भारत के महान एयरोस्पेस वैज्ञानिक “डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम” (A.P.J. Abdul Kalam) जिन्हें हम “मिसाइल मैन” के नाम से भी जानते हैं। वह भारत के 11वें राष्ट्रपति भी रह चुके हैं, डॉ कलाम को विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अहम योगदान के लिए आज भी जाना जाता हैं। वहीं उनके जन्म दिवस के उपलक्ष्य में हर वर्ष 15 अक्टूबर को ‘विश्व छात्र दिवस’ मनाया जाता हैं। क्या आप जानते हैं कि डॉ. कलाम भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित होने वाले भारत के तीसरे राष्ट्रपति थे। आइए अब हम डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में जानते हैं।
नाम | अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम) |
उपनाम | मिसाइल मैन |
व्यवसाय | इंजीनियर, वैज्ञानिक, लेखक, प्रोफेसर, राजनीतिज्ञ |
जन्म तिथि | 15-अक्टूबर 1931 |
जन्म स्थान | धनुषकोडी गांव, रामेश्वरम, तमिलनाडु |
पिता का नाम | जैनुल्लाब्दीन |
माता का नाम | असीम्मा |
डॉ. कलाम का निधन | 27 जुलाई 2015, शिलांग, मेघालय |
राष्ट्रपति | 11 वें (25 जुलाई 2002 – 25 जुलाई 2007) |
सम्मान | पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न आदि |
आत्मकथा | विंग्स ऑफ फायर: एन ऑटोबायोग्राफी |
पुस्तकें | इंडिया 2020: ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम (1998), इगनाइटेड माइंड्स: अनलीजिंग द पॉवर विदिन इंडिया (2002), द ल्यूमिनस स्पार्क्स: ए बायोग्राफी इन वर्स एंड कलर्स (2004) आदि। |
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डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में
यहाँ डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में 20 लाइन में उनके संपूर्ण जीवन के बारे में सभी आवश्यक जानकारी दी जा रही है। जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-
- डॉ. कलाम का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। उनका पूरा नाम ‘अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल’ कलाम था।
- डॉ. कलाम के पिता का नाम ‘जैनुलाब्दीन’ था, जो एक नाविक थे और उनकी माता का नाम ‘असीम्मा’ था, जो एक गृहणी थी। डॉ कलाम के पांच भाई-बहन थे।
- डॉ. कलाम का शुरूआती जीवन संघर्षों से भरा रहा था। उन्होंने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार वितरित करने का कार्य भी किया था। उन्हें बचपन से ही सिखने की बहुत इच्छा थी।
- वह रामनाथपुरम, तमिलनाडु से मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 1955 में मद्रास चले गए। वहाँ उन्होंने ‘मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी’, चेन्नई में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।
- बता दें कि डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम एक लड़ाकू पायलट बनना चाहते थे लेकिन उन्हें ‘भारतीय वायु सेना’ (IAF) की प्रवेश परीक्षा में नौवां स्थान मिला था। जबकि IAF ने केवल 8वीं रैंक तक ही रिजल्ट की घोषणा की थी इसलिए वह पायलट नहीं बन सके।
- इसके बाद डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (DRDO) में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुए, जहां उन्होंने ‘हावरक्राफ्ट परियोजना’ पर काम किया।
- बता दें कि डॉ कलाम ने कुछ समय तक प्रसिद्ध वैज्ञानिक ‘विक्रम साराभाई’ के साथ भी काम किया था।
- इसके बाद वह वर्ष 1962 में ‘भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन’ (ISRO) में आ गए, यहाँ उन्होंने प्रोजेक्ट डायरेक्टर रहते हुए सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।
- क्या आप जानते हैं कि डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने ISRO में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर भारत के पहले स्वदेशी सैटेलाइट लांच व्हीकल ‘SLV-III’ के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- इस प्रथम सैटेलाइट व्हीकल से भारत ने वर्ष 1980 में ‘रोहिणी सैटेलाइट’ सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में भेजा था। इस मिसाइल को बनाने में डॉ. कलाम में अपना अहम योगदान दिया था, जिस वजह से उन्हें ‘मिसाइल मैन’ की उपाधि से नवाजा गया।
- इसके बाद डॉ. कलाम ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में कार्य किया और देश के लिए कई मिसाइलें बनाई।
- डॉ. कलाम ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में अपना अतुलनीय योगदान दिया है, जिसकी वजह से उन्हें वर्ष 1997 में भारत के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया।
- डॉ कलाम ने वर्ष 1999 तक ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (DRDO) में सेक्रेटरी के रूप में कार्य किया। वह प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार भी थे।
- बता दें कि वर्ष 1998 में ‘दूसरे परमाणु परीक्षण’ में डॉ. कलाम ने महत्वपूर्ण तकनीकी और राजनीतिक भूमिका निभाई थी।
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) 18 जुलाई 2002 को भारत के 11वें राष्ट्रपति बने।
- डॉ. कलाम वर्ष 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति पद पर आसीन रहे और इसके बाद उन्होंने फिर से राष्ट्रपति चुनाव ना लड़ने का फैसला किया।
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) ने ‘डॉ. सोमा राजू’ के साथ मिलकर वर्ष 2012 में ‘कलाम-राजू टैबलेट’ नामक छोटा लैपटॉप तैयार किया था, जो ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के लिए तैयार किया गया था।
- इसके बाद उन्होंने अपने जीवन के बहुत से वर्ष ‘रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन’ (DRDO) के लिए काम करते हुए बिताए थे।
- देश का सर्वोच्च पद पर रहने के बाद भी डॉ. कलाम हमेशा अपना जीवन सादगी के साथ जीते रहे। उनका स्वभाव बेहद सहज, सरल और विनम्र था।
- 27 जुलाई 2015 को ‘भारतीय प्रबंधन संस्थान’ (IIM) शिलांग में व्याख्यान देते समय हृदय गति रुकने से भारत के महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) का अचानक ही निधन हो गया था। बता दें कि विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. कलाम के अहम योगदान के लिए हर वर्ष उनके जन्म दिवस पर 15 अक्टूबर को ‘विश्व छात्र दिवस’ (World Student Day) मनाया जाता हैं।
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आशा है कि आपको डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (A.P.J. Abdul Kalam) के बारे में हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।