राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने एक बयान जारी कर विधान सभा में बताया है कि राजस्थान सरकार की ओर से दी जाने वाली स्कॉलरशिप जिसके तहत उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाने वाले राजस्थान के छात्रों को आर्थिक मदद प्रदान की जाती थी, वह बंद नहीं की जाएगी।
स्कॉलरशिप जारी रहेगी, लेकिन योजना के नाम में तब्दीली
विधानसभा के प्रश्नसत्र के दौरान एक प्रश्न का जवाब देते हुए गहलोत ने बताया कि पहले राजस्थान के छात्रों को विदेश के विश्वविद्यालयों में पढ़ने के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति योजना का नाम राजीव गांधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस था, जिसे अब बदलकर स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस कर दिया गया है।
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योजना में किए गए बड़े सुधार
अविनाश गहलोत ने बताया कि उनकी सरकार के द्वारा इस स्कॉलरशिप स्कीम में कई सुधार किए गए हैं। पहले इस स्कॉलरशिप योजना का लाभ केवल वर्ष में 500 छात्रों को ही मिलता था,लेकिन अब लाभान्वित छात्रों की संख्या में इजाफा कर दिया गया है। इसके अलावा पहले इस योजना का लाभ कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के बच्चों को भी मिल जाता था, लेकिन अब इस योजना का लाभ केवल समाज के जरूरतमन्द तबके से आने वाले छात्रों को ही दिया जाएगा।
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स्कॉलरशिप के आधार पर किया जाएगा छात्रों का चयन
राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने विधानसभा में आगे बताया कि अब से इस स्कॉलरशिप स्कीम के लिए छात्रों का चयन किसी सिफारिश या सुझाव पर आधारित न होकर मेरिट के आधार पर किया जाएगा। उनके अनुसार ऐसा होने से इस योजना का लाभ उन छात्रों को मिल सकेगा जो सच में प्रतिभाशाली हैं और आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
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