व्यक्तित्व के निर्धारक क्या होते हैं?

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व्यक्तित्व के निर्धारक

व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले तत्वों को व्यक्तित्व के निर्धारक तत्व कहते हैं। सामने वाले व्यक्ति को आपकी अगर कोई भी चीज़ सबसे पहले आकर्षित करती है, वह होती है आपका व्यक्तित्व। व्यक्तित्व किसी भी इन्सान का कुदरती विजिटिंग कार्ड होता है जिसके द्वारा सामने वाला आपके बारे में काफी बातें अनुमानित कर सकता है। वास्तव में व्यक्तित्व किसी भी इंसान के गुण-दोषों का लेखा जोखा होता है। आपने अक्सर लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि उस लड़के या लड़की का व्यक्तित्व मुझे काफी आकर्षक लगा। व्यक्तित्व से संबन्धित कुछ तत्व होते हैं जिनके द्वारा कोई भी इंसान आपके बारे में आपके व्यक्तित्व को लेकर धारणा बनाता है। इस ब्लॉग में व्यक्तित्व से संबन्धित सभी बातों पर विस्तार से चर्चा की गई है। इस ब्लॉग के जरिए आप यह जान पाएंगे कि व्यक्तित्व के निर्धारक क्या होते हैं? पूरी जानकारी विस्तार से प्राप्त करने के लिए ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।

व्यक्तित्व के पहलू आंतरिक पहलू बाहरी पहलू 
व्यक्तित्व के प्रकार (शारीरिक आधार पर) एंडोमार्फिक व्यक्तित्व मेसोमार्फिक व्यक्तित्व एक्टोमार्फिक व्यक्तित्व 
व्यक्तित्व के प्रकार (मानसिक आधार पर) अंतर्मुखी बहिर्मुखी 
प्रमुख व्यक्तित्व एक्सपर्ट केश्मर, शेल्डन, न्यूमैन, विलियम जेम्स, स्टर्न 
व्यक्तित्व के सामान्य प्रकार बाहरी व्यक्तित्व आंतरिक व्यक्तित्व 

व्यक्तित्व के निर्धारक की परिभाषा

प्रत्येक व्यक्ति में कुछ ऐसे गुण या विशेषताएँ होती हैं जो दूसरे लोगों से भिन्न होती हैं। इन गुणों या विशेषताओं को मिलाकर ही किसी व्यक्ति का पूरा व्यक्तित्व बनता है। दूसरे शब्दों में कहें तो व्यक्तित्व मनुष्य के शारीरिक और मानसिक अवस्थाओं का मिश्रण है जिनके आधार पर वह अपने आसपास के समाज के साथ सामंजस्य स्थापित करता है। 

व्यक्तित्व के निर्धारक किन्हें कहते हैं?

Determinants of personality in Hindi को प्रभावित करने वाले तत्वों को व्यक्तित्व के निर्धारक तत्व कहते हैं। ये तत्व शारीरिक, बौद्धिक, रुचियों एवं अभिवृत्तियों पर आधारित होते हैं। इन निर्धारकों को हम विस्तार से इस प्रकार समझ सकते हैं- 

  • वंश परंपरा : मनोवैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि आपके व्यवहार में आपका आपके वंश का अंश दिखाई पड़ता है। उदाहरण के लिए अगर आपके माता-पिता में से कोई एक यदि बहुत गुस्से वाला है तो इस बात की बहुत संभावना है कि आपका स्वभाव भी काफी हद तक गुस्सैल ही होगा। 
  • शारीरिक संरचना : इस बात में कोई शक नहीं है कि शारीरिक संरचना का असर जरूर आपकी पर्सनलिटी पर होता है। यदि आप एक सुगठित और लंबे चौड़े शरीर के स्वामी हैं तो जाहिर सी बात है कि आपका प्रभाव सामने वाले के ऊपर ज्यादा होगा और यह आपके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी करता है। 
  • वातावरण संबंधी प्रभाव : आसपास के वातावरण का व्यक्तित्व पर बहुत प्रभाव पड़ता है। उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आप किसी ऐसे मोहल्ले में रहते हैं जहां लोग बिना गाली दिए आपस में बात नहीं करते। तो बहुत संभावना है कि आप भी बात  बात पर गाली देना सीख जाएंगे और यह बात आपके व्यक्तित्व का एक हिस्सा बन जाए। 
  • बचपन : बचपन भी किसी भी इंसान का व्यक्तित्व बनाने में बड़ा प्रभाव डालता है। उदाहरण के लिए किसी बच्चे को बचपन से ही अगर बहुत अधिक दबाया गया हो तो वह बड़े होकर भी खुलकर नहीं जी सकेगा। उसकी बातों में और हाव भाव में उस डर की परछाई कहीं न कहीं सामने वाला पहचान ही लेगा। 

व्यक्तित्व निर्धारण के उद्देश्य 

व्यक्तित्व के निर्धारक के जानने के लिए पहले व्यक्तित्व निर्धारण के उद्देश्य जानने चाहिए, जो इस प्रकार हैं:

  • व्यक्तित्व को जानना : व्यक्तित्व निर्धारण के द्वारा आप अपने या किसी और के व्यक्तित्व के बारे में जान सकते हैं। अपने व्यक्तित्व के बारे में जानकर आप बारे में अच्छे से जान सकते हैं और खुद में सुधार कर सकते हैं। किसी दूसरे के व्यक्तित्व के बारे में जानकर आप यह निर्णय ले सकते हैं कि आपको उस व्यक्ति के साथ आगे बढ़ना है या नहीं। 
  • आत्मविश्वास में वृद्धि करना : व्यक्तित्व निर्धारण का एक लक्ष्य आत्मविश्वास में वृद्धि करना भी होता है। अपने व्यक्तित्व का निर्धारण करके आप खुद को बेहतर बनाते हुए अपने आत्मविश्वास में वृद्धि भी कर सकते हैं। 
  • मनोविज्ञान समझना : व्यक्तिव निर्धारण से आप सामने वाले के मनोविज्ञान को समझने में भी मदद मिलती है। इसके द्वारा आप उसकी आदतों और प्रवृत्तियों के बारे में सहज रूप से जान सकते हैं। 
  • समाज के लिए बेहतर नागरिक तैयार करना : व्यक्तित्व निर्धारण के द्वारा कोई मनोवैज्ञानिक किसी व्यक्ति की मनोस्थिति की जांच कर उसमें सुधार कर सकता है। इससे समाज को एक बेहतर नागरिक मिलने में मदद मिलेगी।

व्यक्तित्व को कैसे निखारें?

व्यक्तित्व आदमी का आईना होता है। घर के बाहर आपकी पर्सनलिटी ही आपकी पहचान होती है। आप चाहे किसी नए रिश्ते की शुरुआत करने जा रहे हों या किसी जॉब इंटरव्यू के लिए जा रहे हों। हर जगह आपका व्यक्तित्व एक बड़ी भूमिका अदा करता है। वास्तव में आपका व्यक्तित्व एक किताब की तरह होता है जिसे पढ़कर सामने वाला आपके बारे में काफी कुछ जान सकता है। व्यक्तित्व के विकास में कुछ बातें अहम भूमिका निभाती हैं। जैसे कि आपके चलने का तरीका, हंसने का तरीका, बोलने का तरीका आदि।

अपने व्यक्तित्व का विकास करने के लिए कोशिश करें कि आप हमेशा सीधे चलें। खड़े भी झुककर न हों, बल्कि सीधे खड़े हों। कंधों को झुकाकर न रखें। चहरे पर हमेशा एक प्यारी सी मुस्कान बनाकर रखें। अगर कहीं पब्लिक प्लेस पर खादें हों तो राक्षसों की तरह ठहाके लगाकर न हसें। शांत और सौम्य हंसी हंसें। ये बातें आपकी पर्सनलिटी में चार चाँद लगा देंगी। इससे सामने वाला आपके व्यक्तित्व का निर्धारण करते समय हमेशा अपने दिमाग में आपके लिए सकारात्मक छवि ही बनाएगा। 

व्यक्तित्व को निखारने के लिए 10 बेस्ट टिप्स 

नीचे Determinants of personality in hindi को निखारने के लिए विश्व के विद्वानों द्वारा सुझाए बेस्ट टिप्स दिए जा रहे हैं। इन्हें जीवन में उतारकर आप भी अपने व्यक्तित्व को अच्छा बना सकते हैं-

  • आत्मविश्वासी महसूस करें: खुद को किसी से कम न समझें। अपनी कमियों को दूर करें और अच्छाइयों को ग्रहण करें। रोज खुद को आईने में देखकर बोलें कि आप अच्छे दिख रहे हैं। इससे आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और मस्तिष्क और जीवन में एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा। 
  • नए फैशन से जुडने की कोशिश करें: अगर आप लेटेस्ट फैशन को फॉलो करेंगे तो इससे आपकी पर्सनलिटी में निखार आएगा। 
  • साफ सुथरे कपड़े पहनें: अगर आप साफ सुथरे कपड़े पहनकर रहेंगे तो इससे आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा। 
  • ठीक से बोलें: अपनी बात को दूसरों के सामने स्पष्ट और ठीक तरह से रखें। बातों से सामने वाले पर विशेष प्रभाव पड़ता है। बातें आपके व्यक्तित्व निर्धारन में अहम भूमिका निभाती हैं। इसलिए दूसरों के सामने सोच समझकर ही बोलें। 
  • अपशब्दों का इस्तेमाल न करें: अपशब्द कहीं से भी एक सभ्य व्यक्ति की पहचान नहीं हो सकते। यह आपके व्यक्तित्व पर एक नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इसलिए अपशब्दों का प्रयोग करने से बचें। 
  • जूते हमेशा पॉलिश रखें: जूते व्यक्तित्व का अहम हिस्सा होते हैं। बहुत से लोग सामने वाले के जूतों से ही उसके व्यक्तित्व का निर्धारण कर लेते हैं। इसलिए अपने जूतों को हमेशा साफ रखें। 
  • मुसकुराते रहें: मुस्कान कभी आउट ऑफ फ़ैशन नहीं होती। आपकी मुस्कान आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगाती है। यह एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। जितना हो सके अपने चहरे पर एक प्यारी सी मुस्कान बनाकर रखें। 
  • बॉडी लेंगवेज़ का ध्यान रखें: बॉडी लेंगवेज़ भी व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा होती है। अगर आप आड़े तिरछे चलेंगे या खड़े होंगे तो इससे सामने वाला आपके व्यक्तित्व का निर्धारण गलत तरीके से कर सकता है। अत: अपनी बॉडी लेंगवेज़ का खास ध्यान रखें। 
  • नाक मुंह में उंगली न करें: अगर आप बात करते समय नाक या मुंह में उंगली डालते हैं तो इससे सामने वाले पर गलत प्रभाव पड़ता है। इसलिए ऐसी हरकतें करने से बचें 
  • छींकने के बाद सॉरी बोलें: अगर आपको कहीं पब्लिक प्लेस पर अचानक से छींक आ जाती है तो हमेशा मुंह पर हाथ रखकर छींकें और छींकने के तुरंत बाद सॉरी या इक्सक्यूज मी बोलें। इससे सामने वाला आपके व्यक्तित्व का निर्धारण एक सभ्य व्यक्ति के रूप में करेगा। 

व्यक्तित्व के आंतरिक तत्व 

व्यक्तित्व के निर्धारक में अब बारी आती है व्यक्तिव के आंतरिक तत्व जानने की, जो नीचे दिए गए हैं-

  • व्यवहार: व्यवहार किसी भी इंसान के व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण आंतरिक तत्व होता है। व्यवहार से ही किसी भी व्यक्ति का मूल चरित्र पता चलता है। 
  • बोलने का तरीका: किसी व्यक्ति के बोलने के तरीके से उसके बारे में बहुत कुछ पता चलता है। यह भी उसके आंतरिक व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण तत्व है। 
  • क्रोध: क्रोध भी व्यक्तित्व के आंतरिक तत्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। क्रोध से एक व्यक्ति के व्यक्तिव निर्धारण का रास्ता साफ होता है। 
  • विचार: विचार किसी भी व्यक्ति की मूल पर्सनलिटी बनाते हैं। जैसा इंसान सोचता है वह वैसा ही हो जाता है। 
  • सेंस ऑफ ह्यूमर: किसी व्यक्ति का सेंस ऑफ ह्यूमर उसके बारे में बहुत कुछ कहता है। ऊंचे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति का सेंस ऑफ ह्यूमर आपको हमेशा अच्छा ही मिलेगा। 

व्यक्तित्व के बाहरी तत्व 

नीचे Determinants of personality in Hindi के कुछ बाहरी तत्व दिए जा रहे हैं-

  • कद-काठी: कद काठी आपके व्यक्तित्व का एक अहम हिस्सा होती है। अच्छी कद काठी वाले व्यक्ति की तरफ लोग खुद ही प्रभावित हो जाते हैं। 
  • हंसमुख चेहरा: अगर आपका चेहरा हंसमुख है तो यह आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगा देता है। 
  • बॉडी पोसचर: बॉडी पोसचर भी आपकी पर्सनलिटी में एक अहम भूमिका निभाता है। इससे सामने वाला आपकी पर्सनलिटी को जज करता है। 
  • चलने का तरीका: आपके चलने का तरीका भी आपके व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ कहता है। आपके चलने के तरीके भर से ही कुछ लोग आपके व्यक्तित्व का निर्धारण कर सकते हैं। 

व्यक्तित्व सिद्धान्त 

Determinants of personality in Hindi के अंदर आने वाले व्यक्तित्व सिद्धान्त कौनसे हैं, जो इस प्रकार हैं: 

  • बुद्धिमत्ता: बुद्धिमत्ता के आधार पर किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्धारन आसानी से किया जा सकता है। 
  • भावुकता: भावुकता के आधार पर भी किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्धारण आराम से किया जा सकता है। इससे संबन्धित कुछ मनोविज्ञानी टेस्ट भी होते हैं जिनके द्वारा मनुष्य के भावनात्मक पहलू का पता लगाया जा सकता है। 
  • आक्रामकता: आक्रामकता के आधार पर भी किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्धारण किया जा सकता है। 
  •  स्थिरता: आप किसी भी स्थिति में कितने स्थिर  बने रहते हैं यह बात भी आपके व्यक्तित्व का निर्धारण करती है।

अपने व्यक्तित्व का निर्धारण कैसे करें 

 नीचे दिए गए बिन्दुओं को ध्यान में रखकर आप अपने व्यक्तित्व का निर्धारण स्वयं कर सकते हैं-

  • खुद पर ध्यान दें: आप अपने आप पर और अपनी आदतों पर ध्यान दें। देखें कि कहीं आपमें कुछ कमियाँ तो नहीं हैं। अपनी आदतों को एक डायरी में नोट करें और उन पर विचार करें। 
  • अपने शुभचिंतकों से अपने व्यक्तित्व को लेकर सवाल करें: अपने शुभचिंतकों जैसे माता पिता, भाई बहन और दोस्तों आदि से अपने व्यक्तित्व के बारे में सवाल करें। अगर वे कुछ कमियाँ बताते हैं तो उन्हें दूर करने का प्रयास करें। 
  • अच्छे श्रोता बनें: खुद के व्यक्तित्व का निर्धारण करने के लिए पहले अच्छे श्रोता बनें। अपने बारे में लोगों की राय पर गौर करें। 
  • रोज खुद को बेहतर बनाने की कोशिश करें: रोज खुद के लिए कम से कम आधा घंटा निकालें। अपनी कमियों को ध्यान में लाएँ। उन पर विचार करें और उन्हें ठीक करने का प्रयास करें।

व्यक्तित्व विकास PDF

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बेस्ट बुक्स 

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FAQs 

व्यक्तित्व निर्धारण क्या हैं?

व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले तत्वों को व्यक्तित्व निर्धारक तत्व कहते हैं। ये तत्व शारीरिक, बौद्धिक, रुचियों एवं अभिवृत्तियों पर आधारित होते हैं। 

व्यक्तित्व के 5 गुण कौनसे हैं?

cव्यक्तित्व के पाँच गुण हैं : शारीरिक गुण, मानसिक गुण, सामाजिक गुण, संवेगात्मक गुण, चारित्रिक गुण 

व्यक्तित्व के प्रमुख घटक कौनसे हैं?

व्यक्तित्व के दो प्रमुख घटक हैं- अहंकार और सुपररेगो का विकास 

व्यक्तित्व का क्या महत्व है?

व्यक्तित्व हर मनुष्य की पहचान होती है। वास्तव में व्यक्तित्व उस पूरी छवि का नाम है जो व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के सामने बनाता है। 

व्यक्तित्व का विकास कैसे होता है?

व्यक्तित्व का निर्माण तब होता है जब लोग दूसरों के व्यवहार का निरीक्षण करते हैं। यह अनुकूल और आत्मसात करने की ओर ले जाता है। 

उम्मीद है आपको यह ब्लॉग पढ़ने के बाद व्यक्तित्व के निर्धारक के बारे में बहुत सी जानकारियां प्राप्त हुई होगी। यदि आपको हमारा Determinants of personality in Hindi का यह ब्लॉग पसंद आया हो तो आप  अपने दोस्तों और परिवार के साथ भी यह ब्लॉग जरूर शेयर करें। ऐसे ही अन्य रोचक, ज्ञानवर्धक और आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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