नई दिल्ली ने भूटानी छात्रों के लिए एक आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में भारत को बढ़ावा देने के लिए कई उपायों की शुरुआत की है। शिक्षा और लोगों के बीच संबंधों ने भूटान के साथ भारत के संबंधों को लंबे समय तक मजबूत किया है। भूटान के शासक एरिस्टोक्रेट क्लास के अधिकांश वरिष्ठ सदस्यों ने भारतीय शैक्षणिक संस्थानों में स्टडी की है।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के ऑब्जर्वर आदित्य गौड़ारा शिवमूर्ति ने कहा कि इकोनाॅमिक अवसर, वीजा प्रतिबंध, रेगुलर ट्रेनिंग प्रोग्राम, शिक्षा के अवसर और बौद्ध पर्यटन और शिक्षा ने पीढ़ियों से भारत और भूटान के बीच लोगों के बीच संबंधों को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि भूटानी युवाओं के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग भी एक प्रमुख फोकस होगा।
‘STEM के लिए बढ़ाए जा रहे अवसर’
All India survey on Higher Education (AISHE) के अनुसार, भारत में टेरेटरी एजुकेशन पाने वाले भूटानी स्टूडेंट्स की संख्या 2012-13 में 2,468 से घटकर 2020-21 में 1,827 हो गई है। सरकार भूटान के युवाओं को भारत में पढ़ने के लिए बेहतर कदम उठा रही है, जिसमें STEM (Science, Technology, Engineering, Math) के लिए अवसर बढ़ाना और उनके लिए भारत के स्टार्टअप क्षेत्र में काम करना शामिल है।
‘भारतीय संस्थानों तक पहुंच बढ़ाने पर चर्चा कर रहे अन्य देश’
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि अन्य देश भारतीय संस्थानों तक पहुंच बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं। हमारे पड़ोसी देशों और उनके लोगों के लिए भारतीय शिक्षा प्रणाली की पहुंच और उपलब्धता के संदर्भ में कोई बदलाव नहीं है।
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