंडस्ट्री में भी अपनी चांदनी बिखेरी है। ये एक ऐसी अदाकार हैं जिसनें बॉलीवुड में एक्टिंग के मायने ही बदल दिए। हर किरदार को बड़े की बखूबी से निभाती थी। ये अपनी शर्तों पर काम करना पसंद करती थी, इन्हें बॉलीवुड की पहली फीमेल सुपरस्टार के नाम से पहचाने जाने लगा। वह सही मायने में एकमात्र ऐसी Female Legend है जो हिंदी, तमिल, मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु सिनेमा में नंबर 1 थी। अपनी फिल्मों को अकेले सफल बनाने वाली अभिनेत्री बनी और भारतीय फ़िल्मों में अभिनेत्रियों का दर्जा ऊंचा किया। इन्हें बॉलीवुड की “माई” बोला गया क्योंकि मेल एक्टर्स की तुलना में अधिक प्रभावी थी जिस वजह से उन्हें ज्यादा पैसे भी दिए जाने लगे । साथ ही एलजीबीटी कम्युनिटी के लिए भी मसीहा बनी और उनके हक़ के लिए आवाज़ उठाई। वाकई इनका व्यक्तिव बहुत प्रभावशाली था, ये एक निडर और सहासी अदाकार थी। आईए जानते हैं Sridevi ka Jivan Parichay के बारें में ।
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संक्षिप्त में Sridevi ka Jivan Parichay
नाम (Name) | स्वर्गीय श्रीअम्मा यंगर अयप्पन |
उपनाम (Nickname) | हवा हवाई , श्री देवी ,चांदनी , जोकर (परिवार वाले प्यार से बुलाते है ) |
जन्म (Birthday) | 13 अगस्त , 1963,शिवकाशी, तमिलनाडु |
मृत्यु (Death) | 24 फरवरी 2018 |
माता (Mother) | स्वर्गीय राजेश्वरी यंगेर |
पिता (Father) | स्वर्गीय अय्यपन यंगेर |
पति (Husband) | मिथुन चक्रबर्ती (1985-1988), बोनी कपूर (1996-2018) |
बच्चे (Children) | जानवी कपूर , ख़ुशी कपूर |
डेब्यू फिल्म(Debut Film) | तमिल – थिरुमुघम (1967, चाइल्ड आर्टिस्ट ) मलयालम – कुमार संभवाम (1969) कन्नड़ -भक्ता कुम्भारा (1974) हिंदी -जूली (1975,चाइल्ड आर्टिस्ट) |
आखिरी फिल्म (Last Film) | मोम (2017) |
टीवी डेब्यू (TV Debut) | मालिनी अय्यर (2004) |
पहली सुपरस्टार एक्ट्रेस Sridevi
श्रीअम्मा यंगर अयप्पन जिन्हें हम सब प्यार से श्रीदेवी नामे से जानते हैं। इनका जन्म 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु के शिवकाशी शहर में हुआ था । उनके पिता का नाम अय्यपन यंगेर , जो एक तमिल परिवार से थे और उनकी माता का नाम राजेश्वरी यंगेर जो एक तेलुगु परिवार से थी। पिताजी वकील का काम करते थे । श्रीदेवी की एक बहन और 2 सौतेले भाई है। बहन का नाम श्रीलता और भाई का नाम आनंद और सतीश है।
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चाइल्ड आर्टिस्ट करियर
Sridevi ने अपना फ़िल्मी करियर बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट शुरू किया । श्रीदेवी को मलयालम मूवी “पूमबत्ता” के लिए केरला स्टेट फिल्म अवार्ड दिया गया था। चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर उन्होंने बॉलीवुड फिल्म “जूली” से अपने हिंदी फिल्म करियर की शुरुआत की थी।तमिल फिल्म “मून्द्रू मुदिछु” (1976) से एडल्ट रोल की शुरुआत की थी। इसके बाद श्रीदेवी ने तमिल और तेलगु सिनेमा में खुद को एक बेमिसाल एक्ट्रेस साबित किया और “वयाथिनिले” जैसी सुपरहिट फिल्म दी।
असफल रिश्ते से एक सफल रिश्ते की दास्तान
राम अवतार का ये डायलॉग “प्यार एक जज्बात है जो किया नहीं जाता साहब, यह तो इत्तेफाक से हो जाता है। फूल तो प्यार की निशानी होते है, और खुशबू उसका एहसास।” मिथुन चक्रबर्ती और श्री देवी की लव स्टोरी को बिलकुल सही बयां करता है। 1985 गुपचुप तरीके से शादी रचाई और उतने ही गुपचुप तरीके से रिश्ता खत्म भी कर दिया जिसने काफी सुर्खिया भी बटोरी थी । सही मायने में चांदनी मूवी का ये डायलॉग इनकी ट्रैजिक लव स्टोरी के लिए ही बना है- “प्यार हवा का एक झोका है, जो सब कुछ उड़ा कर ले जाता है।”
“ ऐसा लगता है मानो श्रीदेवी की फिल्म का हर डायलॉग उनकी लाइफ हर पहलू को बयां करता है । “जीवन के किस मोड पे, कब कोई मिल जाए; कौन कह सकता है?” सही मायने में श्री देवी और बोनी कपूर की लव स्टोरी को बयां करता है और इस रिश्ते को 1996 में एक बंधन में बंध गए लेकिन मानो जैसे controversy उनकी शादी का हिस्सा हो यहाँ भी उन पर घर तोड़ने का आरोप लगा ।
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फिल्म चांदनी से बॉलीवुड में बिखेरी अपनी चांदनी
1979 में सोला सावन से अपने बॉलीवुड करियर का आगाज़ किया। लेकिन उन्हें सफलता 1983 में आई मूवी “हिम्मतवाल” से मिली जिसमें इनकी अपोजिट जितेंद्र थे। इस फिल्म का सांग नैनो में सपना सपनों में सजना।” काफी हिट हुआ था। उसके के बाद फिर उन्हीं जितेंद्र के साथ एक फिल्म “तोहफा ” में काम किया और उसने इस फिल्म ने कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। जितेंद्र सही मायने में इनकी लकी चार्म साबित हुए। इन्होंने जितेंद्र के साथ 14 में से 11 हिट फिल्में दी। कमल हसन के साथ “सदमा” मूवी के लिए फिल्म फेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए नॉमिनेट किया गया। फिल्म नगीना से श्रीदेवी ने इच्छाधारी नागिन की भूमिका अदा की इसका गाना “मैं तेरी दुश्मन, दुश्मन तू मेरा “काफी प्रचलित हुआ। इस मूवी में इनके डांस स्किल्स को भी काफी सराय गया। मिस्टर इंडिया मूवी में एक जनरलिस्ट क निभाया साइंटिफिक फिक्शन थी। इस मूवी में इनका मस्तमौला सबको पसंद आया था साथ ही इस मूवी का गाना “Hawa Hawai” और “काटे नहीं कटते दिन ये रात” आज भी लोगों की जुबान पर रहता है।
चालबाज जैसी मूवी में डबल रोल निभाया जिसमें उनके किरदार अंजू और मंजू को काफी पसंद किया गया। इस मूवी का डायलॉग “मैं मदिरा नहीं पीती जी “, लोगों को काफी पसंद आया। इस मूवी के लिए इन्हें फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड भी मिला। 1991 में यशराज बैनर की मूवी “लम्हे” मेरी नजर आई इसके लिए दूसरा फिल्म फेयर अवार्ड मिला था। 1992 में श्रीदेवी ने अमिताभ बच्चन के ऑपोजिट खुदा गवाह में काम करने से मना कर दिया था क्योंकि वह रोल के लिए बराबर भुगतान चाहती थी। शुल्क बॉर्डर की भूमिका निभाई और दूसरी उस मॉडल की बेटी की। फिल्म ने काबुल में भी उतने ही झंडे गाड़ी जितने भारत हैं। अनिल कपूर के साथ फिल्म लाडला और जुदाई में इनकी जोड़ी को काफी पसंद किया गया। 2017 में आई मॉम श्रीदेवी की 300 थी। इसका एक डायलॉग काफी मशहूर हुआ “मर्द खाना बनाए तो कला, और औरत बनाए तो उसका फर्ज।”
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सुपरहिट फिल्में
Sridevi ka Jivan Parichay के इस ब्लॉग में उनकी सुपरहिट फिल्में सोलवाँ सावन (1978) हिम्मतवाला (1983) सदमा (1983) मवाली (1983) तोहफा (1984) नया कदम (1984) मास्टरजी (1985) मकसद (1985) नगीना (1986) नजराना (1987) मी. इंडिया (1987) वक़्त की आवाज़ (1988) चालबाज़ (1989) चांदनी (1989) लम्हे (1991) खुदा गवाह (1992) गुमराह (1993) लाडला (1993) जुदाई (1997), इंग्लिश -विंग्लिश(2012) ,मोम (2017)
हवा- हवाई गर्ल की महान उपलब्धियां
- 1970- पूम्बट्टा फिल्म के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार
- 1981– फ़िल्म मीनदम कोकिला के लिए फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार
- 1982 –मूंदराम पिराई में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार
- 1990 –चलबाज़ी के लिए का फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाज़ा
- 1992 – लम्हे के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार
- 1993- तेलुगू फिल्म के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार क्षाना क्ष्नाम
- 1993 तेलुगू फिल्म के लिए नंदी पुरस्कार
- 1994- हिन्दी सिनेमा में योगदान के लिए Giant Award से नवाज़ा ।
- 1997 – आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा कलासरस्वती पुरस्कार
- 2003-हिन्दी सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए MAMI पुरस्कार
- 2003 –लच्छू महाराज पुरस्कार
- 2004- डॉ. अक्किनेनी लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार विजेता
- 2005- वामसी आर्ट थियेटर्स इंटरनेशनल का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- 2008– फिक्की फ्रेम्स लिविंग लीजेंड इन एंटरटेनमेंट अवार्ड Entertainment
- 2009 –33वें काहिरा अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (CIFF) में का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड
- 2012- हैलो हॉल ऑफ फेम अवार्ड्स; इंग्लिश विंग्लिश के लिए वर्ष का उत्कृष्ट प्रदर्शन
- 2012- एनडीटीवी एंटरटेनर ऑफ द ईयर
- 2012-इंडिया टुडे वुमन इन आर्ट्स: श्रीदेवी, अभिनेता
- 2012-इंग्लिश विंग्लिश के लिए ड्रामा, स्टारडस्ट अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
- 2013 -भारतीय सिनेमा में योगदान के लिए पद्मश्री
- 2013 -महाराष्ट्र सरकार अभिनंदन अवार्ड
- 2013- इंग्लिश विंग्लिश के लिए चौथे जागरण फिल्म समारोह में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री
- 2014- सत्यबामा विश्वविद्यालय से प्रेरक चिह्न पुरस्कार
- 2014 –सिनेमा में उत्कृष्टता के लिए Gr8 महिला पुरस्कार
- 2015 –फिल्मफेयर के ग्लैमर एंड स्टाइल अवार्ड्स में अल्टीमेट दिवा अवार्ड
- 2015- एशियाविज़न रेडियो एंड टेलीविज़न अवार्ड में भारत का चिह्न पुरस्कार
- 2018- मॉम फिल्म के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार।
- 2019 लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड – मरणोपरांत। फिल्मफेयर से।
कैसे हुई श्रीदेवी की मौत ?
Sridevi ka Jivan Parichay के इस ब्लॉग में 24 फरवरी 2018 को ही श्रीदेवी की दुबई के एक होटल के कमरे के बाथ टब में डूबने से मौत हो गई थी। बोनी कपूर ने बताया है कि वो अपनी पत्नी को सरप्राइज़ देने अचानक दुबई पहुंचे थे। किस तरह इसके करीब दो घंटे बाद ही उन्हें श्रीदेवी पानी से भरे हुए बाथटब में मिली थीं।
कहते है कभी -कभी आगाज़ शानदार होता है तो उसका अंत भी शानदार होना चाहिए। हवा-हवाई गर्ल आज हमारे बीच नही हैं लेकिन उनकी यादें और फ़िल्मों की छाप हमेशा लोगों के दिलों में रहेगी। उनके फिल्म का डायलाग “ इंसान अपने कर्मो से बड़ा होता है बाप से नहीं “।ऐसी अदाकार शायद ही दशकों में एक आती हैं जो हर मुद्दे पर अपनी बात बेबाक तरीके से कहती थी। अगर आपको भी हमारे ब्लॉग Sridevi ka Jivan Parichay पसंद आया हो तो इसे शेयर करके और कमेंट करके हमें बताएं। ऐसे ही और Famous Personalities के बारे में पढने के लिए Leverage Edu के साथ जुड़े रहे।