NCERT का सुझाव, रामायण और महाभारत को सोशल साइंस की किताबों में किया जाए शामिल

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NCERT ne diya social science books mein ramayan aur mahabharat ko shamil karne ka sujhaav

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) पैनल ने सिफारिश की है कि भारत के ‘शास्त्रीय काल’ के तहत इतिहास के कोर्स के हिस्से के रूप में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को स्कूलों में पढ़ाया जाना चाहिए।

संविधान की प्रस्तावना क्लासेज की दीवारों पर लगाया जाए

समिति के अध्यक्ष प्रो सी आई इस्साक ने बताया कि पैनल ने यह भी सिफारिश की है कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना को सभी कक्षाओं की दीवारों पर स्थानीय भाषाओं में लिखा जाना चाहिए।

स्कूलों के लिए सोशल साइंस कोर्स को रिवाइज़ करने के लिए गठित NCERT की सोशल साइंस समिति ने पाठ्यपुस्तकों में भारतीय ज्ञान प्रणाली, वेदों और आयुर्वेद को शामिल करने सहित कई प्रस्ताव दिए हैं।

सुझाव सोशल साइंस पर अंतिम स्थिति पेपर का हिस्सा रहे हैं, जो एक प्रमुख दस्तावेज है जो इस विषय पर नई NCERT पाठ्यपुस्तकों के विकास में मदद करता है। प्रस्ताव को अभी NCERT से अंतिम मंजूरी मिलनी बाकी है।

क्रांतिकारियों के बारे में पढ़ाया जाए

पैनल ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि पाठ्यपुस्तकों में केवल एक या दो के बजाय भारत पर शासन करने वाले सभी राजवंशों को जगह दी जानी चाहिए। इसाक ने बताया कि पैनल ने सुझाव दिया है कि किताब में सुभाष चंद्र बोस जैसे महान क्रांतिकारियों के बारे में जानकारी हो। पैनल ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि पाठ्यपुस्तकों में इंडिया शब्द की जगह भारत नाम होना चाहिए।

NCERT के बारे में

NCERT की फुल फाॅर्म National Council of Educational Research and Training होती है। NCERT भारत सरकार द्वारा गठित ऑटोनोमोअस ऑर्गनाइजेशन है। इसे 1961 में सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत स्थापित किया गया था। इस संगठन का काम स्कूल की शिक्षा में सुधार लाने के लिए नई नीतियां और प्रोग्राम करना व केंद्र और राज्य सरकार को सलाह देना है।

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