पर्यटन को विश्व की सबसे अच्छी हॉबी में से एक माना गया है। भारत पर्यटन के लिहाज़ से बहुत सुन्दर देश माना जाता है। यहाँ के खूबसूरत स्थान और मौसम पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। विश्व भर से पर्यटक भारत भ्रमण के लिए आते हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत में आने वाले विदेशी सैलानियों की संख्या में भारी इज़ाफ़ा देखा गया है। टूरिज़्म भारत की जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा टूरिज़्म से भी आता है। यहाँ राष्ट्रीय पर्यटन दिवस कब है और इसके इतिहास के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस कब मनाया जाता है?
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस हर वर्ष 25 जनवरी को मनाया जाता है। इसे मानाने के पीछे का उद्देश्य भारत की सुंदरता का प्रचार प्रसार करना होता है। इससे भारत की छवि विश्व पटल पर मजबूत बनती है और भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि होती है। राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के माध्यम से भारत के टूरिज़्म सेक्टर का प्रमोशन होता है। छात्रों की जानकारी के लिए बता दें कि विश्व पर्यटन दिवस 27 सितम्बर को मनाया जाता है।
कब हुई राष्ट्रीय पर्यटन दिवस मनाने की शुरुआत?
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस की शुरुआत स्वतंत्रता के एक वर्ष बाद वर्ष 1948 में की गई थी। इसको शुरू करने के पीछे का उद्देश्य भारत में टूरिज़्म को बढ़ावा देना है। भारत में बहुत सी ऐसी खूबसूरत जगह हैं जो पर्यटन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। लेकिन वहां कोई उद्योग नहीं है। ऐसे में टूरिज़्म ही वहां कमाई का एकमात्र जरिया है। इसी बात को देखते हुए भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पर्यटन दिवस को मनाने की शुरुआत की गई
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का महत्व
यहाँ राष्ट्रीय पर्यटन दिवस का महत्व बताया जा रहा है :
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस से भारत के पर्यटन स्थलों का प्रचार होता है जिससे देश को भारी मात्रा में विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है।
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस से देश के क्षेत्र में रोजगार का विस्तार होता है।
पर्यटन दिवस से टूरिज़्म सेक्टर का प्रमोशनं होता है जिससे देश की जीडीपी में इजाफा होता है।
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