मानवाधिकार इंसान के लिए बहुत महत्व रखते हैं। प्रत्येक मानव के पास अपने अधिकार हैं। मानवाधिकार अगर न हों तो इंसान की हालत ऐसी हो जाएगी जैसे जल बिन मछली। जैसे इंसान को सांस लेना बेहद ज़रूरी है वैसे ही मानवाधिकार का होना उतना ही ज़रूरी है। मानवाधिकार से मानव को अपनी शक्ति का परिचय होता है, वह हर अत्याचार पर अपने अधिकारों का उपयोग कर सकता है. भारत में राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को भारत में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए मनाया जाता है। यह आपके लिए जानना अत्यंत ज़रूरी है कि मानवाधिकार क्यों इतने ज़रूरी हैं, तो चलिए, आपको देंगे हम संपूर्ण जानकारी – Human Rights in Hindi के बारे में।
This Blog Includes:
- मानवाधिकार क्या होते हैं?
- क्यों ज़रूरी हैं मानव अधिकार?
- मानवाधिकार के उद्देश्य क्या होते हैं?
- मानव अधिकार के प्रकार कितने होते हैं?
- मानव अधिकार इन चीज़ों की करते हैं सुरक्षा
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
- NHRC की संरचना
- मानव अधिकार में NHRC के कार्य और शक्तियाँ जानिए
- NHRC की सीमाएं क्या होती हैं?
- मानव अधिकार के समर्थन में करियर बनाने के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज
- मानव अधिकार में जॉब प्रोफाइल्स
- भारत में मानव अधिकार में जॉब प्रोफाइल्स
- FAQs
मानवाधिकार क्या होते हैं?
मानवाधिकार (Human Rights in Hindi) एक वह ताकत है जो आपको अपने अधिकार के बारे में बताते हैं। आपको इन्हें जानना बेहद ज़रूरी है। यह आपके लिए एक अनमोल उपहार ही तरह हैं। चलिए, जानते हैं-
- संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार, यह अधिकार जाति, लिंग, राष्ट्रीयता, भाषा, धर्म या किसी अन्य आधार पर भेदभाव किए बिना सभी को प्राप्त हैं।
- मानवाधिकारों में मुख्यतः जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार, गुलामी और यातना से मुक्ति का अधिकार, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार और काम एवं शिक्षा का अधिकार, आदि शामिल हैं।
- कोई भी व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के इन अधिकारों को प्राप्त करने का हक़दार होता है।
- मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत 12 अक्टूबर, 1993 को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission-NHRC) की स्थापना की गई।
क्यों ज़रूरी हैं मानव अधिकार?
क्यों ज़रूरी हैं व्यक्ति के जीवन में मानव अधिकार, जानिए Human Rights in Hindi की लिस्ट में, जो इस प्रकार हैं:
- शारीरिक स्वतंत्रता के लिए
- गिरफ्तारी व अन्य बेवजह रोककर रखने के प्रविर्ती में मुक्ति के लिए
- मनुष्य के आत्म सम्मान को बचाकर रखने के लिए
- मनुष्य के मौलिक अधिकारों को बचके रखने के लिए
- जीवन स्तर को उच्च बनाने के लिए
- अधिकारों के कब्ज़े को रोकने के लिए
- राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय गौरव एवं शांति बनाने के लिए
- मानव के सर्वागीण विकाश के लिए
- न्याय के रक्षा के लिए
मानवाधिकार के उद्देश्य क्या होते हैं?
नौकरशाही पर रोक लगाना, मानव अधिकारों के हनन को रोकना तथा लोक सेवक द्वारा उनका शोषण करने में अंकुश लगाना। मानवाधिकार की सुरक्षा के बिना सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आज़ादी खोखली है, मानवाधिकार की लड़ाई हम सभी की लड़ाई है। विश्वभर में नस्ल, धर्म, जाति के नाम मानव द्वारा मानव का शोषण हो रहा है। अत्याचार को रोकना एक बेहद ज़रूरी कार्य है। हमारे देश में स्वतंत्रता के बाद धर्म और जाति के नाम पर भारतवासियों को विभाजित करने का प्रयास किया जा रहा है। आदमी का रंग कैसा भी हो, हिन्दू हो या मुस्लमान, सिख हो या ईसाई, हिंदी बोले या कोई अन्य भाषा, सभी केवल इंसान हैं और संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा घोषित मानवाधिकारों को प्राप्त करने का अधिकार हैं।
मानव अधिकार के प्रकार कितने होते हैं?
मानव अधिकार के प्रकार नीचे दिए गए हैं-
- गुलामी से मुक्ति
- कठोर, असभ्य माहौल अथवा सजा से मुक्ति
- लॉ के सामने बराबरी
- प्रभावशाली न्यायिक उपचार का अधिकार
- आवागमन तथा निवास स्थान चुनने की स्वतंत्रता
- शादी के बाद घर बसाने
- विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- निष्पक्ष मुकदमें का अधिकार
मानव अधिकार इन चीज़ों की करते हैं सुरक्षा
Human Rights in Hindi में आपको निम्नलिखित चीज़ों की लिस्ट दी जा रही है जिसके लिए Human Rights दुनिया भर में आवाज़ उठाने के लिए जाने जाते हैं।
- सभी गरीब बच्चों, महिला, बुजुर्ग व विक्लांग व्यक्तियों के लिऐ समान शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य जांच कैम्प लगाना और दवाईयां तथा उपकरण उपलब्ध कराना।
- सामाजिक बुराई के खिलाफ पहल करना और बुलंद आवाज उठाना तथा पीड़ितों को बुराई से छुटकारा दिलाना।
- बाल व बंधुआ मजदूरी के अत्याचार से मुक्ति दिलाना।
- बच्चों, महिलाओं तथा बुजुर्गो की रक्षा के लिए काम करना।
- समाज के लिए योगदान करने वाली हस्तियों को समय-समय पर पुरूस्कृत करके उनका सम्मान करना।
- समाज व हर वर्ग के लोगो के साथ मिलकर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करना।
- जनता तथा पुलिस के बीच में सहयोग का पुल बनाना तथा पीड़ितों को न्याय दिलाना।
- नए शिक्षा संस्थान, अस्पताल व अनाथ आश्रम खोलना और अन्य आश्रमों की देख-रेख करना।
- भ्रूण हत्या पर हर सम्भव रोक लगाना व उनके खिलाफ आवाज उठाना।
- हर वर्ग के कमज़ोर व्यक्ति को समाज में न्याय दिलाना।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC)
भारत ने मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के तहत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन और राज्य मानवाधिकार आयोगों के गठन की व्यवस्था करके मानवाधिकारों के उल्लंघनों से निपटने हेतु एक मंच प्रदान किया है। Human Rights in Hindi
- भारत में मानवाधिकारों की रक्षा के संदर्भ में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग देश की सर्वोच्च संस्था के साथ-साथ मानवाधिकारों का लोकपाल भी है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश इसके अध्यक्ष होते हैं। यह राष्ट्रीय मानवाधिकारों के वैश्विक गठबंधन का हिस्सा है। साथ ही यह राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के एशिया पेसिफ़िक फोरम का संस्थापक सदस्य भी है। NHRC को मानवाधिकारों के संरक्षण और संवर्द्धन का अधिकार प्राप्त है।
- मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम,1993 की धारा 12(ज) में NHRC समाज के विभिन्न वर्गों के बीच मानवाधिकार साक्षरता का प्रसार करेगा और प्रकाशनों, मीडिया, सेमिनारों तथा अन्य उपलब्ध साधनों के ज़रिये इन अधिकारों का संरक्षण करने के लिये उपलब्ध सुरक्षोपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा।
- इस आयोग ने देश में आम नागरिकों, बच्चों, महिलाओं, वृद्धजनों के मानवाधिकारों, LGBT समुदाय के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिये समय-समय पर अपनी सिफ़ारिशें सरकार तक पहुँचाई हैं और सरकार ने कई सिफारिशों पर अमल करते हुए संविधान में उपयुक्त संशोधन भी किए हैं।
NHRC की संरचना
- NHRC एक बहु-सदस्यीय संस्था है जिसमें एक अध्यक्ष सहित 7 सदस्य होते हैं।
- यह ज़रूरी है कि 7 सदस्यों में कम-से-कम 3 पदेन (Ex-officio) सदस्य हों।
- अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय कमेटी की सिफारिशों के आधार पर की जाती है।
- अध्यक्ष और सदस्यों का कार्यकाल 5 वर्षों या 70 वर्ष की उम्र, जो भी पहले हो, तक होता है।
- इन्हें केवल तभी हटाया जा सकता है जब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश की जाँच में उन पर दुराचार या असमर्थता के आरोप सिद्ध हो जाएं।
मानव अधिकार में NHRC के कार्य और शक्तियाँ जानिए
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास कुछ ऐसी शक्तियां हैं जिन्हें कोई भी रोकने की हिम्मत नहीं कर सकता। यह कार्य और शक्तियां आम लोगों के लिए ही हैं। आइए, बताते हैं –
- मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित कोई मामला यदि NHRC के संज्ञान में आता है, तो NHRC को उसकी जाँच करने का अधिकार है।
- इसके पास मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित सभी न्यायिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार है।
- आयोग किसी भी जेल का दौरा कर सकता है और जेल में बंद कैदियों की स्थिति का निरीक्षण एवं उसमे सुधार के लिये सुझाव दे सकता है।
- NHRC संविधान या किसी अन्य कानून द्वारा मानवाधिकारों को बचाने के लिये प्रदान किये गए सुरक्षा उपायों की समीक्षा कर सकता है और उनमें बदलावों की सिफारिश भी कर सकता है।
- NHRC मानवाधिकार के क्षेत्र में अनुसंधान का कार्य भी करता है।
NHRC की सीमाएं क्या होती हैं?
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (Human Rights in Hindi) की अपनी भी कुछ सीमाएं हैं, जिनके आगे वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। बताते हैं उनकी सीमाओं के बारे में –
- NHRC के पास जाँच करने के लिये कोई भी विशेष तंत्र नहीं है। अधिकतर मामलों में यह संबंधित सरकार को मामले की जाँच करने का आदेश देता है।
- पीड़ित पक्ष को व्यावहारिक न्याय देने में असमर्थ होने के कारण भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी ने इसे ‘India’s teasing illusion’ की संज्ञा दी है।
- NHRC के पास किसी भी मामले के संबंध में मात्र सिफारिश करने का ही अधिकार है, वह किसी को निर्णय लागू करने के लिये बाध्य नहीं कर सकता।
- कई बार धन की अपर्याप्ता भी NHRC के कार्य में बाधा डालती है।
मानव अधिकार के समर्थन में करियर बनाने के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज
Human Rights India में करियर के लिए यूनिवर्सिटीज की लिस्ट दी जा रही है, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए। Human Rights in Hindi में इस प्रकार है यह लिस्ट।
डिग्री कोर्स
यूनिवर्सिटीज | स्थान |
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी | अलीगढ़ |
आंध्र यूनिवर्सिटी | विशाखापत्तनम |
कोचीन साइंस एंड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी | कोच्ची |
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी | बनारस |
एमएस बड़ौदा यूनिवर्सिटी | वड़ोदरा |
श्री वेंकटेश्वर यूनिवर्सिटी | तिरुपति |
बेरहामपुर यूनिवर्सिटी | बेरहामपुर |
महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी | कोट्टायम |
जामिया मिलिया इस्लामिया | नई दिल्ली |
M.D. यूनिवर्सिटी | रोहतक |
डिप्लोमा कोर्स
यूनिवर्सिटीज | स्थान |
मुंबई यूनिवर्सिटी | मुंबई |
नागपुर यूनिवर्सिटी | नागपुर |
जामिया मिलिया इस्लामिया | नई दिल्ली |
सौराष्ट्र यूनिवर्सिटी | राजकोट |
मद्रास यूनिवर्सिटी | चेन्नई |
जम्मू यूनिवर्सिटी | जम्मू |
पांडिचेरी यूनिवर्सिटी | पुड्डुचेर्री |
मैसूर यूनिवर्सिटी | मैसूर |
जे.एन. व्यास यूनिवर्सिटी | जोधपुर |
मोहनलाल सुखाड़िया | उदयपुर |
कल्याणी यूनिवर्सिटी | कोल्हापुर |
मदुरै कामराज यूनिवर्सिटी | मदुरै |
एच.पी. यूनिवर्सिटी | शिमला |
कश्मीर यूनिवर्सिटी | श्रीनगर |
इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट | नई दिल्ली |
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यमन राइट्स | नई दिल्ली |
सर्टिफिकेट कोर्स
यूनिवर्सिटीज | स्थान |
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी | इंदौर |
नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया यूनिवर्सिटी | बैंगलोर |
बेरहामपुर यूनिवर्सिटी | बेरहामपुर |
एस.एन.डी.टी. महिला यूनिवर्सिटी | मुंबई |
अरुणाचल यूनिवर्सिटी | अरुणाचल प्रदेश |
मणिपुर यूनिवर्सिटी | मणिपुर |
स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी | नांदेड़ |
लमका गवर्नमेंट कॉलेज | मणिपुर |
IGNOU | नई दिल्ली |
मानव अधिकार में जॉब प्रोफाइल्स
निम्नलिखित List में आपको विदेश में Human Rights में Career के बारे में बताया जा रहा है, जिसमें आप अपना Career बना सकते हैं। Human Rights in Hindi में नज़र डालते हैं इस लिस्ट पर-
- ह्यूमन राइट्स लॉयर
- ह्यूमन राइट्स कंपैनर
- ह्यूमन राइट्स एडुकेटर
- ह्यूमन राइट्स रिसर्चर
- ह्यूमन राइट्स एडवोकेसी ऑफिसर
- ह्यूमन राइट्स एक्टिविज़्म कोर्डिनेटर
- ह्यूमन राइट्स वेब कंटेंट मैनेजर
- ह्यूमन राइट्स असिस्टेंट
- ह्यूमन राइट्स प्रोग्राम ऑफिसर
- ह्यूमन राइट्स ग्रांट राइटर
- ह्यूमन राइट्स कम्युनिकेशन्स ऑफिसर
- ह्यूमन राइट्स फंडरेजिंग स्पेशलिस्ट
- ह्यूमन राइट्स पॉलिसी एनालिस्ट
- ह्यूमन राइट्स M&E ऑफिसर
- ह्यूमन राइट्स स्टेटिस्टीशियन
- ह्यूमन राइट्स एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर
- ह्यूमन राइट्स डिजिटल कंटेंट ऑफिसर
- ह्यूमन राइट्स रिसर्च असिस्टेंट
- ह्यूमन राइट्स इंटरप्रेटर/ट्रांसलेटर
- ह्यूमन राइट्स पॉलिसी स्पेशलिस्ट
- ह्यूमन राइट्स लीगल ऑफिसर
- ह्यूमन राइट्स कंसलटेंट
- नॉन प्रॉफिट अकाउंटेंट
- इनफार्मेशन सिस्टम्स ऑफिसर
- HR ऑफिसर
- पोलिटिकल अफेयर्स ऑफिसर
- आउटरीच & इंगेजमेंट ऑफिसर
- फील्ड सिक्योरिटी ऑफिसर
- फाइनेंस ऑफिसर
- कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी स्पेशलिस्ट
- GIS स्पेशलिस्ट
भारत में मानव अधिकार में जॉब प्रोफाइल्स
निम्नलिखित आपको भारत में मानव अधिकार में करियर के बारे में बताया जा रहा है, जिसमें आप अपना करियर बना सकते हैं। Human Rights in Hindi में नज़र डालते हैं इस लिस्ट पर-
- ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट
- ह्यूमन राइट्स डिफेंडर
- ह्यूमन राइट्स एनालिस्ट
- ह्यूमन राइट्स प्रोफेशनल
- ह्यूमन राइट्स रिसर्चर
- ह्यूमन राइट्स प्रोग्रामर
- ह्यूमन राइट्स अधिवक्ता
- ह्यूमन राइट्स वर्कर
- ह्यूमन राइट्स टीचर
- ह्यूमन राइट्स कंसलटेंट
- ह्यूमन राइट्स कंपैनर
- ह्यूमन राइट्स फंडरेजर
- ह्यूमन राइट्स मैनेजर
FAQs
मानवाधिकार एक वह ताकत है जो आपको अपने अधिकार के बारे में बताते हैं।
भारत में मानव अधिकार 12 अक्टूबर 1993 को लागू हुए थे।
मानव अधिकार में कुल 36 अनुच्छेद हैं।
हमें आशा है कि Human Rights in Hindi से जुड़ा यह ब्लॉग आपको ज़रूर मानवाधिकारों के बारे में जानकारी देगा है। ऐसे और अन्य तरह के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए बने रहिए Leverage Edu के साथ।