लीला पूनावाला फाउंडेशन (LPF) ने एक बड़ी पहल की है। अपने प्रोग्राम में LPF ने महाराष्ट्र, हैदराबाद और बेंगलुरु के कई जिलों की आर्थिक रूप से असक्षम बैकग्राउंड की 1,600 से अधिक मेधावी लड़कियों को आगे की शिक्षा हासिल करने के लिए इन छात्राओं को स्कॉलरशिप से सम्मानित किया है।
फाउंडेशन उठाएगा पूरा खर्च
उनमें से लगभग 1,300 लड़कियां अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज में एंरोल्ड हैं और उन्हें अपने पूरे कोर्स के लिए लीला पूनावाला फाउंडेशन (LPF) से समर्थन प्राप्त होगा। इनमें से 260 लड़कियों से अधिक सातवीं कक्षा में हैं, जिनकी अंडरग्रेजुएट तक की शिक्षा का खर्च अब यह फाउंडेशन उठाएगा। ये लड़कियाँ पुणे, वर्धा, अमरावती, नागपुर, हैदराबाद और बेंगलुरु से हैं, जो साइंस, इंजीनियरिंग, नर्सिंग और फार्मेसी सहित अन्य कोर्सेज में पढ़ाई कर रही हैं।
LPF चेयरपर्सन पद्मश्री लीला पूनावाला ने कहा, “हमारे योग्यता-सह-आवश्यकता-आधारित छात्रवृत्ति और स्किल-बिल्डिंग प्रोग्राम का उद्देश्य इन योग्य लड़कियों को उनकी शिक्षा को आगे बढ़ाने में सहायता करना है।”
पूनावाला ने आगे कहा कि “इन लड़कियों को आत्मविश्वासी, नॉलेजेबल, स्किल्ड और एम्प्लॉयड योग्य बनाने के लिए कई प्रकार के स्किल-बिल्डिंग, ट्रेनिंग प्रोग्राम, इंडस्ट्री-परफॉरमेंस दौरे, मेंटरिंग और काउंसलिंग की पेशकश की जाएगी।”
लीला पूनावाला फाउंडेशन (LPF) के बारे में
लीला पूनावाला फाउंडेशन (LPF) भारत में एक नॉन-प्रॉफिट पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट है। इसकी स्थापना वर्ष 1995 में लीला पूनावाला (पद्म श्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता) और फिरोज पूनावाला ने की गई थी। इसका हेडक्वार्टर पुणे में है, वहीं रीजनल ऑफिस हैदराबाद, वर्धा, अमरावती और नागपुर, बेंगलुरु में है। LPF एक FRCA रजिस्टर्ड संगठन है और क्रेडिबिलिटी अलायंस द्वारा सर्टिफाइड है। LPF अकादमिक रूप से प्रतिभाशाली लेकिन आर्थिक रूप से विकलांग लड़कियों को मेरिट-कम-नीड बेस्ड स्कॉलरशिप और बिज़नेस स्किल्स बिल्डिंग प्रोग्राम प्रदान करता है।
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