केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) को निर्देश दिया है कि अगले एकेडमिक सेशन (2024-25) से कक्षा 1 में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 6+ होनी चाहिए। शिक्षा मंत्रालय ने नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी-2020 और निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानों के अनुसार यह व्यवस्था की है।
Department of School Education & Literacy, Ministry of Education, in a letter dated 15.02.2024, with reference to D.O. letter No. 9-2/20- IS-3 dated 31.03.2021 followed by D.O. letter of even number dated 09.02.2023, requested all states/UTs to ensure that the age of admission to… pic.twitter.com/RoIrA9h9IC
— Ministry of Education (@EduMinOfIndia) February 25, 2024
ऑफिशियल नोटिफिकेशन के अनुसार, मंत्रालय ने इस संबंध में 15 फरवरी को स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग को लेटर लिखा है और 2024-25 के सेशन से कक्षा 1 में एडमिशन के लिए इस नियम को लागू करने के लिए कहा है।
मंत्रालय ने शिक्षा सचिव के एक पत्र में इन दिशानिर्देशों का पालन करने के महत्व पर जोर दिया। निर्देश का उद्देश्य सभी क्षेत्रों में आयु मानदंडों में एकरूपता सुनिश्चित करना और NEP-2020 और RTE एक्ट का अनुपालन बनाए रखना है। राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया गया है कि वे ग्रेड 1 प्रवेश के लिए आयु की आवश्यकता के साथ संबंधित अधिकारियों को कार्यान्वयन की स्थिति की रिपोर्ट करें।
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बदलाव से स्टूडेंट्स के लिए क्या फायदे हैं?
इस बदलाव के तहत पहली क्लाॅस से ही स्टूडेंट्स को फायदा मिलेगा। बच्चों को सीखने और समझने का ज्यादा समय मिलेगा। एक सही उम्र में बच्चों को स्कूली शिक्षा मिलने से उनका शारीरिक विकास और मानसिक विकास होगा। इसके अलावा बच्चों में दबाव कम होगा और वह अपनी उम्र के हिसाब से सीखना शुरू करेंगे। स्कूलों में एडमिशन लेने की उम्र एक होने से एजुकेशन सिस्टम में पारदर्शिता और एकरूपता रहेगी।
नेशनल एजुकेशन पाॅलिसी (NEP) के बारे में
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल से लेकर कॉलेज तक की शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। इसके तहत नाॅलेज के साथ ही उनकी हेल्थ और स्किल डेवलपमेंट शामिल है। इसके अंतर्गत 12 साल की स्कूल शिक्षा होगी और 3 साल की फ्री स्कूल शिक्षा होगी। नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल में 5वीं तक शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में दी जाएगी।
छठी कक्षा से बिजनेस इंटर्नशिप स्टार्ट कर दी जाएगी। न्यू एजुकेशन पाॅलिसी आने के बाद कोई भी सब्जेक्ट चुन सकते हैं और स्टूडेंट्स फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का भी सब्जेक्ट पढ़ सकते हैं। ग्रेजुएशन में 3 या 4 साल लगता है, जिसमें एग्जिट ऑप्शन होंगे।
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