पूर्वोत्तर क्षेत्र में मेडिकल एजुकेशन को प्रोत्साहित करने की कोशिश में लगी केंद्र सरकार, मेघालय में बढ़ाई जाएगी मेडिकल सीटों की संख्या

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केंद्र सरकार इन दिनों भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में मेडिकल एजुकेशन और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की कोशिशों में लगी हुई है। इसी कवायद में केंद्र सरकार द्वारा मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में स्थित मेडिकल कॉलेज नॉर्थ ईस्टर्न इंदिरा गांधी रीज़नल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हेल्थ एंड मेडिकल साइंसेस (NEIGRIHMS) में MBBS की सीटों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

23 अगस्त 2023 को केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार NEIGRIHMS के परिसर में दौरे पर आई हुई थीं। इसी अवसर पर उन्होंने यहाँ MBBS की सीटें बढ़ाए जाने की घोषणा की।

NEIGRIHMS में बढ़ाई जाएंगी MBBS की 50 सीटें

NEIGRIHMS में अपने दौरे के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ.भारती प्रवीण पवार ने बताया कि मेघालय में मेडिकल एजुकेशन और हेल्थ फेसिलिटीज़ को बेहतर बनाने की मुहिम के चलते NEIGRIHMS में एमबीबीएस की 50 सीटें बढ़ाई जाएंगी। इसके बाद मेघालय NEIGRIHMS में MBBS की कुल 100 सीटें हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया अगले वर्ष ही पूरी कर ली जाएगी।

केंद्र सरकार ने तय किया INR 600 करोड़ का बजट

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ.भारती प्रवीण पवार ने बताया कि मेघालय में स्थित NEIGRIHMS में नर्सिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से INR 600 करोड़ का बजट आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पिछले वर्ष NEIGRIHMS के लिए INR 480 करोड़ का बजट जारी किया गया था जो इस वर्ष बढ़कर INR 528 करोड़ हो गया है।

इसी क्रम में NEIGRIHMS के लिए बजट को बढ़ाकर अब INR 600 करोड़ कर दिया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने मेघालय में केंद्र सरकार द्वारा मेडिकल एजुकेशन और स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की।

NEIGRIHMS के बारे में

पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संस्थान (NEIGRIHMS) पूर्वोत्तर भारत के राज्य मेघालय की राजधानी  शिलॉन्ग में स्थित एक चिकित्सा संस्थान है। यह शिलॉन्ग शहर के बाहरी इलाके में स्थित है। पूर्ण चिकित्सा सुविधाएं अस्पताल के स्थायी परिसर, मावडियांगडियांग में 2007 से आरम्भ हुई थीं।

यह 1987 में बना भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्थान है। इसे भारतीय संसद द्वारा “सेंटर आफ़ एक्सेलेन्स” अर्थात “उत्कृष्टता का केन्द्र” घोषित किया जा चुका है। यहां एमबीबीएस कार्यक्रम 2008 में 40 विद्यार्थियों के साथ आरम्भ किया गया था।

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