स्वतंत्रता दिवस एक ऐसा ऐतिहासिक दिन है जिस दिन भारत ने ब्रिटिश कुशासन से आजादी पाई थी, इसी अवसर पर हर साल हम भारतवासी 15 अगस्त को पूरे हर्षोल्लास के साथ स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाते हैं। देशभक्ति, एक ऐसी भावना है जो हमारे दिलों में देश के लिए असीम प्यार और सम्मान के भाव पैदा करती है। यह वही जज़्बा है जो हमें अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देता है। किसी भी नागरिक के अंतर्मन में देशभक्ति के जज़्बे को जगाने में कला और साहित्य का एक बड़ा योगदान रहा है। इस ब्लॉग में आप देशभक्ति के जज़्बे को जगाने वाली शानदार शायरी (desh bhakti shayari hindi) पढ़ पाएंगे, जो कि इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हैं;
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देशभक्ति पर शायरी – Desh Bhakti Shayari Hindi
देशभक्ति पर शायरी (Desh Bhakti Shayari Hindi) पढ़कर आपके भीतर राष्ट्रवाद का बीजारोपण होगा, ये शायरी कुछ इस प्रकार हैं;
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
-लाल चन्द फ़लक
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
-फ़िराक़ गोरखपुरी
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे
-जाफ़र मलीहाबादी
हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
-जावेद अख़्तर
अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
-जाफ़र मलीहाबादी
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो
वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है
-चकबस्त ब्रिज नारायण
मज़ा दामान-ए-मादर का है इस मिट्टी के दामन में
वतन की ख़ाक ज़रा एड़ियाँ रगड़ने दे
-अज्ञात
मुझे यक़ीन है पानी यहीं से निकलेगा
उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता
-अज्ञात
जिस मुल्क की सरहद की निगहबान हैं आँखें
कहाँ हैं आज वो शम-ए-वतन के परवाने
-सिराज लखनवी
बने हैं आज हक़ीक़त उन्हीं के अफ़्साने
वतन की पासबानी जान-ओ-ईमाँ से भी अफ़ज़ल है
-अज्ञात
मैं अपने मुल्क की ख़ातिर कफ़न भी साथ रखता हूँ
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स्वतंत्रता संग्राम पर मशहूर शायरों की शायरी
स्वतंत्रता संग्राम पर मशहूर शायरों की शायरी पढ़कर आप आजादी के आंदोलन में बलिदान हुए उन क्रांतिकारियों को सच्ची श्रद्धांजलि दे पाएंगे, जिन्होंने माँ भारती को आजादी दिलाने में अपना सर्वस्व लुटा दिया। ये शायरी कुछ इस प्रकार हैं;
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
बिस्मिल अज़ीमाबादी
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
हम अम्न चाहते हैं मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़
साहिर लुधियानवी
गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही
बनाना है हमें अब अपने हाथों अपनी क़िस्मत को
जाफ़र मलीहाबादी
हमें अपने वतन का आप बेड़ा पार करना है
क्या करिश्मा है मिरे जज़्बा-ए-आज़ादी का
अख़्तर अंसारी अकबराबादी
थी जो दीवार कभी अब है वो दर की सूरत
वो हिन्दी नौजवाँ यानी अलम-बरदार-ए-आज़ादी
मख़दूम मुहिउद्दीन
वतन की पासबाँ वो तेग़-ए-जौहर-दार-ए-आज़ादी
हम भी तिरे बेटे हैं ज़रा देख हमें भी
-खुर्शीद अकबर
ऐ ख़ाक-ए-वतन तुझ से शिकायत नहीं करते
ऐ अहल-ए-वतन शाम-ओ-सहर जागते रहना
-जाफ़र मलीहाबादी
अग़्यार हैं आमादा-ए-शर जागते रहना
दुख में सुख में हर हालत में भारत दिल का सहारा है
-हामिदुल्लाह अफ़सर
भारत प्यारा देश हमारा सब देशों से प्यारा है
नाक़ूस से ग़रज़ है न मतलब अज़ाँ से है
-ज़फ़र अली ख़ाँ
मुझ को अगर है इश्क़ तो हिन्दोस्ताँ से है
न होगा राएगाँ ख़ून-ए-शहीदान-ए-वतन हरगिज़
-नाज़िश प्रतापगढ़ी
यही सुर्ख़ी बनेगी एक दिन उनवान-आज़ादी
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लेटेस्ट देश भक्ति शायरी इन हिंदी – Desh Bhakti Shayari
लेटेस्ट देश भक्ति शायरी इन हिंदी (Desh Bhakti Shayari) कुछ इस प्रकार हैं;
भारत के ऐ सपूतो हिम्मत दिखाए जाओ
-लाल चन्द फ़लक
दुनिया के दिल पे अपना सिक्का बिठाए जाओ
है मोहब्बत इस वतन से अपनी मिट्टी से हमें
-अज्ञात
इस लिए अपना करेंगे जान-ओ-तन क़ुर्बान हम
ख़ुदा ऐ काश ‘नाज़िश’ जीते-जी वो वक़्त भी लाए
-नाज़िश प्रतापगढ़ी
कि जब हिन्दोस्तान कहलाएगा हिन्दोस्तान-ए-आज़ादी
बे-ज़ार हैं जो जज़्बा-ए-हुब्ब-उल-वतनी से
-अज्ञात
वो लोग किसी से भी मोहब्बत नहीं करते
मैं ने आँखों में जला रखा है आज़ादी का तेल
-अनीस अंसारी
मत अंधेरों से डरा रख कि मैं जो हूँ सो हूँ
सर-ब-कफ़ हिन्द के जाँ-बाज़-ए-वतन लड़ते हैं
-बर्क़ देहलवी
तेग़-ए-नौ ले सफ़-ए-दुश्मन में घुसे पड़ते हैं
कारवाँ जिन का लुटा राह में आज़ादी की
-बनो ताहिरा सईद
क़ौम का मुल्क का उन दर्द के मारों को सलाम
बनाना है हमें अब अपने हाथों अपनी क़िस्मत को
-जाफ़र मलीहाबादी
हमें अपने वतन का आप बेड़ा पार करना है
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स्वतंत्रता सेनानियों के सुविचार – Desh Bhakti Quotes in Hindi
स्वतंत्रता सेनानियों के सुविचार (Desh Bhakti Quotes in Hindi) पढ़कर आप स्वतंत्रता संग्राम के बारे में गंभीरता से जान पाएंगे। ये सुविचार कुछ इस प्रकार हैं;
“सरफरोशी की तम्मना अब हमारे दिल में है” -रामप्रसाद बिस्मिल
“व्यक्तियों को कुचलकर वो विचारों को नहीं मार सकते”- भगत सिंह
“हम आजादी तभी पाते हैं, जब अपने जीवित रहने का पूरा मूल्य चुका देते हैं”- रविन्द्रनाथ टैगोर
“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आजादी दूंगा”- सुभाषचंद्र बोस
“स्वतंत्रता जन्मसिद्ध हक नहीं, कर्म सिद्ध हक है”- विनोवा भावे
“स्वराज्य मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मै इसे लेकर रहूंगा” – बाल गंगाधर तिलक
“जब हम बाधाओं का सामना करते हैं तो हम पाते हैं कि हमारे अंदर साहस और लचीलापन मौजूद हैं जिसकी हमें स्वयं जानकारी नहीं थी, और यह तभी सामने आता हैं जब हम असफ़ल होते हैं, जरूरत हैं कि हम इन्हें तलाशे और जीवन में सफ़ल बनें।”- डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
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