चंद्रयान-3 की सफलता के बाद इंडियन स्पेश रिसर्च आर्गनाइजेशन (ISRO) अन्य कई मिशन पर काम कर रहा है। मिशन की सफलता के बाद किसी भी स्पेश एजेंसी की ताकत पूरी दुनिया देखती है, क्योंकि इन मिशन के अंतरिक्ष में भेजने के पीछे कई उद्देश्य और नई जानकारी हासिल करने का मकसद होता है। निसार मिशन भी इनमें शामिल है, यह इसरो और नासा का ज्वाइंट मिशन है, जिस पर काम चल रहा है। इस ब्लाॅग में Nisar in Hindi के बारे में विस्तृत जानेंगे।
मिशन का नाम | निसार मिशन |
बाॅडी | ISRO और NASA |
निसार मिशन लाॅन्चिग डेट | जनवरी 2024 (संभावित) |
निसार मिशन लाॅन्चिग जगह | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र |
मिशन की घोषणा कब की गई | 2014 |
निसार मिशन की लागत | लगभग INR 12,000 करोड़ |
This Blog Includes:
- निसार मिशन क्या है?
- निसार मिशन कब लॉन्च किया जाएगा?
- निसार मिशन कहां लॉन्च किया जाएगा?
- निसार मिशन लॉन्च करने के लिए किस अंतरिक्ष यान का उपयोग किया जाएगा?
- निसार मिशन के लिए इसरो और नासा का उद्देश्य क्या है?
- निसार मिशन के डायरेक्टर और टीम में कौन हैंं?
- निसार मिशन की लागत कितनी है?
- निसार मिशन के बारे में रोचक तथ्य
- इसरो का अगला मिशन क्या है?
- FAQs
निसार मिशन क्या है?
निसार (NASA-ISRO SAR) को पृथ्वी के अवलोकन के लिए नासा और इसरो द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जा रहा है। निसार मिशन (NISAR- NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) का निर्माता इसरो है और संचालक नासा है। इस मिशन का ड्यूरेशन 3 साल है। पृथ्वी और बदलती जलवायु के बारे में अपनी समझ बढ़ाने के लिए और अंतरिक्ष सहयोग में अमेरिका-भारत संबंधों को मजबूत करने के लिए यह मिशन मील का पत्थर है।
निसार मिशन कब लॉन्च किया जाएगा?
Nisar in Hindi को जनवरी 2024 में लाॅन्च करने की योजना है। हालांकि अभी तक नासा और इसरो की ओर से इसकी लाॅन्चिग की ऑफिशियल अनाउंसमेंट नहीं की गई है। इस मिशन की घोषणा 2014 में ही कर दी गई थी, लेकिन संभावना है कि इसरो अभी कई मिशन पर काम कर रहा है, इसलिए इसकी लाॅन्चिग में इतना समय लग रहा है।
निसार मिशन कहां लॉन्च किया जाएगा?
Nisar in Hindi नासा और इसरो का ज्वाइंट मिशन है, लेकिन इसकी लाॅन्चिग जगह भारत में तय की गई है। निसार मिशन की लाॅन्चिग जगह सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र निर्धारित हैं। हालांकि लाॅन्चिग जगह और तिथि में इसरो बदलाव भी कर सकता है।
निसार मिशन लॉन्च करने के लिए किस अंतरिक्ष यान का उपयोग किया जाएगा?
इसरो और नासा दोनों निसार मिशन की सफल लाॅन्चिग पर काम कर रहे हैं। इस मिशन को लाॅन्च करने के लिए L-बैंड और S-बैंड सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) उपकरण शामिल है। इस कारण इसे दोहरी आवृत्ति इमेजिंग रडार उपग्रह कहा जाता है। इंटीग्रेटेड रडार इंस्ट्रूमेंट स्ट्रक्चर (आईआरआईएस) और अंतरिक्ष यान बस पर लगे एसएआर पेलोड को एक साथ वेधशाला कहा जाता है।
निसार मिशन के लिए इसरो और नासा का उद्देश्य क्या है?
किसी भी स्पेश मिशन की लाॅन्चिग के पीछे कई उद्देश्य और नई जानकारी पता लगाने का मकसद होता है। Nisar in Hindi की लाॅन्चिग के पीछे नासा और इसरो के ये उद्देश्य शामिल हैंः
- निसार पृथ्वी की सतहों में सूक्ष्म परिवर्तनों का निरीक्षण करेगा। इससे शोधकर्ताओं को ऐसी घटनाओं के कारणों और परिणामों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
- निसार मिशन 12 दिनों में पूरे विश्व का मानचित्रण करेगा और पृथ्वी के पारिस्थितिक तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में परिवर्तन को समझने के लिए स्थानिक और अस्थायी रूप से सुसंगत डेटा प्रदान करेगा।
- यह मिशन ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के चेतावनी संकेतों को पहचानेगा।
- उपग्रह भूजल स्तर को मापने के अलावा ग्लेशियरों और बर्फ की चादरों की प्रवाह दर को ट्रैक करेगा।
- यह मिशन ग्रह के वन और कृषि क्षेत्रों की निगरानी करेगा।
- इसरो NISAR का उपयोग कृषि मानचित्रण, और हिमालय में ग्लेशियरों की निगरानी, भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों और समुद्र तट में परिवर्तन सहित विभिन्न उद्देश्यों के लिए करेगा।
- सिंथेटिक एपर्चर रडार (SSR) का उपयोग करके NISAR हाई-रिज़ॉल्यूशन पिक्चर्स तैयार करेगा।
निसार मिशन के डायरेक्टर और टीम में कौन हैंं?
निसार मिशन के लिए नासा के परियोजना प्रबंधक फिल बरेला और इसरो के परियोजना निदेशक सीवी श्रीकांत हैं। इनके अलावा इस मिशन के लिए पूरी टीम वर्क कर रही है। इसकी उड़ान-प्रणाली में दो फ्री केए-बैंड ट्रांसमिट सिस्टम हैं (एक नासा में विकसित और एक इसरो में विकसित) जो साइंस और इंजीनियरिंग डेटा को डाउनलिंक करने की अनुमति देता है।
निसार मिशन की लागत कितनी है?
किसी भी स्पेश मिशन में हजारो-लाखों करोड़ का खर्च आता है। Nisar in Hindi की लागत लगभग INR 12,000 करोड़ है, क्योंकि निसार में नासा के विज्ञान मिशन पर अब तक लॉन्च की गई सबसे माडर्न रडार प्रणाली होगी।
निसार मिशन के बारे में रोचक तथ्य
Nisar in Hindi के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैंः
- निसार मिशन इसरो और नासा का ज्वाइंट मिशन है।
- इम मिशन की सैटेलाइट में दो रडार हैं और वे L-बैंड SAR और S-बैंड SAR हैं। L-बैंड SAR की मैन्युफैक्चरिंग नासा द्वारा की जाएगी और S-बैंड SAR की मैन्युफैक्चरिंग इसरो द्वारा की जाएगी।
- निसार मिशन लांन्चिग के बाद कम से कम तीन साल तक काम करेगा।
- निसार मिशन निम्न पृथ्वी कक्षा या लोअर अर्थ ऑर्बिट (LEO) वेधशाला है।
- एनआईएसएआर में दो सिंथेटिक एपर्चर रडार (एसएआर) हैं, एक एल-बैंड (एल-एसएआर) और एक एस-बैंड (एस-एसएआर) और यह दो अलग-अलग रडार आवृत्तियों का उपयोग करने वाला पहला उपग्रह होगा।
- निसार 747 किमी की ऊंचाई और 98.4° के झुकाव के साथ सूर्य-समकालिक कक्षा को फाॅलो करेगा। इसमें 100 मिनट की अवधि और 12 दिनों का दोहराव चक्र होगा।
- NISAR एक संशोधित इसरो I3K अंतरिक्ष यान बस को कार्यान्वित (implements) करता है।
- इसस मिशन से भूविज्ञान में तेजी से बढ़ रहे माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग अनुप्रयोगों को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
- मिशन की सटीक इंटरफेरोमेट्रिक कक्षाएं भूमि की सतह में कुछ मिलीमीटर विकृतियों का मानचित्रण करने में सक्षम होंगी।
- इसरो एस-बैंड रडार का उपयोग कम से कम पांच वर्षों तक करेगा।
- नासा को अपने वैश्विक विज्ञान संचालन के लिए कम से कम तीन वर्षों के लिए एल-बैंड रडार की आवश्यकता है।
इसरो का अगला मिशन क्या है?
इंडियन स्पेश रिसर्च ऑर्गनाइजेशन चंद्रयान-3 की सफलता के बाद कई मिशन पर काम कर रहा है। इसरो का अगला मिशन गगनयान मिशन और सूर्य का अध्ययन करने वाला आदित्य एल-1 वन मिशन है। आदित्य एल-1 को 2023 सितंबर के पहले सप्ताह में लाॅन्च किया जा सकता है।
सम्बंधित आर्टिकल
FAQs
निसार मिशन के निर्माता इसरो है और संचालक नासा है।
रडार इमेजिंग बिल्कुल फ्लैश कैमरे की तरह काम करती है। यह अपना प्रकाश स्वयं निर्मित करता है। वस्तु से प्रतिबिंब के आधार पर, यह वस्तु की तस्वीर बनाता है।
स्पेस साइंटिस्ट वे हैं जो स्पेस और उससे संबंधित चीजों की स्टडी और रिसर्च करते हैं।
ISRO की फुल फाॅर्म Indian Space Research Organization है।
निसार मिशन को जनवरी 2024 में लाॅन्च किया जा सकता है।
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको Nisar in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी, जिससे आपको UPSC परीक्षा क्लियर करने में मदद मिलेगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।