Shabad Vichar in Hindi : जैसा कि हम जानते हैं कि किसी भी किसी भाषा को जानने/समझने से पहले हमें उस भाषा की व्याकरण को समझना होता है। हिंदी व्याकरण में शब्द विचार बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। दो या दो से अधिक वर्णो से बने ऐसे समूह को ‘शब्द’ कहते है, जिसका कोई न कोई अर्थ अवश्य हो। ध्वनियों के मेल से बने सार्थक वर्णसमुदाय को ‘शब्द’ कहते हैं। वर्णों या ध्वनियों के सार्थक मेल को ‘शब्द’ कहते हैं। हिंदी व्याकरण में शब्द विचार का अर्थ है शब्दों का विश्लेषण करना और उनकी विशेषताओं का अध्ययन करना और यह हिंदी विषय के छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए इस ब्लाॅग में हिंदी व्याकरण में Shabd Vichar (शब्द विचार) क्या होते हैं के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
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शब्द विचार क्या होते हैं?
शब्द विचार हिंदी विषय में व्याकरण में महत्वपूर्ण हैं, आपको बता दें कि यह हिंदी व्याकरण का वह भाग है जिसमें शब्दों का अध्ययन, उनकी उत्पत्ति, बनावट, प्रकार और प्रयोग के आधार पर विश्लेषण किया जाता है। शब्द विचार के तहत यह देखा जाता है कि शब्द किस प्रकार बनते हैं, किस भाषा से आए हैं, उनके कितने प्रकार होते हैं, और उनका वाक्य में क्या अर्थ होता है।यहां Shabd Vichar क्या होते हैं के बारे में दिया जा रहा है-
शब्द विचार (Shabd Vichar) हिंदी व्याकरण का दूसरा खंड है जिसके अंतर्गत शब्द की परिभाषा, भेद-उपभेद, संधि, विच्छेद, रूपांतरण, निर्माण आदि से संबंधित नियमों पर विचार किया जाता है।
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शब्द क्या होते हैं?
वर्णों या अक्षरों से बना ऐसा इंडिपेंडेंट समूह जिसका कोई अर्थ हो, उन समूह को शब्द कहा जाता है। जैसे: लड़का, लड़की आदि- दो या दो से अधिक वर्णों के मेल से इन शब्दों की रचना हुई है। वर्णों के ये मेल सार्थक है, जिनसे किसी अर्थ का बोध होता है। ‘घर’ शब्द में दो वर्णों का मेल है, जिसका मतलब होता है मकान, जिसमें लोग रहते हैं। हर हालत में शब्द सार्थक होना चाहिए। निरर्थक शब्दों के लिए व्याकरण में स्थान नहीं है। अकेले और कभी दूसरे शब्दों के साथ मिलकर शब्द अपना अर्थ प्रकट करते हैं।
शब्द को दो रूपों में पाया जाता है-
- एक तो इनका अपना बिना मिलावट का रूप है, जिसे संस्कृत में प्रकृति या प्रातिपदिक कहा जाता है।
- दूसरा वह, जो कारक, लिंग, वचन, पुरुष और काल बतानेवाले अंश को आगे-पीछे लगाकर बनाया जाता है, जिसे पद कहा जाता है।
शब्दों की रचना (i) ध्वनि और (ii) अर्थ के मेल से होती है। एक या अधिक वर्णों से बनी स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहा जाता है, जैसे-
- मैं
- धीरे
- परन्तु
- लड़की।
अतः ध्वन्यात्मक या वर्णात्मक होते हैं शब्द। किन्तु, व्याकरण में ध्वन्यात्मक शब्दों की अपेक्षा वर्णात्मक शब्दों का अधिक महत्त्व है। वर्णात्मक शब्दों में भी उन्हीं शब्दों का महत्त्व है, जो सार्थक हैं, जिनका अर्थ स्पष्ट और सुनिश्र्चित है। व्याकरण में निरर्थक शब्दों पर विचार नहीं होता।
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शब्द और पद क्या हैं?
ध्वनियों के मेल से शब्द और पद बनते हैं, नीचे विस्तार जानते हैं-
जैसे-न+आ+न+ई= नानी।
यही शब्द जब वाक्य में अर्थवाचक बनकर आए, तो वह पद कहलाता है।
जैसे- पेन्सिल लाओ।
इस वाक्य में दो पद है- एक नामपद ‘पेन्सिल‘ है और दूसरा क्रियापद ‘लाओ‘ है।
शब्द विचार का वर्गीकरण क्या है?
Shabd Vichar की क्लासिफिकेशन नीचे दी गई है-
- अर्थ के बेस (आधार) पर Shabd Vichar
- बनावट या रचना के बेस (आधार) पर Shabd Vichar
- प्रयोग के बेस (आधार) पर Shabd Vichar
- उत्पत्ति के बेस (आधार) पर Shabd Vichar
अर्थ के आधार पर शब्द के भेद
अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं, जैसे-
- सार्थक शब्द
- निरर्थक शब्द
1. सार्थक शब्द
वे शब्द जिनसे कोई अर्थ निकलता हो, सार्थक शब्द कहलाते हैं, जैसे-
- नीम
- व्यक्ति
- रेल
2. निरर्थक शब्द
वे शब्द जिनका कोई अर्थ ना निकल रहा हो या जो शब्द अर्थहीन हो, उनको निरर्थक शब्द कहा जाता है, जैसे:
- देना-वेना
- मुक्का-वुक्का
- खाना-वाना
रचना (बनावट) के आधार पर शब्द के भेद
रचना के आधार पर शब्द के निम्नलिखित तीन भेद होते हैं:
- रूढ़ शब्द
- यौगिक शब्द
- योगरूढ़ शब्द
1. रूढ़ शब्द
ऐसे शब्द जो किसी विशेष अर्थ को प्रकट करते हैं लेकिन अगर उनके टुकड़े कर दिए जाएँ तो निरर्थक हो जाते हैं। ऐसे शब्दों को रूढ़ शब्द कहते हैं, जैसे-
- जल
- कल
- जप
2. यौगिक शब्द
ऐसे शब्द जो किन्हीं दो सार्थक शब्दों के मेल से बनते हों वे शब्द यौगिक शब्द कहलाते हैं। इन शब्दों के खंड भी सार्थक होते हैं, जैसे-
- स्वदेश : स्व + देश
- देवालय : देव + आलय
- कुपुत्र : कु + पुत्र
3. योगरूढ़ शब्द
ऐसे शब्द जो किन्हीं डो शब्द के योग से बने हों एवं बनने पर किसी विशेष अर्थ का बोध कराते हैं, वे शब्द योगरूढ़ शब्द कहलाते हैं। बहुव्रीहि समास ऐसे शब्दों के अंतर्गत आते हैं।
जैसे: दशानन : दस मुख वाला अर्थात रावण ,
पंकज : कीचड़ में उत्पन्न होने वाला अर्थात कमल आदि।
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प्रयोग के आधार पर शब्द के भेद क्या हैं?
प्रयोग के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं-
- विकारी शब्द
- अविकारी शब्द
1. विकारी शब्द
शब्द जिनके रूप में लिंग, वचन, कारक के अनुसार परिवर्तन होते हैं, वे शब्द विकारी शब्द कहलाते हैं। विकारी शब्द चार होते हैं –
(1) संज्ञा
(2) सर्वनाम
(3) विशेषण
(4) क्रिया
संज्ञा
(1) सब्जी = सब्जियाँ, सब्जियों
(2) लकड़ी = लड़कियाँ, लड़कियों
सर्वनाम → तुम = तुम्हें – तुम्हारा
विशेषण → काला = काली, काले
मोटा = मोटी, मोटे
क्रिया → पढ़ाया, पढ़ाई, पढ़ाए।
जैसे
- लिंग: बच्चा पढता है। —> बच्ची पढ़ती है।
- वचन: बच्चा सोता है। —–> बच्चे सोते हैं।
- कारक: बच्चा सोता है। —> बच्चे को सोने दो।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं बच्चा शब्द है यह लिंग, वचन एवं कारक के अनुसार परिवर्तित हो रहा है।
2. अविकारी शब्द
ऐसे शब्द जिन पर लिंग, वचन एवं कारक आदि से कोई फर्क नहीं पड़ता एवं जो अपरिवर्तित रहते हैं। ऐसे शब्द अविकारी शब्द कहलाते हैं। अविकारी शब्दों को चार भागों में बाँटा गया हैं –
(1) क्रियाविशेषण
(2) संबंधबोधक
(3) समुच्चयबोधक
(4) विस्मयादिबोधक
क्रियाविशेषण
राधा बाहर बैठी हैं।
मोहन बाहर बैठा है।
संबंधबोधक
रेखा के साथ कमला आएगी।
मोहन के साथ वेदांत आएगा।
समुच्चयबोधक
- गीता और सीता पढ़ाई कर रही हैं।
- राम और मोहन पढ़ाई कर रहे हैं।
विस्मयादिबोधक
अरे! राधा गा रही हैं।
अरे! मोहन गा रहा है।
जैसे:
- तथा
- धीरे
- किन्तु
- परन्तु
- तेज़
- अधिक
शब्द लिंग, वचन कारक आदि बदलने पर भी अपरिवर्तित रहेंगे।
उत्पत्ति के आधार पर शब्द के भेद क्या हैं?
उत्पत्ति के आधार पर शब्द के पांच भेद होते हैं, जैसे-
- तत्सम शब्द
- तद्भव शब्द
- देशज शब्द
- विदेशी शब्द
- शंकर शब्द।
1. तत्सम शब्द
तत् (उसके) + सम (समान) यानी ऐसे शब्द जिनकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा में हुई ओर वे हिन्दी भाषा में बिना किसी परिवर्तन के प्रयोग में आने लगे, ऐसे शब्द तत्सम शब्द कहलाते हैं, जैसे-
- पुष्प
- पुस्तक
- पृथ्वी
- क्षेत्र
- कार्य
- मृत्यु
- कवि
- माता
- विद्या
- नदी
- फल
- अग्नि
- पुस्तक।
2. तद्भव शब्द
ऐसे शब्द जो संस्कृत भाषा से उत्पन्न होते हैं, लेकिन वो रूप बदलकर हिन्दी में आ गए हों, ऐसे शब्द तद्भव शब्द कहलाते हैं, जैसे-
- दुग्ध —-> दूध
- अग्नि —-> आग
- कार्य —> काम
- कर्पूर —> कपूर
- हस्त —-> हाथ।
3. देशज शब्द
ऐसे शब्द जो भारत की विभिन्न स्थानीय बोलियों में से हिंदी में आ गए हैं, उन शब्दों को देशज शब्द कहते हैं, जैसे-
- पेट
- डिबिया
- लोटा
- पगड़ी
- थैला
- इडली
- डोसा
- समोसा
- चमचम
- गुलाबजामुन
- लड्डु
- खटखटाना
- खिचड़ी।
ऊपर दिए गए सभी उदाहरण भारत की ही विभिन्न स्थानीय बोलियों में से क्षेत्रीय प्रभाव के कारण परिस्थिति व आवश्यकतानुसार बनकर प्रचलित हो गए हैं। ये अब हिन्दी में आ गए हैं।
4. विदेशी शब्द
ऐसे शब्द जो भारत से बाहर की भाषाओं से हैं लेकिन ज्यों के त्यों हिन्दी में प्रयुक्त हो गए, वे शब्द विदेशी शब्द कहलाते हैं। मुख्यतः यह विदेशी जातियों से हमारे बढ़ते मिलन से हुआ है।
- उर्दू
- अरबी
- फारसी
- अंग्रेजी
- पुर्तगाली
- तुर्की
- फ्रांसीसी
- ग्रीक
- मैंडरिन
- इब्रानी (हिब्रू)
विदेशी शब्दों के उदाहरण निम्न हैं-
- अंग्रेजी – कॉलेज, पैंसिल, रेडियो, टेलीविजन, डॉक्टर, लैटरबक्स, पैन, टिकट, मशीन, सिगरेट, साइकिल आदि
- फारसी – अनार,चश्मा, जमींदार, दुकान, दरबार, नमक, नमूना, बीमार, बरफ, रूमाल, आदमी, चुगलखोर, आदि।
- अरबी – औलाद, अमीर, कत्ल, कलम, कानून, खत, फकीर, रिश्वत, औरत, कैदी, मालिक, गरीब आदि।
- तुर्की – कैंची, चाकू, तोप, बारूद, लाश, दारोगा, बहादुर आदि।
- पुर्तगाली – अचार, आलपीन, कारतूस, गमला, चाबी, तिजोरी, तौलिया, फीता, साबुन, तंबाकू, कॉफी, कमीज आदि।
- फ्रांसीसी – पुलिस, कार्टून, इंजीनियर, कर्फ्यू, बिगुल आदि।
- मैंडरिन (चीनी) – तूफान, लीची, चाय, पटाखा आदि।
- यूनानी – टेलीफोन, टेलीग्राफ, ऐटम, डेल्टा आदि।
- जापानी – रिक्शा आदि।
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शब्द विचार का महत्व क्या है?
हिंदी व्याकरण में शब्द विचार को महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह भाषा का सही उपयोग और अर्थ समझने में सहायक होते हैं। शब्द विचार संपूर्ण वाक्य और उसके भाव को सही रूप में व्यक्त करने के लिए आवश्यक हैं औऱ इसके अलावा शब्दों की उत्पत्ति और निर्माण की जानकारी प्राप्त होती है।
शब्द विचार से संबंधित महत्वपूर्ण MCQs
शब्द विचार संबंधित महत्वपूर्ण MCQs इस प्रकार दिए जा रहे हैं जिन्हें हल करके आप अपनी तैयारी को मजबूत बना पाएंगे-
(अ) विदुषी
(ब) विधाता
(स) विद्वता
(द) वरदान
उत्तर: (स) विद्वता
(अ) पाशविक
(ब) पशुत्व
(स) पशुता
(द) पशुपति
उत्तर: (अ) पाशविक
(अ) सड़कछाप
(ब) दयालु
(स) लिखित
(द) भूखा
उत्तर: (अ) सड़कछाप
(अ) रस्सी जल गई।
(ब) सीता पढ़ रही है।
(स) तुम प्रतिदिन पढ़ने आया करो।
(द) बच्चा सोता है।
उत्तर: (स) तुम प्रतिदिन पढ़ने आया करो।
(अ) ठोकर लगते ही लड़का गिर पड़ा।
(ब) वह चाय पीकर घूमने जाता है
(स) विद्यार्थी आयें तो कक्षा लगे
(द) निरपराध को डांटते शर्म नहीं आती?
उत्तर:(ब) वह चाय पीकर घूमने जाता है
(अ) नेहा हँसती है
(ब) सुधीर कार चलाता है
(स) पुलिस ने चोर को पकड़ लिया
(द) रामू को दवा पिलाओ
उत्तर: (अ) नेहा हँसती है
(अ) प्रेरणार्थक क्रिया
(ब) संयुक्त क्रिया
(स) अकर्मक क्रिया
(द) सकर्मक क्रिया
उत्तर:(स) अकर्मक क्रिया
(अ) मोहन नहाकर पूजा करने लगा
(ब) उस ने पुस्तक पढ़ी
(स) बालक ने पढ़ाई की
(द) विनीता कल से बीमार है
उत्तर: (अ) मोहन नहाकर पूजा करने लगा
(अ) हंसना
(ब) रोना
(स) लिखना
(द) उठना
उत्तर: (स) लिखना
(अ) फेनिल
(ब) धूमिल
(स) लौकिक
(द) प्राथमिक
उत्तर: (द) प्राथमिक
(अ) अग्निकार
(ब) आग्नेय
(स) अग्निकृत
(द) अग्निवेष
उत्तर: (ब) आग्नेय
(अ) कुछ चने मेरे लिए छोड़ देना
(ब) यह लड़का बहुत चालाक है
(स) कुछ बच्चे चंदा मांग रहे थे
(द) हिमांशु पाँच केले खा गया
उत्तर: (ब) यह लड़का बहुत चालाक है
(अ) क्रिया
(ब) जातिवाचक
(स) व्यक्तिवाचक
(द) भाववाचक
उत्तर: (द) भाववाचक
(अ) 5
(ब) 6
(स) 4
(द) 7
उत्तर: (ब) 6
(अ) 5
(ब) 4
(स) 3
(द) 6
उत्तर: (स) 3
(अ) उसे
(ब) आप
(स) तुम्हें
(द) हमारा
उत्तर: (अ) उसे
(अ) शैशव
(ब) लोहा
(स) लकड़ी
(द) पुस्तक
उत्तर: (अ) शैशव
(अ) अवस्था सूचक विशेषण
(ब) संज्ञा
(स) विशेषण
(द) क्रिया
उत्तर: (ब) संज्ञा
(अ) दुग्ध
(ब)कार्य
(स)पुस्तक
(द) हाथ
उत्तर: (द) हाथ
(अ) कमल
(ब) रावण
(स) जल
(द) देवालय
उत्तर: (स) जल
FAQs
शब्द विचार (Shabd Vichar) हिंदी व्याकरण का दूसरा खंड है जिसके अंतर्गत शब्द की परिभाषा, भेद-उपभेद, संधि, विच्छेद, रूपांतरण, निर्माण आदि से संबंधित नियमों पर विचार किया जाता है।
वर्णों या अक्षरों से बना ऐसा इंडिपेंडेंट समूह जिसका कोई अर्थ हो, वह समूह शब्द कहलाए जाते हैं।
शब्द और पद ध्वनियों के मेल से शब्द बनते हैं।
शब्द विचार का अध्ययन भाषा के सही और प्रभावी प्रयोग के लिए आवश्यक है। यह हमें शब्दों की उत्पत्ति, अर्थ और उपयोग में सहायता करता है, जिससे हम वाक्य का सही अर्थ समझ सकते हैं।
शब्द विचार में संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, अव्यय आदि सभी प्रकार के शब्द शामिल होते हैं और उनका विश्लेषण किया जाता है।
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आपने बहुत ही सुन्दर लेख लिखा है काफी कुछ सीखने को मिल रहा है धन्यवाद
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8 comments
शब्द भाषा की आत्मा है
बहुत ही अच्छा प्रस्तुती 🙏💐
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aapne bhut hi acha lekh likha hai jankari dene ke liye shukriya ,
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