नींद खुलना मुहावरे का अर्थ (Neend Khulna Muhavare Ka Arth) होता है, समझ में आना या होश आना। जब कोई व्यक्ति किसी परिस्थिति को देखकर होश में आ जाता है, तो उस स्थिति के संदर्भ में इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप नींद खुलना मुहावरे का अर्थ, इसका वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है, उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
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नींद खुलना मुहावरे का अर्थ क्या है?
नींद खुलना मुहावरे का अर्थ (Neend Khulna Muhavare Ka Arth) होता है- समझ में आना या होश आना। आसान शब्दों में समझें तो इस मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति का वर्णन करने के लिए किया जाता है, जिसमें कोई व्यक्ति किसी चीज को समझ नहीं पाता है लेकिन अचानक वह चीजें समझने लगता है।
नींद खुलना पर व्याख्या
“नींद खुलना” हिंदी भाषा का एक बेहद लोकप्रिय मुहावरा है जिसका अर्थ होता है- समझ में आना या होश आना। इस मुहावरे के माध्यम से ऐसी स्थिति को परिभाषित करना आसान हो जाता है, जहाँ कोई व्यक्ति बेहोशी को छोड़कर होश में आ जाता है।
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नींद खुलना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
नींद खुलना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- स्तुति की देखभाल से अनजान देवांग की नींद खुली और वह उसे सम्मान की दृष्टि से देखने लगा।
- वैभव को जैसे ही सच का पता चला, वैसे ही उसकी नींद खुल गई।
- जीवन भर भ्रम में रहने वाले जिग्नेश की आज नींद खुल गई।
- पंकज को अब जाकर अपनी गलती का एहसास हुआ, लगता है उसकी नींद खुल गई।
- विशाखा को ढाई साल बाद चीजे समझ आई, ये उसके लिए नींद खुलने जैसा था।
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आशा है कि आपको नींद खुलना मुहावरे का अर्थ (Neend Khulna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।