Nilkamal Mein Kaun Sa Samas Hai – जानिये नीलकमल में कौन सा समास है?

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Nilkamal Mein Kaun Sa Samas Hai

क्या आप सोच रहे हैं Nilkamal Mein Kaun Sa Samas Hai? तो आपको बता दें कि नीलकमल में कर्मधारय समास​ है। यह जानने से पहले कि कर्मधारय समास क्या होता है, यह जानते हैं कि समास किसे कहते हैं? अलग अर्थ रखने वाले दो शब्दों या पदों (पूर्वपद तथा उत्तरपद) के मेल से बना तीसरा नया शब्द या पद समास या समस्त पद कहलाता है तथा वह प्रक्रिया जिसके द्वारा ‘समस्त पद’ बनता है, समास-प्रक्रिया कही जाती है। Nilkamal Mein Kaun Sa Samas Hai यह तो आप जान गए हैं, आप इस ब्लॉग में आगे जानेंगे नीलकमल का समास विग्रह, नीलकमल में कर्मधारय समास क्यों है, कर्मधारय समास क्या होता है और साथ ही कर्मधारय समास के कुछ अन्य उदाहरण। 

Nilkamal Mein Kaun Sa Samas Hai?

नीलकमल में कर्मधारय समास है।

कर्मधारय समास क्या होता है?

कर्मधारय समास में जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य अथवा एक पद उपमान और दूसरा पद उपमेय हो तो वह ‘कर्मधारय समास’ कहलाता है। जैसे- नीलकमल (नीला है जो कमल)। ‘कर्मधारय समास’ के उदाहरण इस प्रकार हैं:

  • महाविद्यालय- महान है जो विद्यालय
  • अधपका- आधा है जो पका
  • लालटोपी- लाल है जो टोपी
  • महाराज- महान है जो राजा
  • पुरुषोत्तम- पुरुषों में है जो उत्तम
  • परमानंद- परम है जो आनंद
  • भलामानस- भला है जो मानस।

नीलकमल शब्द का समास विग्रह

नीलकमल’ कर्मधारय समास का उदाहरण है। ‘नीलकमल’ का समास विग्रह होगा – नीला है कमल जो। 

द्विगु और कर्मधारय समास में अंतर

द्विगु समास तथा कर्मधारय समास में सबसे बड़ा अंतर यही है कि द्विगु समास का पूर्वपद संख्यावाची विशेषण होता है जबकि कर्मधारय समास का पूर्वपद विशेषण हो सकता है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि द्विगु समास का उत्तरपद किसी समूह का बोध कराता है। यदि विग्रह करते समय उत्तरपद के साथ समूह या समाहार शब्द का प्रयोग नहीं किया गया हो तो पूर्वपद संख्यावाची होते हुए भी यह कर्मधारय समास कहलाएगा।

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तिरंगा में द्विगु समास है।

उम्मीद है कि Nilkamal Mein Kaun Sa Samas Hai आपको समझ आया होगा। यदि आप समास के अन्य प्रश्नों से जुड़े ब्लॉग्स पढ़ना चाहते हैं तो Leverage Edu के साथ बने रहें।

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