खून का घूंट पीना मुहावरे का अर्थ (Khoon Ka Ghoont Peena Muhavare Ka Arth) होता है, जब कोई व्यक्ति क्रोध में संयम नियंत्रित कर लेता है या क्रोध को प्रकट नहीं होने देता है। तो उसके लिए खून का घूंट पीना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप खून का घूंट पीना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
खून का घूंट पीना मुहावरे का अर्थ क्या है?
खून का घूंट पीना मुहावरे का अर्थ (Khoon Ka Ghoont Peena Muhavare Ka Arth) होता है- गुस्सा मन में दबा लेना, अपमान सहना।
खून का घूंट पीना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “खून का घूंट पीना मुहावरे का अर्थ” शिशुपाल के मुख से बार-बार गलत बात सुनकर श्रीकृष्ण खून का घूँट पीकर रह गए।
खून का घूंट पीना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
खून का घूंट पीना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है;
- रोहन काफी दिनों से अपने मालिक की बातों को खुन के घूट पीता रहा, आज उसने नौकरी छोड़ दी।
- श्याम ने सीता को काफी भला बुरा कहा मगर वह खुन के घूंट पीती रही।
- अनुराग हर बात पर अपने दोस्त को बुरा भला कहता था और उसका मित्र खुन के घूंट पीता रहता था।
- राखी अपनी सांस को बुरा-भला कहती थी और उसकी सांस खुन के घूंट पीती रहती थी और कुछ नहीं कह पाती थी।
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आशा है कि खून का घूंट पीना मुहावरे का अर्थ (Khoon Ka Ghoont Peena Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।