कम्प्लीशंस इंजीनियर क्यों और कैसे बनें?

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Completion Engineer

वर्तमान समय में बढ़ते विकास और नई टेक्नोलॉजी विकसित होने के साथ-साथ ऑइल और गैस एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन की मांग भी दुनिया में तेजी से बढ़ गई है। आज पेट्रोलियम और गैस इंडस्ट्री दुनिया की सबसे बड़ी इंडस्ट्रीज में से एक बन गई है। पेट्रोलियम और नेचुरल गैस की बढ़ती मांग और नए रिसोर्सेज की खोज में बढ़ोतरी के साथ,अनुभवी कम्प्लीशंस इंजीनियर की मांग भी बढ़ गई है। युवाओं का इंटरेस्ट भी इस सेक्टर में बढ़ता जा रहा हैं, हम इस ब्लॉग में Completion Engineer बनने की पूरी जानकारी उपलब्ध करा रहें हैं। ताकि इस क्षेत्र में अपना करियर बनाने वाले कैंडिडेट्स को पूरी जानकरी मिल सके। 

This Blog Includes:
  1. कंप्लीशन इंजीनियर किन्हें कहते हैं?
  2. कंप्लीशन इंजीनियर का क्या कार्य होता हैं?
  3. कंप्लीशन इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक स्किल्स
  4. कंप्लीशन इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड
  5. कंप्लीशन इंजीनियर बनने के लिए कोर्सेज
  6. कंप्लीशन इंजीनियर बनने के लिए विदेश की टॉप यूनिवर्सिटी
  7. कंप्लीशन इंजीनियरिंग के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज
  8. कंप्लीशन इंजीनियरिंग के लिए एलिजिबिलिटी 
  9. एप्लीकेशन प्रोसेस 
    1. विदेश में कंप्लीशन इंजीनियरिंग के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस
    2. आवश्यक डाक्यूमेंट्स 
    3. भारतीय विश्वविद्यालयों में एप्लीकेशन प्रोसेस 
    4. आवश्यक डाक्यूमेंट्स
  10. प्रवेश परीक्षाएं
  11. एग्जाम के लिए बेस्ट बुक्स
  12. टॉप रिक्रूटर्स
  13. जॉब प्रोफाइल 
  14. FAQs 

कंप्लीशन इंजीनियर किन्हें कहते हैं?

पृथ्वी की सतह से हाइड्रोकार्बन, कच्चे तेल या प्राकृतिक गैस निकालने के लिए विभिन्न तकनीकों और मेथड को डिज़ाइन और डेवलप करने वाले एक्सपर्ट्स को कम्प्लीशंस इंजीनियर कहते हैं। वे आमतौर पर पेट्रोलियम इंजीनियर और जियोलॉजिस्ट्स के साथ काम करते हैं। कम्प्लीशंस इंजीनियर तेल और गैस के प्रोडक्शन और रिसर्च से संबंधित कार्य करते हैं। कम्प्लीशंस इंजीनियर का काम पेट्रोलियम इंडस्ट्री विशेषकर कच्चे तेल और नेचुरल गैसों की खोज, ट्रांसपोर्ट और मशीनरी, ड्रिलिंग, प्रोडक्शन, रिजर्व मैनेजमेंट, जैसे अलग-अलग क्षेत्र से संबंधित होता है।

कंप्लीशन इंजीनियर का क्या कार्य होता हैं?

पृथ्वी की सतह से कच्चा तेल और गैस निकालने में कम्प्लीशंस इंजीनियर की बहुत बड़ी भूमिका होती है, क्योंकि किसी भी स्थान पर ऑइल या गैस की खोज होने पर सबसे पहले कम्प्लीशंस इंजीनियर ही उस जगह की पूरी तरह से जाँच करता है। इसके साथ ही वे इन प्राकृतिक संसाधन को निकालने, स्टोरेज सुविधाएं और रिफाइनरियां तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए नए उपकरणों और रणनीतियां विकसित करते हैं। कम्प्लीशंस इंजीनियर के कुछ प्रमुख कार्य इस प्रकार हैं:-

  • कम्प्लीशंस इंजीनियर कच्चे तेल और गैसों को निकलने के लिए पेट्रोलियम और ड्रिल इंजीनियर के साथ मिल कर योजना बनाता है। 
  • पुराने हुए नए कुओं से अधिक ऑइल और गैस प्राप्त करने के तरीके विकसित करना।
  • जियोलाजिकल वैज्ञानिको के साथ मिलकर नए क्षेत्रों को समझना।  
  • ऑयलफील्ड क्षेत्र, टेक्नोलॉजी और निर्धारित समय पर कार्य को समाप्त करने की योजना बनाना।  
  • मौजूदा कुओं से रिसोर्सेज प्राप्त करने के नए तरीकों पर रिसर्च करना साथ ही नए क्षेत्रों पर रिसर्च करना। 
  • कम्प्लीशंस इंजीनियर को प्रोडक्शन कॉस्ट को कम करने के लिए योजना भी बनानी होती है। 

कंप्लीशन इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक स्किल्स

यहां कुछ प्रमुख Completion Engineer बनने की स्किल्स के बारे में बताया गया है, जिन्हें आप नीचे दिए गए पॉइंट्स में देख सकते है:-

  • कम्प्यूटर और सॉफ्टवेयर की नॉलेज – एक कम्प्लीशंस इंजीनियर को ऑयलफील्ड पर कार्य करने से पहले वहां का ब्लू प्रिंट भी बनाना होता है। जिसके बाद ही वहां ड्रिलिंग इंजीनियर उस क्षेत्र में अपना काम शुरू करता है। 
  • एनालिटिकल स्किल्स – कम्प्लीशंस इंजीनियर का यह भी कार्य होता है कि वह किसी भी योजना को तह समय पर पूरा कर सके। ताकि योजना में लगने वाली कॉस्ट को कम किया जा सके। 
  • राइटिंग स्किल एंड कम्युनिकेशन स्किल्स – एक कम्प्लीशंस इंजीनियर में राइटिंग एंड कम्युनिकेशन स्किल्स का होना बहुत जरुरी होता है क्योंकि उनके अंदर स्पष्ट लेखन की स्क्लिस और अपने डिजाइन को टीम को समझाने का कौशल होना जरुरी है। ताकि अपने द्वारा बनाया गया डिजाइन अन्य टीम के मेंबर्स  पूरी तरह से समझ सकें।  
  • टीम वर्क – कम्प्लीशंस इंजीनियर को लंबे समय तक भी ऑयलफील्ड और रिसर्च स्टेशनो पर बहुत सी टीमों के लोगों के साथ कार्य करना होता है। जिसके लिए टीम वर्क में काम करने की इंपोर्टेंट सिकल्स होनी बहुत जरुरी है। 
  • हार्डवर्किंग – इस सेक्टर में कार्य करने के लिए हार्डवर्किंग होना बहुत जरुरी है क्योंकि यहां कम्प्लीशंस इंजीनियर को बहुत अलग-अलग क्षेत्रों और जलवायु में काम करना होता है। साथ ही इस क्षेत्र में बहुत लंबे समय तक भी कार्य करना पड़ सकता है इसके लिए भी कम्प्लीशंस इंजीनियर को तैयार रहना चाहिए। 

कंप्लीशन इंजीनियर बनने के लिए स्टेप बाय स्टेप गाइड

यहां Completion Engineer बनने के लिए कुछ इंपोर्टेंट स्टेप्स बताए जा रहे हैं, जिसे आप नीचे दिए गए पॉइंट्स में देख सकते है:-

  • स्टेप 1: PCM से 12वीं कम्प्लीट करें – इंजीनियरिंग की अन्य ब्रांचेस की ही तरह कम्प्लीशंस इंजीनियरिंग या पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में एडमिशन के लिए आपके पास बारहवीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स, बायोलॉजी विषय होने चाहिएं।  
  • स्टेप 2: बी.टेक की डिग्री प्राप्त करें – किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से आप पेट्रोलियम या माइनिंग इंजीनियरिंग में बी.टेक करें।अपनी पढ़ाई के साथ-साथ आप इस फील्ड में इंटर्नशिप भी कर सकते है। 
  • स्टेप 3: इंटर्नशिप या पार्ट टाइम वर्क करें – इंटर्नशिप और पार्ट टाइम वर्क, कम्प्लीशंस इंजीनियरिंग की फील्ड में अपनी क्षमता बढ़ाने का एक शानदार अवसर है। ये प्रोग्राम्स आपको आवश्यक स्किल्स सीखने और इस फील्ड में प्रैक्टिकल अनुभव प्राप्त करने में मदद करते हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसे अवसर आपको इंडस्ट्री की बेस्ट प्रैक्टिसेज और वर्क कल्चर से जल्दी ही परिचित कराते हैं।
  • स्टेप 4: मास्टर्स डिग्री करें – इस सेक्टर में आगे बढ़ने के लिए आप किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से M.Tech का डिग्री कर सकते है। जिससे आपको इस सेक्टर में अच्छी नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है, भारत की प्रमुख कंपनियां भी मास्टर्स डिग्री वाले कैंडिडेट्स को प्राथमिकता देती हैं।   
  • स्टेप 5: वर्क एक्सपीरियंस प्राप्त करें – शिक्षा के बाद सबसे ज़रूरी फैक्टर, रेलेवेंट वर्क एक्सपीरियंस प्राप्त करना है। प्रैक्टिकल ट्रेनिंग प्राप्त करना यह सुनिश्चित करता है कि आप अपने जॉब रोल के लिए एक एलिजिबल कैंडिडेट  हैं। अतः प्रैक्टिकल और थ्योरेटिकल नॉलेज प्राप्त करने के लिए आपको उस क्षेत्र से संबंधित कंपनी या संस्थान के साथ मिलकर वर्क एक्सपीरियंस प्राप्त करना चाहिए। 
  • स्टेप 6: phD की डिग्री लें – आप इस क्षेत्र को और अधिक जानने के लिए phD भी कर सकते है। जिससे आप न केवल किसी प्रतिष्ठित कंपनी में अच्छी जॉब पा सकते है। इसके साथ ही आप शिक्षा के क्षेत्र में आकर किसी भी यूनिवर्सिटी में लेक्चरर और विभाग प्रमुख भी बन सकते हैं। 
  • स्टेप 7: CV/रिज्यूमे बनाएं – आपको किसी भी प्रतिष्ठित कंपनी या संसथान में कार्य करने के लिए एक उचित CV/रिज्यूमे बनाना जरुरी होगा। जिसमें आपकी कप्लीट जानकरी जैसे एजुकेशन, वर्क एक्सपीरियंस का होना आवश्यक होता है, जिससे एम्प्लॉयर्स को आपको सिलेक्ट करने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।  

कंप्लीशन इंजीनियर बनने के लिए कोर्सेज

यहां Completion Engineer से संबंधित कोर्सेज की डिटेल्स दी जा रही है:-

कोर्स कोर्स नेम  
डिप्लोमा Diploma in Heavy Oil Power Engineering
बैचलर्स  – B.Tech in Petroleum Engineering
– B.Tech in Mining and Geological Engineering
– B.Tech in Petrochemical Engineering
– B.Tech in Applied Petroleum Engineering
मास्टर्स – M.E./M.Tech in Petroleum Exploration
– M.Tech Petroleum Refinery Engineering
– M.Tech in Petroleum Refining and Petrochemical Engineering
– M.Tech in Mining and Geological Engineering
पीएचडी – Doctor of Philosophy in Engineering Petroleum (By Research)
– Doctor of Philosophy in Petroleum Engineering
– Doctor of Philosophy in Mining and Geological Engineering

कंप्लीशन इंजीनियर बनने के लिए विदेश की टॉप यूनिवर्सिटी

कंप्लीशन इंजीनियर की बढ़ती मांग के कारण वर्तमान में ऐसी कई यूनिवर्सिटीज हैं जो इस क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक कैंडिडेट्स के लिए कई प्रकार के कंप्लीशन, पेट्रोलियम और माइनिंग में इंजीनियरिंग कोर्सेज ऑफर करती हैं। अतः कंप्लीशन इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने के लिए कुछ लिए टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट नीचे दी गई है: 

कंप्लीशन इंजीनियरिंग के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज

  • स्कूल ऑफ पेट्रोलियम मैनेजमेंट, गांधीनगर
  • इंडियन स्कूल ऑफ माइंस, धनबाद
  • महाराष्ट्र इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणे
  • राजीव गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम टेक्नोलॉजी, रायबरेली
  • उत्तरांचल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, देहरादून
  • IIT, मुंबई
  • IIT, मद्रास
  • IIT, गुवाहाटी
  • IIT धनबाद
  • प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, बैंगलोर
  • NMIMS यूनिवर्सिटी, जयपुर

कंप्लीशन इंजीनियरिंग के लिए एलिजिबिलिटी 

यहां Completion Engineer के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के बारे में बताया गया है जिसे आप नीचे दिए गए पॉइंट्स में देख सकते है:-

  • कंप्लीशन इंजीनियर में बी.टेक डिग्री प्रोग्राम्स के लिए ज़रूरी है कि कैंडिडेट्स ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स) से 10+2 पहली डिवीज़न से उत्तीर्ण की हो।
  • भारत में कंप्लीशन इंजीनियरिंग में बैचलर्स के लिए कुछ यूनिवर्सिटीज में JEE mains, JEE Advanced जैसी प्रवेश परीक्षाओं के अंक अनिवार्य हैं। साथ ही कुछ टॉप यूनिवर्सिटीज अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करतीं हैं। वहीं विदेश में इस कोर्स के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित आवश्यक ग्रेड आवश्यकताओं को पूरा करना ज़रूरी होता है।  
  •  कंप्लीशन  इंजीनियरिंग में M.Tech प्रोग्राम्स के लिए संबंधित क्षेत्र में फर्स्ट डिवीज़न के साथ बैचलर्स डिग्री होना आवाश्यक है। साथ ही कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर भी एडमिशन दिया जाता है।
  • विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज SAT या GRE मार्क्स की मांग करते हैं।
  • विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट मार्क्स कम्पलसरी होते हैं। जिसमे IELTS अंक 7 या उससे अधिक और TOEFL अंक 100 या उससे अधिक होना चाहिए।
  • विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए SOP, LOR, CV/Resume और पोर्टफोलियो भी जमा करने होंगे।

एप्लीकेशन प्रोसेस 

Completion Engineer के लिए भारत और विदेशी यूनिवर्सिटी में एप्लीकेशन प्रोसेस के बारे में नीचे बताया गया है:-

विदेश में कंप्लीशन इंजीनियरिंग के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:-

  • आपकी एप्लीकेशन प्रोसेस का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी को सिलेक्ट करना है। 
  • कोर्स और यूनिवर्सिटी के सिलेक्ट करने के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के बारे में कम्पीट रिसर्च करें। 
  • आवश्यक टेस्ट स्कोर और डाक्यूमेंट्स एकत्र करें।
  • यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें।  
  • उसके बाद विदेश में जाने के लिए अपने ऑफर लेटर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें। 
  • इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन फीस का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छात्रवीजा, एजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए अप्लाई करें।

आवश्यक डाक्यूमेंट्स 

विदेश में स्टडी करने के लिए कुछ इंपोर्टेंट डाक्यूमेंट्स की सूची नीचे दी गई है:-

भारतीय विश्वविद्यालयों में एप्लीकेशन प्रोसेस 

भारत के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:-

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप स्टडी करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, कैटेगिरी आदि के साथ एप्लीकेशन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद एप्लीकेशन फॉर्म सबमिट करें और आवश्यक एप्लीकेशन फीस की पेमेंट करें। 
  • यदि एडमिशन, एंट्रेंस एग्जाम पर आधारित है तो पहले एंट्रेंस एग्जाम के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। एंट्रेंस एग्जाम के मार्क्स के आधार पर आपका सिलेक्शन किया जाएगा और फाइनल लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक डाक्यूमेंट्स

भारत में Completion Engineer यूनिवर्सिटी में प्रवेश करने के लिए कुछ इंपोर्टेंट डाक्यूमेंट्स की सूची नीचे दी गई है:-

  • आपकी 10वीं या 12वीं की परीक्षा की मार्कशीट और पासिंग सर्टिफिकेट
  • डेट ऑफ बर्थ का प्रूफ
  • विद्यालय छोड़ने का सर्टिफिकेट
  • ट्रांसफर सर्टिफिकेट
  • अधिवास प्रमाण पत्र/आवासीय प्रमाण या सर्टिफिकेट
  • अस्थायी सर्टिफिकेट
  • करेक्टर सर्टिफिकेट 
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र
  • विकलांगता का प्रमाण (यदि कोई हो)
  • माइग्रेशन सर्टिफिकेट  

प्रवेश परीक्षाएं

भारत के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज और इंस्टीटूट में एड्मिशन के लिए एंट्रेंस एग्ज़ाम देना कम्पलसरी होता है, जिसकी सूची नीचे दी गई है:-

S. No एंट्रेंस एग्जाम
जेईई मेंस (JEE Mains)
जेईई एडवांस (JEE Advanced)

एग्जाम के लिए बेस्ट बुक्स

यहां कुछ इंपोर्टेंट बुक्स की सूची नीचे बनी टेबल में दी जा रही है, जिससे आप अपने एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी आसानी से कर सकते है:-

बुक्स पब्लिकेशन-लेखक यहाँ से खरीदें
Advanced Well Completion EngineeringGulf Professional Publishingयहां से खरीदें 
Petroleum Refining Technology Khanna Publishers यहां से खरीदें 
Modern Petroleum Refining ProcessesOxford & IBH Publicationयहां से खरीदें 
Elements of Petroleum Refinery EngineeringKhanna Book Publishingयहां से खरीदें 
Industrial Engg & ManagementDhanpat Rai Publications यहां से खरीदें 

टॉप रिक्रूटर्स

यहां कुछ प्रमुख रिक्रूटर्स की सूची दी जा रही है, जो Completion Engineer को जॉब और रिसर्च के लिए रिक्रूट करती हैं:-  

S. Noप्रमुख रिक्रूटर्स 
1. ऑयल इंडिया लिमिटेड
2. एस्सार ऑयल लिमिटेड
3. हिंदुस्तान ऑयल एक्सप्लोरेशन कंपनी लिमिटेड
4. हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
5. गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया
6. ऑइल एंड नेचुरल गैस कमीशन
7. रिलायंस पेट्रोलियम इंडस्ट्रीज
8. भारत पेट्रोलियम 

जॉब प्रोफाइल 

यहां कुछ प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स के बारे में नीचे दी गई टेबल में बताया जा रहा है:-

S. No प्रमुख जॉब प्रोफाइल 
1. कम्प्लीशंस इंजीनियर
2. पेट्रोलियम जियोलॉजिस्ट
3. माइनिंग और जियोलाजिकल इंजीनियर
4. चीफ पेट्रोलियम इंजीनियर
5. ड्रिलिंग इंजीनियर
6. प्रोडक्शन इंजीनियर
7. ऑफशोर ड्रिलिंग इंजीनियर
8. लेक्चरर 

FAQs 

कंप्लीशन इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री कोर्सेज कौन कौन से हैं?

कुछ प्रमुख कंप्लीशन इंजीनियरिंग बैचलर्स कोर्सेज इस प्रकार है:-
– Diploma in Heavy Oil Power Engineering
– B.Tech in Petroleum Engineering
– B.Tech in Mining and Geological Engineering
– B.Tech in Petrochemical Engineering
– B.Tech in Applied Petroleum Engineering

ड्रिलिंग इंजीनियर को क्या काम होता है ?

ड्रिलिंग इंजीनियर आमतौर पर नेशनल कंपनियों द्वारा अपॉइंट किए जाते हैं जो तेल और गैस निकालते हैं और उत्पादन करते हैं। वे मौजूदा कुओं का आकलन और रखरखाव करने, सुरक्षा उपायों को लागू करने, डिजाइन के तत्वों और मशीनरी और निर्माण की लागत की गणना करने के लिए जिम्मेदार हैं।

पेट्रोलियम इंजीनियरिंग के लिए कौन सी डिग्री सबसे अच्छी है?

भारत में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में करियर बनाने के लिए लोकप्रिय पाठ्यक्रम पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बीटेक, गैस और एप्लाइड पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में बीटेक, पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में एमटेक और कई अन्य विकल्प शामिल है।

उम्मीद है आपको Completion Engineer पर आधारित कंप्लीशन इंजीनियरिंग क्या है का यह ब्लॉग पसंद आया होगा। यह ब्लॉग अपने दोस्तों और परिवार के साथ जरूर शेयर करें। ऐसे ही अन्य रोचक, ज्ञानवर्धक और आकर्षक ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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