कसर न छोड़ना मुहावरे का अर्थ (Kasar Na Chodna Muhavare Ka Arth) होता है अपनी ओर से पूरा-पूरा प्रयत्न करना, तो उसके लिए कसर न छोड़ना मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप कसर न छोड़ना मुहावरे का वाक्यों में प्रयोग और इसकी व्याख्या के बारे में जानेगें।
मुहावरे किसे कहते हैं?
मुहावरे और उनके अर्थ – किसी विशेष शब्द के अर्थ को आम जन की भाषा में समझाने के लिए जिस वाक्यांश का प्रयोग किया जाता है उसे मुहावरा कहते हैं। इसमें वाक्यांश का सीधा सीधा अर्थ न लेकर बात को घुमा फिराकर कहा जाता है। इसमें भाषा को थोड़ा मजाकिया, प्रभावशाली और संक्षिप्त रूप में कहा जाता है।
कसर न छोड़ना मुहावरे का अर्थ क्या है?
कसर न छोड़ना मुहावरे का अर्थ (Kasar Na Chodna Muhavare Ka Arth) होता है अपनी ओर से पूरा-पूरा प्रयत्न करना।
कसर न छोड़ना पर व्याख्या
इस मुहावरे में “कसर न छोड़ना मुहावरे का अर्थ” है की अपनी ओर से पूरा-पूरा प्रयत्न करना। इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है, जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को करने में विफल हो जाता है, लेकिन फिर भी वह बार- बार उस चीज को पूरा करने की कोशिश करता है और बिलकुल भी हार नहीं मानता।
कसर न छोड़ना मुहावरे का वाक्य प्रयोग
कसर न छोड़ना मुहावरे का वाक्य में प्रयोग निम्नलिखित है :
- साक्षी ने पढ़ने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी है।
- रोहन ने अपनी की शादी धूम धाम से कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
- फुटबॉल प्रतियोगिता में जीतने के लिए राकेश ने कोई कसर नहीं छोड़ी
- जब भी सुमन नाराज होती है, तो उसके दोस्त उसे मनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते।
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आशा है कि कसर न छोड़ना मुहावरे का अर्थ (Kasar Na Chodna Muhavare Ka Arth) आपको समझ आया होगा। हिंदी मुहावरे के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।