बिहार गवर्मेंट ने पढ़ने-लिखने में कमजोर 25 लाख स्कूली बच्चों का शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए 1 दिसंबर से ‘मिशन दक्ष’ शुरू करने का निर्णय लिया है। बिहार एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से यह जानकारी दी गई है।
मिशन दक्ष के तहत स्टेट एजुकेशन डिपार्टमेंट ने शिक्षकों को कहा है कि वह अधिकतम 5 छात्रों का समूह बनाएंगे और उन्हें पढ़ाई के लिए मार्गदर्शित किया जाएगा। ये प्रोग्राम पढ़ाई में उन स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद होगा जो हाई क्लास में पहुंचने के बाद भी सरल हिंदी शब्द नहीं पढ़ पा रहे हैं और मैथ की बेसिक जानकारी भी नहीं बता पाते हैं।
सरकारी विद्यालयों में बच्चों को दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने हेतु "मिशन दक्ष" के संबंध में। (1)@ProfShekharRJD @yadavtejashwi @officecmbihar @scertbihar#BiharEducationDept pic.twitter.com/akpxRIUn2K
— Bihar Education Department (@BiharEducation_) November 24, 2023
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव केके पाठक ने 21 नवंबर को सभी जिलाधिकारियों (डीएम) को पत्र लिखकर प्रोग्राम की प्रगति की निगरानी करने का अनुरोध किया था। डीएम की अध्यक्षता में जिलेवार निगरानी समितियां बनाई गईं।
स्टूडेंट्स के लिए बिहार सरकार प्राथमिक विद्यालयों में 3 बजे के बाद विशेष कक्षाएं आयोजित करवाएगी। मिशन दक्ष अभियान में 1 से 12वीं तक के शत प्रतिशत शिक्षकों को जोड़ा जा रहा है।
सभी 25 लाख (लगभग) ऐसे (शैक्षणिक रूप से कमजोर) छात्र अप्रैल 2024 में अपनी अंतिम परीक्षाओं में शामिल होंगे। यदि ये छात्र अपनी अंतिम परीक्षाओं में असफल हो जाते हैं, तो शिक्षा विभाग द्वारा उनके प्रधानाध्यापकों/प्रधानाचार्यों और शिक्षकों के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई शुरू की जाएगी।
उपस्थिति के लिए स्टूडेंट्स के पैरेंट्स से होगी बात
पिछले एक साल से राज्य में एजुकेशन की क्वालिटी में सुधार के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं और ये कदम भी उसी दिशा में है। सितंबर में पाठक ने जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) को उन छात्रों के माता-पिता से बातचीत करने और सुधार के लिए स्ट्रैटेजी बनाने का निर्देश दिया था, जिनकी उपस्थिति 50 प्रतिशत से कम है।
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