Meer Taqi Meer Shayari : मीर तक़ी मीर के चुनिंदा शेर, शायरी और गजल

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Meer Taqi Meer Shayari

मीर तक़ी मीर उर्दू भाषा के उन लोकप्रिय शायरों में से थे, जिन्हें “ख़ुदा-ए-सुख़न” के नाम से भी जाना जाता है। मीर तक़ी मीर 18वीं सदी के दिल्ली घराने के प्रमुख शायरों में एक थे, जिन्होंने अपनी रचनाओं में प्रेम, जीवन, दर्शन और सामाजिक मुद्दों का बखूबी चित्रण किया था। मीर तक़ी मीर की शायरी युवाओं का मार्गदर्शन करने के साथ-साथ उन्हें सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने के लिए भी प्रेरित करेंगी। मीर तक़ी मीर के शेर, शायरी और ग़ज़लें विद्यार्थियों को उर्दू साहित्य की खूबसूरती से परिचित करवाएंगी। इस ब्लॉग के माध्यम से आप कुछ चुनिंदा Meer Taqi Meer Shayari पढ़ पाएंगे, जो आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का सफल प्रयास करेंगी।

मीर तक़ी मीर का जीवन परिचय

मीर तक़ी मीर का जन्म फरवरी 1723 को उत्तर प्रदेश के आगरा में हुआ था। मीर तक़ी मीर का मूल नाम मोहम्मद तकी था। मीर तक़ी मीर ने अपने जीवन में लगभग 15000 से अधिक शेर की रचना की, साथ ही उनकी रचनाओं का संकलन को कुल्लियात-ए-मीर के नाम से जाना जाता है। जीवनभर उर्दू साहित्य के लिए अपना अहम योगदान देने वाले मीर तक़ी मीर का देहांत 20 सितंबर 1810 को लखनऊ में हुआ था।

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मीर तक़ी मीर की शायरी – Meer Taqi Meer Shayari

मीर तक़ी मीर की शायरी पढ़कर युवाओं में साहित्य को लेकर एक समझ पैदा होगी, जो उन्हें उर्दू साहित्य की खूबसूरती से रूबरू कराएगी, जो इस प्रकार है:

“राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्या 
 आगे आगे देखिए होता है क्या…”
 -मीर तक़ी मीर

“पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है 
 जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है…”
 -मीर तक़ी मीर

Meer Taqi Meer Shayari

“कोई तुम सा भी काश तुम को मिले 
 मुद्दआ हम को इंतिक़ाम से है…”
 -मीर तक़ी मीर

“हम हुए तुम हुए कि ‘मीर’ हुए 
 उस की ज़ुल्फ़ों के सब असीर हुए…”
 -मीर तक़ी मीर

“उल्टी हो गईं सब तदबीरें कुछ न दवा ने काम किया 
 देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आख़िर काम तमाम किया…”
 -मीर तक़ी मीर

“मिरे सलीक़े से मेरी निभी मोहब्बत में 
 तमाम उम्र मैं नाकामियों से काम लिया…”
-मीर तक़ी मीर

“इश्क़ में जी को सब्र ओ ताब कहाँ 
 उस से आँखें लड़ीं तो ख़्वाब कहाँ…”
-मीर तक़ी मीर

“इश्क़ माशूक़ इश्क़ आशिक़ है 
 यानी अपना ही मुब्तला है इश्क़…”
-मीर तक़ी मीर

“यही जाना कि कुछ न जाना हाए 
 सो भी इक उम्र में हुआ मालूम…”
-मीर तक़ी मीर

“’मीर’ बंदों से काम कब निकला 
 माँगना है जो कुछ ख़ुदा से माँग…”
-मीर तक़ी मीर

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मोहब्बत पर मीर तक़ी मीर की शायरी

मोहब्बत पर मीर तक़ी मीर की शायरियाँ जो आपका मन मोह लेंगी – 

“नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए 
 पंखुड़ी इक गुलाब की सी है…”

-मीर तक़ी मीर

“क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़ 
 जान का रोग है बला है इश्क़…”
-मीर तक़ी मीर

“फूल गुल शम्स ओ क़मर सारे ही थे 
 पर हमें उन में तुम्हीं भाए बहुत…”
-मीर तक़ी मीर

“इश्क़ इक ‘मीर’ भारी पत्थर है 
 कब ये तुझ ना-तवाँ से उठता है…”
-मीर तक़ी मीर

“होगा किसी दीवार के साए में पड़ा ‘मीर’ 
 क्या रब्त मोहब्बत से उस आराम-तलब को…”
-मीर तक़ी मीर

Meer Taqi Meer Shayari

“हम जानते तो इश्क़ न करते किसू के साथ 
 ले जाते दिल को ख़ाक में इस आरज़ू के साथ…”
-मीर तक़ी मीर

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मीर तक़ी मीर के शेर

मीर तक़ी मीर के शेर पढ़कर युवाओं को मीर तक़ी मीर की लेखनी से प्रेरणा मिलेगी। मीर तक़ी मीर के शेर युवाओं के भीतर सकारात्मकता का संचार करेंगे, जो कुछ इस प्रकार हैं:

“’बेवफ़ाई पे तेरी जी है फ़िदा 
 क़हर होता जो बा-वफ़ा होता…”
-मीर तक़ी मीर

“’मीर’ साहब तुम फ़रिश्ता हो तो हो 
 आदमी होना तो मुश्किल है मियाँ…”
-मीर तक़ी मीर

“शाम से कुछ बुझा सा रहता हूँ 
 दिल हुआ है चराग़ मुफ़्लिस का…”
-मीर तक़ी मीर

“क्या कहें कुछ कहा नहीं जाता 
 अब तो चुप भी रहा नहीं जाता…”
-मीर तक़ी मीर

“’मीर’ अमदन भी कोई मरता है 
 जान है तो जहान है प्यारे…”
-मीर तक़ी मीर

“गुल हो महताब हो आईना हो ख़ुर्शीद हो मीर 
 अपना महबूब वही है जो अदा रखता हो…”
-मीर तक़ी मीर

“बे-ख़ुदी ले गई कहाँ हम को 
 देर से इंतिज़ार है अपना…”
-मीर तक़ी मीर

मीर तक़ी मीर के शेर

“दिल्ली में आज भीक भी मिलती नहीं उन्हें 
 था कल तलक दिमाग़ जिन्हें ताज-ओ-तख़्त का…”
-मीर तक़ी मीर

“दिल्ली में आज भीक भी मिलती नहीं उन्हें 
 था कल तलक दिमाग़ जिन्हें ताज-ओ-तख़्त का…”
-मीर तक़ी मीर

“शर्त सलीक़ा है हर इक अम्र में 
 ऐब भी करने को हुनर चाहिए…”
-मीर तक़ी मीर

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मीर तक़ी मीर की दर्द भरी शायरी

मीर तक़ी मीर की दर्द भरी शायरियाँ कुछ इस प्रकार हैं:

“आग थे इब्तिदा-ए-इश्क़ में हम 
 अब जो हैं ख़ाक इंतिहा है ये…”
-मीर तक़ी मीर

“अब तो जाते हैं बुत-कदे से ‘मीर’ 
 फिर मिलेंगे अगर ख़ुदा लाया…”
-मीर तक़ी मीर

“याद उस की इतनी ख़ूब नहीं ‘मीर’ बाज़ आ 
 नादान फिर वो जी से भुलाया न जाएगा…”
-मीर तक़ी मीर

“दिल की वीरानी का क्या मज़कूर है 
 ये नगर सौ मर्तबा लूटा गया…”
-मीर तक़ी मीर

“रोते फिरते हैं सारी सारी रात 
 अब यही रोज़गार है अपना…”
-मीर तक़ी मीर

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मीर तक़ी मीर की गजलें

मीर तक़ी मीर की गजलें आज भी प्रासंगिक बनकर बेबाकी से अपना रुख रखती हैं, जो नीचे दी गई हैं-

जिस जगह दौर-ए-जाम होता है

जिस जगह दौर-ए-जाम होता है 
वाँ ये आजिज़ मुदाम होता है 
हम तो इक हर्फ़ के नहीं मम्नून 
कैसा ख़त्त-ओ-पयाम होता है 
तेग़ नाकामों पे न हर दम खींच 
इक करिश्मे में काम होता है 
पूछ मत आह आशिक़ों की मआश 
रोज़ उन का भी शाम होता है 
ज़ख़्म बिन ग़म बिन और ग़ुस्सा बिन 
अपना खाना हराम होता है 
शैख़ की सी ही शक्ल है शैतान 
जिस पे शब एहतेलाम होता है 
क़त्ल को मैं कहा तो उठ बोला 
आज कल सुब्ह-ओ-शाम होता है 
आख़िर आऊँगा ना'श पर अब आह 
कि ये आशिक़ तमाम होता है 
'मीर' साहब भी उस के हाँ थे पर 
जैसे कोई ग़ुलाम होता है

-मीर तक़ी मीर

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गर्म हैं शोर से तुझ हुस्न के बाज़ार कई

गर्म हैं शोर से तुझ हुस्न के बाज़ार कई 
रश्क से जलते हैं यूसुफ़ के ख़रीदार कई 
कब तलक दाग़ दिखावेगी असीरी मुझ को 
मर गए साथ के मेरे तो गिरफ़्तार कई 
वे ही चालाकियाँ हाथों की हैं जो अव्वल थीं 
अब गरेबाँ में मिरे रह गए हैं तार कई 
ख़ौफ़-ए-तन्हाई नहीं कर तू जहाँ से तो सफ़र 
हर जगह राह-ए-अदम में मिलेंगे यार कई 
इज़तिराब-ओ-क़िल्क़-ओ-ज़ोफ़ में किस तौर जियूँ 
जान वाहिद है मिरी और हैं आज़ार कई 
क्यूँ न हूँ ख़स्ता भला मैं कि सितम के तेरे 
तीर हैं पार कई वार हैं सोफ़ार कई 
अपने कूचे में निकलयो तो सँभाले दामन 
यादगार-ए-मिज़ा-ए-'मीर' हैं वाँ ख़ार कई

-मीर तक़ी मीर

हो गई शहर शहर रुस्वाई

हो गई शहर शहर रुस्वाई 
ऐ मिरी मौत तू भली आई 
यक बयाबाँ ब-रंग-ए-सौत-ए-जरस 
मुझ पे है बे-कसी-ओ-तन्हाई 
न खिंचे तुझ से एक जा नक़्क़ाश 
उस की तस्वीर वो है हरजाई 
सर रखूँ उस के पाँव पर लेकिन 
दस्त-ए-क़ुदरत ये मैं कहाँ पाई 
'मीर' जब से गया है दिल तब से 
मैं तो कुछ हो गया हूँ सौदाई

-मीर तक़ी मीरमीर तक़ी मीर के चुनिंदा शेर

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आशा है कि इस ब्लॉग में आपको Meer Taqi Meer Shayari पढ़ने का अवसर मिला होगा। Meer Taqi Meer Shayari को पढ़कर आप उर्दू साहित्य के क्षेत्र में मीर तक़ी मीर की भूमिका को जान पाए होंगे। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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