क्या आपके संस्कृत के अध्यापक ने कभी आपको Rama Shabd Roop लिखने या कक्षा में सुनाने के लिए कहा है? या आपने उन्हें ये कहते सुना है कि रमा शब्द रूप बहुत महत्वपूर्ण है। Rama Shabd Roop छोटी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक पूछा जाता है क्योंकि यह संस्कृत की नींव है। आपको बता दें कि इससे जुड़े हुए प्रश्न कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। Shabd Roop के जरिए हम किसी भी शब्द का प्रयोग सही ढंग से कर सकते हैं और उसका अर्थ भी सही से समझ सकते हैं। इस ब्लॉग में Rama Shabd Roop Sanskrit mein, शब्द रूप किसे कहते हैं?, शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?, रमा शब्द रूप कैसे याद करें? जानेंगे।
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आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द
रमा शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा का रूप है। जो शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा के होते हैं उनके शब्द रूप एक प्रकार से ही बनते हैं।
- आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द : आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जो स्त्रीलिंग होते हैं और जिनके अंत में “आ” ध्वनि होती है।
- आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा के उदाहरण : भिक्षा, निशा, जरा, बाला, धरा, राधा, सीता, लता, माला, नासिका, अवस्था, अध्यापिका, क्रीडा, कला, कविता, क्षमा, कोकिला, कोयल, कृपा, गायिका, गीता, गोपिका, चटका, चिड़िया, छाया, छात्रा, छाता, जनता, तारा, दया, दुर्गा, रमा, दशा, नर्मदा, नायिका, नौका, पत्रिका, अजा, पुस्तिका, बाला, बालिका, भाषा, माला, माया, महिला, यमुना, यात्रा, राधा आदि सभी शब्द आकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा हैं।
शब्द रूप किसे कहते हैं?
जैसा कि हम उच्चारण से समझ सकते हैं शब्द रूप अर्थात एक शब्द के विभिन्न रूप होते हैं। शब्द रूप की परिभाषा यह है कि शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तन को शब्द रूप कहते हैं। शब्द रूप व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है, इसे याद करने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किसी शब्द का प्रयोग विभक्ति और वचन के अनुसार किस प्रकार किया जाता है।
शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?
शब्द रूपों को मुख्यता दो भागों में बांटा जाता है-
- विकारी शब्द रूप: विकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप बदबलिके हैं।
- अविकारी शब्द रूप: अविकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप नहीं बदबलिके हैं।
रमा शब्द रूप संस्कृत में (Rama Shabd Roop Sanskrit Mein)
रमा शब्द रूप (Rama Shabd Roop) समझ लेने से संस्कृत में वचन के अनुसार वाक्यों में इसका प्रयोग करना आसान हो जाता है, जो इस प्रकार हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | रमा | रमे | रमाः |
द्वितीया | रमाम् | रमे | रमाः |
तृतीया | रमया | रमाभ्याम् | रमाभिः |
चतुर्थी | रमायै | रमाभ्याम् | रमाभ्यः |
पंचमी | रमायाः | रमाभ्याम् | रमाभ्यः |
षष्ठी | रमायाः | रमयोः | रमाणाम् |
सप्तमी | रमायाम् | रमयोः | रमासु |
सम्बोधन | हे रमे! | हे रमे! | हे रमाः! |
रमा शब्द के रूप कैसे याद करें?
रमा शब्द रूप को नीचे दी गई टेबल में दिए सुबन्त के प्रत्यय लगाकर या किसी भी आकारांत स्त्रीलिंग शब्द रूप को आसानी से लिखा जा सकता है –
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | आ | इ | आः |
द्वितीया | आम् | इ | आः |
तृतीया | अया | आभ्याम् | आभि: |
चतुर्थी | आयै | आभ्याम् | आभ्य: |
पंचमी | आयाः | आभ्याम् | आभ्य: |
षष्ठी | आयाः | अयो: | आनाम् |
सप्तमी | आयाम् | अयो: | आसु |
आप ऊपर दी गई टेबल के माध्यम से शब्द के अंत में उपरोक्त प्रत्यय लगाकर शब्द रूप लिख सकते हैं। कुछ इस प्रकार से इसका योग होगा –
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | रमा + आ = रमा | रमा + इ = रमे | रमा + आः = रमाः |
द्वितीया | रमा + आम् = रमाम् | रमा + इ = रमे | रमा + आ: = रमाः |
तृतीया | रमा + अया = रमया | रमा + आभ्याम् = रमाभ्याम् | रमा + आभि: = रमाभि: |
चतुर्थी | रमा + आयै = रमायै | रमा + आभ्याम् = रमाभ्याम् | रमा + आभ्य: = रमाभ्य: |
पंचमी | रमा + आयाः = रमायाः | रमा + आभ्याम् = रमाभ्याम् | रमा + आभ्य: = रमाभ्य: |
षष्ठी | रमा + आयाः = रमायाः | रमा + अयो: = रमयो: | रमा + आनाम्/आणाम् = रमानाम् |
सप्तमी | रमा + आयाम् = रमायाम् | रमा + अयो: = रमयो: | रमा + आसु = रमासु |
अकारान्त पुल्लिंग के शब्द रूप से संबंधित
- बालक शब्द रूप
- राम शब्द रूप
- ब्राह्मण शब्द रूप
- वृक्ष शब्द रूप
- गज शब्द रूप
- सूर्य शब्द रूप
- देव शब्द रूप
- मानव शब्द रूप
- सुर शब्द रूप
- मयूर शब्द रूप
- कुक्कुर शब्द रूप
- खग शब्द रूप
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- गणेश शब्द रूप
- विद्यालय शब्द रूप
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