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रक्षाबंधन पर निबंध

भाई-बहन के बीच का रिश्ता बहुत अनोखा होता है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इस रिश्तों को और प्रगाण करने के लिए रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। यह त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि के दौरान आता है और हमारे भाई-बहनों के साथ हमारे संबंधों का जश्न मनाता है। रक्षाबंधन के त्योहार को बहुत से स्कूलों में भी मनाया जाता है, इसके साथ ही छात्रों को इस विषय पर निबंध भी तैयार करने को दे दिए जाते हैं। ऐसे में इस ब्लॉग के माध्यम से जानते हैं 100, 200 और 500 शब्दों में रक्षा बंधन पर निबंध (Rakshabandhan par Nibandh)।

रक्षाबंधन पर निबंध 100 शब्दों में  

“रक्षाबंधन” एक पर्व है जो भाई-बहन के प्यार को मनाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिससे भाई उसकी सुरक्षा का वादा करता है। यह पर्व उनके प्यार और संबंध को मजबूती देता है। इसके साथ ही भाई बहन एक दूसरे को उपहार भी देते हैं और खुशियों का त्योहार मनाते हैं। यह पर्व हमारे संबंधों को मजबूत बनाने का एक अच्छा मौका प्रदान करता है और परिवार के बंधनों को मजबूती देता है। इस वर्ष रक्षा बंधन 19 अगस्त 2024 को सुबह 3:04 बजे से शुरू होकर रात 11:55 बजे तक रहेगा। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह दिन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। राखी पूर्णिमा के दिन दोपहर 1.32 बजे से रात 9.08 बजे के बीच राखी बांधना सौभाग्यशाली माना जाता है।

रक्षाबंधन पर निबंध 200 शब्दों में  

200 शब्दों में रक्षा बंधन पर निबंध कुछ इस प्रकार है-

“रक्षाबंधन” भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है जो भाई-बहन के प्यार और संबंध को मनाता है। यह पर्व श्रावण मास के पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है, जिसका मतलब होता है कि भाई अपनी बहन की रक्षा करेगा।

राखी का यह परंपरागत आचरण भाई-बहन के प्यार और संबंध की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधती है और भाई उसे विशेष उपहार के साथ प्यार और आशीर्वाद देता है।

रक्षाबंधन एक परिवार में खुशियों और एकता की भावना को बढ़ावा देता है। यह दिन भाई-बहन के बीच विशेष संबंध को मजबूती देता है और उनके प्यार को और भी गहराई देता है। इसके साथ ही, यह पर्व भाई-बहन के आपसी समर्थन और प्यार की भावना को भी प्रकट करता है।

समारोह और खास त्योहारी व्यंजन इस दिन को और भी यादगार बनाते हैं। रक्षाबंधन के माध्यम से हम अपने परिवार के महत्वपूर्ण सदस्यों के साथ समय बिता सकते हैं और उनके साथ खुशियाँ मना सकते हैं। समानता, समर्पण और प्यार की भावना से भरपूर यह पर्व हमें एक दूसरे के प्रति आदर्श संबंधों की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। इस त्योहार के माध्यम से हम भाई-बहन के बंधन को मजबूती देने के साथ-साथ परिवार के बंधनों की महत्वपूर्णता को भी समझते हैं।

रक्षाबंधन पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में रक्षा बंधन पर निबंध कुछ इस प्रकार है – 

प्रस्तावना 

“रक्षाबंधन” भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण और दिलचस्प त्योहार है जो भाई-बहन के प्यार और संबंधों को मनाने का अवसर प्रदान करता है। यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और भारत भर में खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

रक्षाबंधन का मतलब होता है “रक्षा की बंधन”। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर विशेष धागा या राखी बांधती है, जिससे भाई उसकी सुरक्षा का आश्वासन देता है। विरोधियों के खिलाफ यह बंधन एक विशेष आचरण होता है जो प्यार और सामंजस्य बंधन को प्रकट करता है।

रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई को राखी बांधती है और भाई भी उसे आशीर्वाद और उपहारों देता है। यह दिन परिवार के सदस्यों के बीच खुशियों और एक साख होने की भावनाओं को प्रकट करने का अवसर प्रदान करता है।

रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है?

इस त्योहार का अर्थ न केवल भाई-बहन के प्यार की महत्वपूर्णता को प्रकट करने में है, बल्कि यह उनके बीच समर्थन, आपसी समझ और सामंजस्य बंधन की महत्वपूर्णता को भी दिखाता है।

रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के प्यार के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही, यह एक परिवार के बंधन को मजबूत करने का एक अच्छा मौका प्रदान करता है। यह त्योहार समाज में सामाजिक एकता और परिवार के महत्व की भावना को प्रोत्साहित करता है।

रक्षाबंधन का त्योहार खासकर भारतीय संस्कृति में एकता और सद्भावना की प्रतीक होता है। यह दिन भाई-बहन के प्यार और सामंजस्य बंधन को मजबूत करने के साथ-साथ परिवार के सदस्यों को एक साथ आने का अवसर प्रदान करता है।

रक्षाबंधन से जुड़ी मान्यताएं

एक धार्मिक कथा के अनुसार रक्षा बंधन का संबंध भगवान कृष्ण से है। एक बार भगवान कृष्ण ने गलती से अपनी उंगली काट ली थी। उन्हें घायल देखकर पांडवों की पत्नी द्रौपदी को देखा नहीं गया और उन्होंने तुरंत अपने वस्त्र एक हिस्से को फाड़ कर भगवान कृष्ण की घायल उंगली पर बांध दिया ताकि उनके दर्द को शांत किया जा सके और रक्त को बहने से रोका जा सके। भगवान कृष्ण उनके भाव से बहुत प्रभावित हुए और बदले में उन्हें दुनिया की सभी बुराइयों से बचाने का वादा किया। उन्होंने इसे रक्षा सूत्र कहा। तब से ही रक्षा बंधन की शुरूआत मानी जाती है।

रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है?

रक्षाबंधन के दिन घरों में एक उत्सव की भावना छाई रहती है। बहन राखी तैयारी में खास ध्यान देती है और भाई के लिए विशेष उपहार चुनती है। वे समर्थन और आशीर्वाद की कठिनाइयों का सामना करने का आदान-प्रदान करते हैं और सभी कठिनाइयों को सामने लाने का वचन देते हैं।

इसके अलावा, रक्षाबंधन के दिन समाज में सामाजिक दरारों को दूर करने का भी अवसर होता है। लोग इस दिन अपने दोस्तों, पड़ोसियों और परिवार के बाहरी सदस्यों के साथ एकत्रित होते हैं और उनके साथ समय बिताते हैं। यह एक खुशी का मौका होता है जब लोग अपने आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हैं।

यह त्योहार समाज में नारी के महत्व को भी प्रकट करता है। बहनें अपने भाइयों की रक्षा के लिए राखी बांधकर उन्हें सुरक्षित महसूस कराती हैं, जबकि भाई भी उनके प्यार और समर्थन का प्रतिसाद देते हैं। यह दिन समाज में नारी की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है और उन्हें समाज में उच्च स्थान पर रहने का मौका देता है।

समृद्धि और सफलता की कामना के साथ ही, रक्षाबंधन भाई-बहन के प्यार और संबंध की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। यह एक विशेष तरीका है जिससे हम अपने प्यारे भाई-बहन के साथ समय बिता सकते हैं और उन्हें अपनी आसीर्वादों से नवाज सकते हैं।

उपसंहार 

समानता, सद्भावना और परिवार के महत्व की भावना से भरपूर यह पर्व हमें एक दूसरे के प्रति आदर्श संबंधों की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है। रक्षाबंधन के माध्यम से हम भाई-बहन के बंधन को मजबूती देने के साथ-साथ परिवार के बंधनों की महत्वपूर्णता को भी समझते हैं।

समग्रता और सामाजिक सद्भावना के साथ, रक्षाबंधन एक परिवार के बंधनों को मजबूत करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करता है। इस त्योहार से हमें यह सीखने को मिलता है कि परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताना कितना महत्वपूर्ण है और हमें उनके साथ खुशियाँ मनानी चाहिए।

रक्षा बंधन पर 10 लाइन्स 

रक्षा बंधन पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  1. “रक्षाबंधन” भारतीय परंपरागत त्योहारों में से एक है जो भाई-बहन के प्यार और संबंधों का प्रतीक है।
  2. यह पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जिसमें बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है।
  3. राखी के साथ ही बहन अपने भाई को आशीर्वाद देती है और भाई भी उसकी सुरक्षा का वादा करता है।
  4. इस त्योहार का महत्व न केवल प्यार और समर्थन को प्रकट करने में है, बल्कि यह भाई-बहन के बीच आदर्श संबंध की महत्वपूर्णता को भी दिखाता है।
  5. रक्षाबंधन एक तरीका है जिससे हम अपने प्यारे भाई-बहन के साथ समय बिता सकते हैं।
  6. इस दिन बहनें खासकर अपने भाई की रक्षा बंधन के लिए तैयारी करती हैं और भाई भी उन्हें उपहारों और आशीर्वादों देते हैं।
  7. रक्षाबंधन दिन परिवार के सदस्यों साथ होते हैं इससे प्यार की भावना को बढ़ावा मिलता है।
  8. यह त्योहार समाज में सामाजिक दूरियों को कम करने का भी अवसर प्रदान करता है और लोगों को एक-दूसरे के प्रति समर्पित होने की महत्वपूर्णता को समझाता है।
  9. इस पर्व के माध्यम से हम अपने भाई-बहन के प्यार और संबंध को मजबूती देते हैं और उन्हें आपसी समर्थन का संकेत भी देते हैं।
  10. रक्षाबंधन हमें एकता, समर्पण और परिवार के महत्व की महत्वपूर्णता को समझने का मौका प्रदान करता है और हमें अपने प्यारे भाई-बहन के साथ खुशियों और समृद्धि के अनुभव करने का मौका देता है।

रक्षा बंधन से जुड़े कुछ तथ्य

आइये रक्षा बंधन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य जान लेते हैं –

  1. रक्षा बंधन को देशभर में ” राखी पूर्णिमा “, या “राखी”, या “राखरी” के नाम से भी जाना जाता है। 
रक्षा बंधन पर निबंध
  1. बहन अपने भाई की कलाई पर जो धागा बांधती है वह बहुत शुभ होता है। धागा रक्षा बंधन में ‘बंधन’ भाग को दर्शाता है। यह दो-भाग वाले बंधन को दर्शाता है और सुरक्षा या ‘रक्षा’ का प्रतीक है, जो छोटी बहन अपने भाई से चाहती है।
  1. राखी का पवित्र धागा सिर्फ बहनें ही अपने भाइयों को नहीं बांधती हैं। भारत के कुछ क्षेत्रों, जैसे उत्तर प्रदेश, में राखी बहन अपनी भाभी को भी बांधती है। इन राखियों को लुंबा राखी कहा जाता है । साथ ही जिन बहनों की बहनें होती हैं वे एक-दूसरे को राखी बांधती हैं।
  1. रक्षा बंधन के बारे में एक और दिलचस्प तथ्य जो बहुत से लोगों को नहीं पता है वह यह है कि रक्षा बंधन श्रावण के आखिरी दिन पड़ता है, इसलिए भक्त समुद्र में नारियल प्रार्थना करके भगवान विष्णु के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करते हैं। चूंकि महाराष्ट्र एक तटीय क्षेत्र है, इसलिए रक्षा बंधन के दिन को वहां नारियल पूर्णिमा के दिन के रूप में भी जाना जाता है। उनके अपने रीति-रिवाज हैं, जिन्हें महाराष्ट्र के लोग अपने तरीके से निभाते हैं।
  1. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान इंद्र राक्षसों से लड़ने जा रहे थे, तो उनकी पत्नी इंद्राणी ने उनकी कलाई पर एक धागा बांधा था। साथ ही रिश्ते की अहमियत भी बदल गई और बहन ने अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा।
Rakshabandhan par Nibandh
  1. इस तथ्य के पीछे की पूरी कहानी बहुत कम लोग जानते हैं। इस कथा के अनुसार एक बार पतंग उड़ाते समय भगवान कृष्ण का हाथ कट गया। यह देखकर द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी से कपड़े का एक टुकड़ा फाड़कर कृष्ण को बांध दिया। बदले में, भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को किसी भी परिस्थिति में रक्षा करने का वादा किया। बाद में, भगवान कृष्ण ने चीर हरण के दौरान द्रौपदी की रक्षा की।
  2. नोबेल पुरस्कार विजेता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1905 में बंगाल विभाजन के दौरान हिंदुओं और मुस्लिम समुदाय के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए रक्षाबंधन त्योहार का इस्तेमाल किया।
  1. ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु ने राक्षस राजा बलि को वरदान दिया था कि वह उनके महल में ही रहेगा, लेकिन देवी लक्ष्मी ऐसा नहीं करना चाहती थीं। उन्होंने बाली को राखी बांधी और बदले में उनसे भगवान विष्णु को जाने देने को कहा।
  1. राखी का त्यौहार बहनों और भाइयों के बीच एक सार्वभौमिक बंधन का प्रतिनिधित्व करने की अपनी सुंदर प्रकृति के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका, श्रीलंका, नेपाल, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात में मनाया जाता है।
रक्षा बंधन पर निबंध
  1. यह मुख्य रूप से भारत और दुनिया भर में हिंदुओं और जैनियों द्वारा मनाया जाता है। फिर भी, यह मुस्लिम, सिख, बौद्ध और ईसाई सहित अन्य धर्मों द्वारा भी संयुक्त रूप से आयोजित किया जाता है।

FAQ 

2024 में राखी की कौन सी तारीख है?

रक्षा बंधन का त्योहार इस साल 19 अगस्त 2024 को सुबह 3:04 बजे से शुरू होकर रात 11:55 बजे तक रहेगा।

रक्षा बंधन से क्या तात्पर्य है?

रक्षा बंधन भाई बहनों के बीच निःस्वार्थ प्रेम का त्योहार है। रक्षाबंधन एक परंपरागत भारतीय त्योहार है जिसमें बहन अपने भाई के कलाई पर रक्षा बंधती है और उनकी लम्बी आयु और सुरक्षा की कामना करती है।

रक्षा बंधन की शुरुआत कब से हुई?

रक्षा बंधन की शुरुआत लगभग 6 हजार वर्ष पहले होने का अनुमान लगाया जाता है।

रक्षा बंधन कब मनाया जाता है?

रक्षा बंधन श्रावण महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार आता है (जुलाई या अगस्त महीने में)।

रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है?

रक्षाबंधन में बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है, जो एक परिप्रेक्ष्य में आभूषण होता है। इसके बाद, वे एक दूसरे को मिठाइयों और उपहारों के साथ बधाई देते हैं।

राखी क्या होती है?

राखी एक परिप्रेक्ष्य में बनी धागा होती है जिसे बहन अपने भाई की कलाई पर बांधती है। यह बंधन उनके प्यार और सम्मान का प्रतीक होता है।

रक्षाबंधन का महत्व क्या है?

रक्षाबंधन का महत्व बहन और भाई के प्यार और सख्त बंधन को साझा करने में होता है। यह एक परिवारिक त्योहार है जो परिवार के सदस्यों को एक साथ लाता है और उनके आपसी संबंधों को मजबूती देता है।

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