Moot court kya hai : मूट कोर्ट को ‘कृत्रिम कोर्ट’ (Artificial Court) भी कहा जाता है। इसका उद्देश्य लॉ के स्टूडेंट्स को वास्तविक अदालत में होने वाली कार्यवाही को उसी रूप में एक मॉडल की तरह समझाना है। मूट कोर्ट में लॉ के स्टूडेंट्स भाग लेते हैं, और वास्तविक अदालत की प्रक्रिया और उसकी गतिविधियों को सीखते हैं। इसमें दो पार्टियों के बीच एक काल्पनिक विवाद पर काल्पनिक सुनवाई और सबूत पेश किए जाते हैं, जिससे स्टूडेंट्स को अदालतों की प्रक्रिया प्रयोगात्मक तरीके से समझ में आ सके। भारत की ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ (Bar Council of India) ने भी कानूनी शिक्षा में परिवर्तन लाने के लिए लॉ पाठ्यक्रम में मूट कोर्ट को शामिल किया है। इसके माध्यम से स्टूडेंट्स में आत्मविश्वास, पब्लिक स्पीकिंग और रिसर्च आदि के स्तर को बढ़ाया जाता है। आइए अब इस लेख में मूट कोर्ट (Moot court kya hai) और इसके प्रकार के बारे में विस्तार से जानते हैं।
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मूट कोर्ट क्या है? – Moot Court Kya Hai
मूट कोर्ट एक ऐसी व्यवस्था है जहाँ कानून की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों को अदालत में होने वाली कारवाही, अदालत की कार्य प्रक्रिया व नियम आदि के बारें में बताया जाता है। मूट कोर्ट का मुख्य उद्देश्य अदालत में होने वाले व्यवहार के बारें में संपूर्ण जानकारी देना होता है। जबकि मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में काल्पनिक रूप से दो पक्षों के बीच होने वाले विवाद के संबंध में होने वाली अदालती कार्यवाही से छात्रों को अवगत कराया जाता है तांकि छात्र अदालती प्रक्रिया के बारे में जान जाएं, जिनका उन्हें भविष्य में सामना करना पड़ सकता है।
मूट कोर्ट के प्रकार
मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन लॉ संस्थान और कॉलेजेस द्वारा किया जाता है जिनके मुख्यत: दो प्रकार होते हैं:-
- राष्ट्रीय मूट कोर्ट
- अंतर्राष्ट्रीय मूट कोर्ट
मूट कोर्ट के महत्व
मूट कोर्ट वाद-विवाद को जड़ से जानने और उससे एक स्वस्थ निष्कर्ष निकालने पर अधिक बल देता है, इसी कड़ी में मूट कोर्ट देश के भावी न्यायधीशों, कानून के जानकर अधिवक्ताओं आदि में आत्मविश्वास और सकारत्मकता का संचार करता है, निम्नलिखित महत्वों को पढ़कर आप moot court kya hai की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं-
- मूट कोर्ट छात्रों को कानून की हर बारीकियों से अवगत कराता है।
- मूट कोर्ट छात्रों को हर एक विषय पर गहराई से ठोस रिसर्च करने में सहायता करता है।
- वाद-विवाद के माध्यम से छात्रों में आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
- मूट कोर्ट छात्रों को टीम वर्क करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है।
- मूट कोर्ट छात्रों को अदालतों में होने वाली दलीलों से परिचित करवाता है।
- मूट कोर्ट छात्रों में विश्वास के स्तर को बढ़ाता है।
- मूट कोर्ट के माध्यम से छात्र वाद-विवाद करना सीख पाते हैं।
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मूट कोर्ट का उद्देश्य
मूट कोर्ट के माध्यम से छात्रों को अदालत में होने वाली कार्यवाही के बारें में अवगत कराया जाता है। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से आप मूट कोर्ट के उद्देश्यों के बारें में जान सकते हैं;
- मूट कोर्ट का उद्देश्य कानून के छात्रों को एक ऐसा मंच देना हैं जहाँ से वह अदालत के बारें में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकें।
- छात्रों को मर्यादित भाषा में दलीलें देना सिखाना।
- मूट कोर्ट का उद्देश्य छात्रों में विश्वास के भाव को बढ़ाना है।
मूट कोर्ट और न्यायालय में अंतर
Moot court kya hai यह जानने के साथ-साथ आपको मूट कोर्ट और न्यायालय में अंतर भी पता होना चाहिए। मूट कोर्ट और न्यायलय में खास अंतर यही है कि मूट कोर्ट वास्तविक न्यायालय की जैसी काल्पनिक व्यवस्था होती है जहाँ लॉ स्टूडेंट्स को वास्तविक अदालत की भांति ही वाद-विवाद का एक मंच दिया जाता है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह एक कृत्रिम अदालत (Artificial Court) होती है जबकि एक अदालत विधि द्वारा स्थापित वह स्थान है जहाँ कानून के दायरे में रहकर बहस और कानून के दायरे में रहकर क्रियात्मक कार्यवाही की जाती है।
मूट कोर्ट गठित अथवा संचालित करने की रीति
मूट कोर्ट गठित अथवा संचालित करने की भी एक अलग रीति या प्रक्रिया होती है, जो कि मूट कोर्ट नोट्स में निम्नलिखित हैं;
- छात्रों के दोनों पक्षों को बराबर दलील देने का समय मिले इसके लिए बैंच का निर्माण होता हैं जिसमें लॉ प्रोफेशनल्स को रखा जाता हैं।
- पक्ष और प्रतिपक्ष के छात्रों को बैंच के साथ बेहतर समन्वय बनाना पड़ता है जिसमें की मर्यादित बोल और पक्षों की दलीले देने वाले व्यक्ति की आवाज ऊँची नहीं होनी चाहिए।
- बैंच से मिले परिणाम को स्वीकार करा जाना चाहिए और एक सभ्य तरीके से ही मूट कोर्ट चलाना ही सबकी प्रथम प्राथमिकता होनी चाहिए।
- दोनों पक्षों को तर्कों पर ही बात करनी चाहिए कुतर्कों को आधार नहीं बनाना चाहिए।
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मूट कोर्ट को संक्षिप्त में समझें
Moot court kya hai को समझने के लिए नीचे दिए गए बिंदुओं को समझें;
- मूट कोर्ट एक ऐसी व्यवस्था है, जो लॉ स्टूडेंट्स को वाद-विवाद करने में सक्षम बनता है।
- मूट कोर्ट अदालत की भांति ही एक मंच है परन्तु यह विधि द्वारा स्थापित नहीं होता है।
- मूट कोर्ट एक ऐसा माध्यम है जो छात्रों के विश्वास को प्रबल करता है।
- मूट कोर्ट अदालत में होनी वाली कार्य प्रक्रिया से छात्रों को अवगत कराता है।
मूट कोर्ट कम्पटीशन क्या होता है?
मूट कोर्ट कम्पटीशन एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसके माध्यम से लॉ के विद्यार्थियों को अदालत में होने वाली कार्य प्रक्रिया, तौर तरीके और भाषाशैली से अवगत कराया जाता हैं। इन प्रतियोगिताओं को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है, जिसमें इस फील्ड में काम कर रहे धुरंदरों को बैंच का सदस्य बनाया जाता है।
FAQs
मूट कोर्ट दो प्रकार के होते हैं- राष्ट्रीय मूट कोर्ट और अंतर्राष्ट्रीय मूट कोर्ट।
हाँ, मूट कोर्ट “लॉ स्टूडेंट्स” के लिए अनिवार्य है क्योंकि इसके माध्यम से स्टूडेंट्स को अदालत की व्यवस्था के बारें में पता चलता है।
मूट कोर्ट प्रतियोगिता मुख्यतः 2 प्रकार की होती है;
-राष्ट्रीय मूट कोर्ट
-अंतर्राष्ट्रीय मूट कोर्ट
मूट कोर्ट में छात्रों को केवल कानून के मुद्दे पर बहस करनी होती है जबकि वास्तविक न्यायालय में कानून और प्रक्रियात्मक नियमों के अनुसार फाइलिंग तथा बहस की जाती है।
मूट कोर्ट एक पाठ्येतर गतिविधि है जिसमें छात्र नकली अदालती कार्यवाही में भाग लेते हैं, इसमें आमतौर पर स्मारक या ज्ञापन का मसौदा तैयार करना और मौखिक तर्क में भाग लेना शामिल होता है।
मूट कोर्ट को हिंदी में ‘कृत्रिम कोर्ट’ (Artificial Court) भी कहा जाता है।
मूट कोर्ट लॉ स्टूडेंट्स को अपने कानूनी लेखन और मौखिक वकालत कौशल को निखारने तथा विश्लेषणात्मक सोच विकसित करने का अवसर प्रदान करती हैं।
आशा है कि आपको इस लेख में मूट कोर्ट क्या है (Moot court kya hai) से संबंधित सभी आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही करियरऔरसामान्य ज्ञान से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।