Dev Shabd Roop : जानिए देव शब्द रूप हिंदी अर्थ के साथ और याद करने के लिए ट्रिक

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क्या आपके संस्कृत के अध्यापक ने कभी आपको Dev Shabd Roop लिखने या कक्षा में सुनाने के लिए कहा है? या आपने उन्हें ये कहते सुना है कि देव शब्द रूप बहुत महत्वपूर्ण है। Dev Shabd Roop छोटी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक पूछा जाता है क्योंकि यह संस्कृत की नींव है। आपको बता दें कि इससे जुड़े हुए प्रश्न कई प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। Shabd Roop के जरिए हम किसी भी शब्द का प्रयोग सही ढंग से कर सकते हैं और उसका अर्थ सही ढंग से समझ भी सकते हैं। इस ब्लॉग में Dev Shabd Roop संस्कृत में हिंदी अर्थ के साथ, शब्द रूप किसे कहते हैं?, शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?, देव शब्द रूप कैसे याद करें? जानेंगें।

अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द

देव शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा का रूप है। जो शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा के होते हैं उनके शब्द रूप एक प्रकार से ही बनते हैं।

  • अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द : वह शब्द जिनका लिंग पुल्लिंग हो तथा उनका उच्चारण करने पर अंत में अ स्वर की ध्वनि निकलती हो, उसे अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द कहते हैं।
  • अकारांत पुल्लिंग संज्ञा के उदाहरण : राम, सूर्य, ब्राह्मण, वृक्ष, क्षत्रिय, शूद्र, बालक, सुर, देव, मानव, ईश्वर, दिवस, छात्र, लोक, भक्त, शिष्य, आदि सभी शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा हैं।

शब्द रूप किसे कहते हैं?

जैसा कि हम उच्चारण से समझ सकते हैं शब्द रूप अर्थात एक शब्द के विभिन्न रूप होते हैं। शब्द रूप की परिभाषा यह है कि शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तन को शब्द रूप कहते हैं। विभक्ति और वचन अनुसार इनमें होने वाले परिवर्तन के आधार पर इनका प्रयोग निर्धारित होता है।

शब्द रूप व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है, इसे याद करने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किसी शब्द का प्रयोग किस प्रकार किया जाता है।

शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?

शब्द रूपों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है-

  • विकारी शब्द रूप: विकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप बदलते हैं।
  • अविकारी शब्द रूप: अविकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप नहीं बदलते हैं।

देव शब्द रूप (Dev Shabd Roop)

देव शब्द रूप (Dev Shabd Roop) समझ लेने से संस्कृत में वचन के अनुसार वाक्यों में इसका प्रयोग करना आसान हो जाता है, जो इस प्रकार हैं:

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमादेवःदेवौदेवाः
द्वितीयादेवम्देवौदेवान्
तृतीयादेवेनदेवाभ्याम्देवैः
चतुर्थीदेवायदेवाभ्याम्देवेभ्यः
पंचमीदेवात्देवाभ्याम्देवेभ्यः
षष्‍ठीदेवस्यदेवयोःदेवानाम्
सप्‍तमीदेवेदेवयोःदेवेषु
सम्बोधनहे देव!हे देवौ!हे देवाः!
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देव के शब्द रूप हिंदी अर्थ के साथ (Dev Shabd Roop with Meaning)

संस्कृत अगर आप बेसिक से शुरू कर रहे हैं तो आपको न सिर्फ देव के शब्द रूप समझने की जरूरत है बल्कि आपको इनके हिंदी अर्थ भी पता होने चाहिए ताकि आप वाक्य में इसका प्रयोग ठीक प्रकार से कर पाएं और साथ ही उसका हिंदी अर्थ समझ पाएं। Dev Shabd Roop हिंदी अर्थ के साथ (Dev shabd roop with meaning) नीचे दिया गया है-

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमादेवः (देव, देव ने)देवौ (दो देवों, दो देवों ने)देवाः (अनेक देवों, अनेक देवों ने)
द्वितीयादेवम् (देव को)देवौ (दो देवों को)देवान् (अनेक देवों को)
तृतीयादेवेन (देव से, देव के द्वारा)देवाभ्याम् (दो देवों से, दो देवों के द्वारा)देवैः (अनेक देवों से, अनेक देवों के द्वारा)
चतुर्थीदेवाय (देव को, देव के लिए)देवाभ्याम् (दो देवों को, दो देवों के लिए)देवेभ्यः (अनेक देवों को, अनेक देवों के लिए)
पंचमीदेवात्/देवाद् (देव से)देवाभ्याम् (दो देवों से)देवेभ्यः (अनेक देवों से)
षष्‍ठीदेवस्य (देव का, देव के, देव की)देवयोः (दो देवों का, दो देवों के, दो देवों की)देवानाम् (अनेक देवों का, अनेक देवों के, अनेक देवों की)
सप्‍तमीदेवे (देव में, देव पर)देवयोः (दो देवों में, दो देवों पर)देवेषु (अनेक देवों में, अनेक देवों पर)
सम्बोधनहे देव! (हे देव!)हे देवौ! (हे दो देवों!)हे देवाः! (हे अनेक देवों!)

देव शब्द के रूप कैसे याद करें?

देव शब्द रूप को या किसी भी देव शब्द रूप की तरह अकारान्त पुल्लिंग को एक आसान तरीके से याद कर सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:

विभक्तिएकवचनद्विवचनबहुवचन
प्रथमा:आः
द्वितीयाम्आन्
तृतीयायेनभ्याम्ऐः
चतुर्थीआयभ्याम्एभ्यः
पंचमीआत्भ्याम्एभ्यः
षष्‍ठीस्ययोःआनाम्
सप्‍तमीयोःएषु
सम्बोधनहे देव!हे देवौ!हे देवाः!

आप ऊपर दी गई टेबल के माध्यम से शब्द के अंत में उपरोक्त प्रत्यय लगाकर शब्द रूप लिख सकते हैं। यदि आप देव शब्द रूप को याद करना चाहते हैं, तो आपको लिखकर अभ्यास करना चाहिए।

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