क्या आप सोच रहे हैं Navratri Mein Kaun Sa Samas Hai? तो आपको बता दें कि नवरात्र में द्विगु समास है। यह जानने से पहले की द्विगु समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। Navratri Mein Kaun Sa Samas Hai यह तो आप जान गए हैं, आप इस ब्लॉग में आगे जानेंगें नवरात्र का समास विग्रह, चौराहा में द्विगु समास क्यों हैं, द्विगु समास क्या होता है साथ ही द्विगु समास के कुछ अन्य उदाहरण।
नवरात्र में द्विगु समास है।
द्विगु समास क्या होता है?
यदि किसी सामासिक पद में पहला पद संख्यावाचक शब्द हो और दूसरा पद संज्ञा शब्द हो तथा पूरा पद समूह का बोध करवाए तो उसे द्विगु समास कहते हैं। जब किसी सामासिक पद का समास विग्रह करने पर दोनों पदों के अन्त में ‘का समूह या का समाहार’ आता है, तो वहां द्विगु समास होता है। जब कोई पहला पद एक संख्या जैसे (सौ, पांच, दो, सात) विशेषण है, तथा सभी पद किसी ग्रुप या फिर समाहार का बोध करा रहा है। ‘द्विगु समास’ के उदाहरण इस प्रकार हैं:
- चारपाई : चार पैरों का समूह
- त्रिभुवन : तीन महलों का समाहार
- चौराहा : चार राहों का समूह
- तिरंगा : तीन रंगों में विभाजन का समूह
- नवरत्न : नव रत्नों का समाहार
अन्य उदाहरण
समस्तपद | समास-विग्रह |
दुराहा | दो राहों का समाहार |
सतसई | सात सौ दोहों का समाहार |
तिरंगा | तीन रंगों का समाहार |
दशानन | दस आननों (मुखों) का समाहार |
पंचवटी | पाँच वट वृक्षों का समूह |
सप्ताह | सात दिनों का समूह |
पंजाब | पाँच आबों का समाहार |
अठन्नी | आठ आनों का समाहार |
नवग्रह | नौ ग्रहों का समाहार |
नवरत्न | नव रत्नों का समाहार |
शताब्दी | सौ अब्दों (वर्षों) का समाहार |
नवरात्र | नव (नौ) रातों का समाहार |
पंचमुखी | पाँच मुखों का समाहार |
त्रिफला | तीन फलों का समाहार |
नवरात्र शब्द का समास विग्रह ‘नव रातों का समाहार’ होगा। नवरात्र शब्द में द्विगु समास है क्योंकि इसमें पहला पद संख्यावाची व दूसरा पद संज्ञा है और इसका समास विग्रह समूह का बोध करा रहा है इसलिए नवरात्र में द्विगु समास है।
द्विगु और कर्मधारय समास में अंतर
द्विगु समास तथा कर्मधारय समास में सबसे बड़ा अंतर यही है कि द्विगु समास का पूर्वपद संख्यावाची विशेषण होता है जबकि कर्मधारय समास का पूर्वपद विशेषण हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि द्विगु समास का उत्तरपद किसी समूह का बोध कराता है। यदि विग्रह करते समय उत्तरपद के साथ समूह या समाहार शब्द का प्रयोग नहीं किया गया हो तो पूर्वपद संख्यावाची होते हुए भी यह कर्मधारय समास कहलाएगा।
समास के बारे में अतिरिक्त जानकारी
यहाँ समास के बारे में अतिरिक्त जानकारी दी जा रही है :
दो अथवा दो से ज्यादा शब्दों का परस्पर शब्दों अथवा कारक चिन्हों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतंत्र शब्द को समास कहते हैं।
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FAQs
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द्विगु समास
तीन भुजाओं का समाहार
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उम्मीद है, Navratri Mein Kaun Sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बनें रहें।