Jal Vibhajak Kise Kehte Hain: आपने कभी सोचा है कि झरने और नदियाँ अलग-अलग दिशाओं में कैसे बहते हैं? अगर नहीं तो यह लेख आपके लिए हैं। बताना चाहेंगे स्कूली परीक्षाओं के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में भूगोल विषय से संबधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में भूगोल के एक महत्वपूर्ण विषय जल विभाजक किसे कहते हैं? (Jal Vibhajak Kise Kehte Hain) के बारे में बताया गया है।
This Blog Includes:
- जल विभाजक किसे कहते हैं? – Jal Vibhajak Kise Kehte Hain
- जल विभाजक की परिभाषा (Definition of Water Divide in Hindi)
- जल विभाजक का महत्व (Importance of Water Divide)
- भारत में जल विभाजक के उदाहरण (Examples of Water Divide in India)
- जल विभाजक और अपवाह द्रोणी में अंतर (Difference Between Water Divide and Drainage Basin)
- जल विभाजक से जुड़ी रोचक जानकारियाँ (Interesting Facts About Water Divide)
- जल विभाजक का भूगोल में महत्व (Importance of Water Divide in Geography)
- FAQs
जल विभाजक किसे कहते हैं? – Jal Vibhajak Kise Kehte Hain
प्राकृतिक भूगोल में जल विभाजक (Water Divide) एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है। यह वह भौगोलिक सीमा होती है जो दो या अधिक अपवाह द्रोणियों (drainage basins) को एक-दूसरे से अलग करती है। इसकी वजह से वर्षा का जल तय करता है कि वह किस नदी में गिरेगा या किस दिशा में बहेगा।
जल विभाजक की परिभाषा (Definition of Water Divide in Hindi)
जल विभाजक वह भौगोलिक क्षेत्र होता है जहाँ वर्षा का जल एक ही जल स्रोत, जैसे कि नदी, नाला या झील में एकत्र होता है। इसे जलागम विभाजक या प्रवाही विभाजक भी कहा जाता है।
यह वह प्राकृतिक सीमा होती है जो यह निर्धारित करती है कि वर्षा का पानी किस दिशा में बहेगा और किस नदी या जल स्रोत में जाकर गिरेगा। जल विभाजक ऊँचे स्थानों, जैसे कि पहाड़ियों या पर्वतों, से घिरे होते हैं और ये अलग-अलग जल प्रवाह क्षेत्रों को विभाजित करते हैं।
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जल विभाजक का महत्व (Importance of Water Divide)
जल विभाजक के महत्व कुछ इस प्रकार हैं:-
- जल प्रवाह की दिशा तय करना: जल विभाजक यह निर्धारित करता है कि वर्षा का पानी किस नदी की ओर बहेगा।
- नदी तंत्र को व्यवस्थित करना: इससे यह समझने में मदद मिलती है कि कौन-कौन सी नदियाँ एक साथ मिलती हैं या किन-किन जल स्रोतों को साझा नहीं करतीं।
- जल संसाधन योजना: यह जल संरक्षण, बाढ़ नियंत्रण, और सिंचाई योजनाओं के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है।
- प्राकृतिक सीमाएं तय करना: कई बार राज्यों या देशों की सीमाएं भी जल विभाजक के आधार पर तय की जाती हैं।
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जल विभाजक के प्रकार (Types of Water Divide)
जल विवहजक के प्रकार कुछ इस प्रकार हैं:
- स्थानीय जल विभाजक (Local Water Divide)
यह छोटे क्षेत्रों को अलग करता है, जैसे दो गाँवों के बीच की पहाड़ी जो जल को अलग-अलग तालाबों की ओर मोड़ती है।
- प्रादेशिक जल विभाजक (Regional Water Divide)
यह बड़े क्षेत्रों को अलग करता है जैसे दो राज्यों के बीच की नदी विभाजन रेखा।
- अंतरराष्ट्रीय जल विभाजक (International Water Divide)
ऐसे विभाजक जो दो देशों के जल प्रवाह को अलग करते हैं। उदाहरण के लिए, हिमालय क्षेत्र भारत, चीन और नेपाल के बीच जल विभाजन करता है।
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भारत में जल विभाजक के उदाहरण (Examples of Water Divide in India)
भारत में जल विभाजक के कुछ उदाहरण इस प्रकार है:-
अमरकंटक पठार
यह भारत का एक महत्वपूर्ण जल विभाजक है जहाँ से नर्मदा और सोन नदी निकलती हैं। ये नदियाँ विपरीत दिशाओं में बहती हैं एक पूर्व में तो दूसरी पश्चिम में बहती हैं।
विंध्य और सतपुड़ा पर्वतमाला
यह उत्तर और दक्षिण भारत के बीच जल विभाजक का कार्य करती हैं।
अरावली पर्वत
राजस्थान में स्थित यह पर्वत श्रंखला उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पूर्व की दिशा में जल विभाजित करती है।
हिमालय क्षेत्र
यह एशिया का सबसे बड़ा जल विभाजक है। यहीं से गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिन्धु नदियाँ निकलती हैं, जो अलग-अलग दिशाओं में बहती हैं।
जल विभाजक और अपवाह द्रोणी में अंतर (Difference Between Water Divide and Drainage Basin)
विशेषता | जल विभाजक | अपवाह द्रोणी |
परिभाषा | वह ऊँचाई जो दो नदियों को अलग करती है। | वह क्षेत्र जहाँ सारा जल एक नदी में बहता है। |
स्थान | ऊँचाई या पहाड़ी क्षेत्र | ढलान की दिशा में फैला हुआ क्षेत्र |
कार्य | जल बहाव की दिशा को विभाजित करना | जल को इकट्ठा कर नदी में पहुंचाना |
उदाहरण | अमरकंटक पठार | गंगा अपवाह द्रोणी |
जल विभाजक से जुड़ी रोचक जानकारियाँ (Interesting Facts About Water Divide)
जल विभाजक से जुडी रोचक जानकारियां:
- विश्व का सबसे बड़ा जल विभाजक अंडीज पर्वत श्रृंखला (Andes Mountain range in south america) है जो दक्षिण अमेरिका को दो हिस्सों में विभाजित करता है।
- भारत में अमरकंटक और हिमालय प्रमुख जल विभाजक हैं।
- जल विभाजक प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा में मदद करते हैं, क्योंकि वे जल प्रवाह को नियंत्रित करते हैं।
- जल विभाजकों के कारण ही नदी तंत्र (River System) एक दिशा में फैलता है।
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जल विभाजक का भूगोल में महत्व (Importance of Water Divide in Geography)
जल विभाजक का भूगोल में महत्व:
मानचित्रण में सहायक | जल विभाजकों का उपयोग भौगोलिक मानचित्रों में जल स्रोतों की पहचान करने और नदी नेटवर्क को समझने में होता है। |
पर्यावरणीय अध्ययन में उपयोगी | यह जलवायु, मिट्टी के कटाव और पारिस्थितिकी तंत्र के विश्लेषण में सहायक होता है। |
राजनीतिक सीमाओं का निर्धारण | कई राज्यों और देशों की सीमाएँ जल विभाजक के अनुसार बनाई गई हैं। |
FAQs
जल विभाजक के मुख्य कार्य हैं, विभिन्न जलग्रहण क्षेत्रों में जल का प्रवाह नियंत्रित करना है। उदाहरण है विंध्याचल पर्वत श्रृंखला।
किसी संख्या को दो बराबर संख्या में बाँटना विभाजक कहलाता है।
जल विभाजक या जल निकासी विभाजक भूभाग का कोई भी ऊंचा क्षेत्र है जो जल निकासी घाटियों को दो भागों में विभाजित करता है।
जल विभाजक वह ऊँचाई या प्राकृतिक सीमा होती है जो दो नदियों या जल द्रोणियों को अलग करती है।
अमरकंटक पठार और हिमालय पर्वत भारत के प्रमुख जल विभाजक हैं।
यह वर्षा के जल की दिशा तय करता है कि वह किस नदी या समुद्र की ओर बहेगा।
जल विभाजक प्राकृतिक होते हैं, लेकिन कभी-कभी बाँध या तटबंध जैसे मानव निर्मित निर्माण भी जल प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं।
नहीं, लेकिन जिन राज्यों में पर्वतीय या ऊँचे क्षेत्र होते हैं वहाँ जल विभाजक अवश्य पाए जाते हैं।
आशा है कि इस ब्लॉग में दी गई जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपको जल विभाजक किसे कहते हैं? (Jal Vibhajak Kise Kehte Hain) का जवाब मिल गया होगा। ऐसे ही सामान्य ज्ञान और UPSC से जुड़े अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।