बीडीएस कोर्स: योग्यता, एडमिशन प्रोसेस, सिलेबस और करियर स्कोप

1 minute read
बीडीएस कोर्स

BDS का फुल फॉर्म ‘बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी’ है, जो दंत चिकित्सा में एक प्रोफेशनल ग्रेजुएशन डिग्री है। यह कोर्स उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जो डॉक्टर बनना चाहते हैं और दंत चिकित्सा, मौखिक स्वास्थ्य और दांतों से जुड़ी बीमारियों के उपचार में रुचि रखते हैं। बीडीएस कोर्स की कुल अवधि 5 वर्ष होती है, जिसमें 4 वर्ष थ्योरी और 1 वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल होती है। भारत में बीडीएस में प्रवेश के लिए हर साल लाखों छात्र ‘राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी’ (NTA) द्वारा आयोजित NEET परीक्षा में भाग लेते हैं। यदि आप भी बीडीएस कोर्स पूरा करने के बाद एक पंजीकृत डेंटल सर्जन बनना चाहते हैं तो ये लेख आपके लिए है। यहाँ दी गई गाइड में आप बीडीएस कोर्स की अवधि, पाठ्यक्रम, प्रवेश प्रक्रिया (नीट), और भविष्य के अवसरों जैसी मुख्य बातों को कवर किया गया है।

बीडीएस कोर्स का ओवरव्यू

यहाँ आपके लिए बीडीएस कोर्स का ओवरव्यू दिया गया है, जिसके जरिए आप इस कोर्स के बारे में संक्षिप्त में जान सकेंगे –

कोर्स बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS)
कोर्स लेवल ग्रेजुएशन
कोर्स ड्यूरेशन5 वर्ष 
एडमिशन प्रोसेस एंट्रेंस बेस्ड 
कोर्स एलिजिबिलिटी कक्षा 12वीं (फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी) और NEET
एंट्रेंस परीक्षा NEET UG 
बीडीएस कॉलेजमौलाना आज़ाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (MAIDS) दिल्ली
गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, दिल्ली
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, बनारस
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज, रोहतक
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ 
टॉप रिक्रूटर्स अस्पताल, दंत चिकित्सालय, शैक्षणिक संस्थान, दंत उत्पाद निर्माता आदि।

बीडीएस कोर्स क्यों करें? 

बीडीएस कोर्स उन छात्रों के लिए एक आदर्श विकल्प है जो चिकित्सा क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं और डेंटिस्ट के रूप में समाज की सेवा करना चाहते हैं। बीडीएस कोर्स कैसे आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है, इसकी जानकारी के लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें –

  • यह कोर्स न केवल एक प्रोफेशनल डिग्री प्रदान करता है, बल्कि आपको समाज में एक सम्मानजनक और प्रतिष्ठित स्थान भी दिलाता है।
  • वर्तमान समय में ओरल हेल्थ समस्याओं में तेजी से वृद्धि हो रही है, जिससे योग्य और प्रशिक्षित डेंटिस्ट की मांग निरंतर बनी हुई है।
  • इसके अतिरिक्त, यह एक आर्थिक रूप से लाभकारी करियर विकल्प है, जिसमें छात्र स्वतंत्र रूप से अपना क्लिनिक खोलकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
  • बीडीएस की डिग्री उच्च शिक्षा और विशेषज्ञता के लिए नए रास्ते खोलती है, जिससे देश-विदेश में भी रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं। 
  • दंत चिकित्सा में लगातार नई तकनीकें (डिजिटल एक्स-रे, लेजर ट्रीटमेंट, 3डी प्रिंटिंग) आ रही हैं, जो इसे एक रोमांचक और आधुनिक क्षेत्र बनाती हैं।

यह भी पढ़ें – डायलिसिस कोर्स क्या है?

बीडीएस कोर्स की योग्यता

बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी (BDS) कोर्स के लिए योग्यता इस प्रकार है:

  • शैक्षणिक योग्यता: छात्र ने 12वीं कक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी (PCB) विषयों के साथ पास की हो।
  • न्यूनतम अंक: सामान्य वर्ग के छात्रों को 12वीं में न्यूनतम 50% अंक और आरक्षित वर्ग (SC/ST/OBC) के लिए नियमानुसार छूट प्राप्त होती है।
  • NEET परीक्षा: NTA द्वारा आयोजित ‘नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट’ (NEET) को पास करना अनिवार्य है। 
  • आयु सीमा: NEET के अनुसार न्यूनतम आयु 17 वर्ष होनी चाहिए (एडमिशन वर्ष के 31 दिसंबर तक)। अधिकतम आयु सीमा सामान्यतः नहीं होती पर कुछ संस्थानों में हो सकती है।
  • शैक्षणिक स्थिति: जो छात्र अभी 12वीं में पढ़ रहे हैं, वे भी NEET के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

बीडीएस कोर्स की संरचना और अवधि

बीडीएस कोर्स की संरचना और अवधि को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से आसानी से समझ सकते हैं –

  • बीडीएस कोर्स एक 5 वर्षीय ग्रेजुएशन डिग्री प्रोग्राम है, जिसमें 4 वर्ष की शैक्षणिक शिक्षा और 1 वर्ष की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल होती है।
  • यह कोर्स फुलटाइम या पार्टटाइम रूप से किया जा सकता है, लेकिन इसमें एडमिशन के लिए NEET परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होती है।
  • बीडीएस की पढ़ाई में थ्योरी, प्रैक्टिकल और क्लिनिकल ट्रेनिंग का संतुलित समावेश होता है।
  • कई संस्थानों में इसे सेमेस्टर प्रणाली के तहत पढ़ाया जाता है, जबकि कुछ में वार्षिक परीक्षा पद्धति अपनाई जाती है।
  • कोर्स पूरा करने के बाद छात्र एक योग्य दंत चिकित्सक के रूप में प्रैक्टिस करने के लिए एलिजिबल हो जाते हैं।

बीडीएस कोर्स के लिए शैक्षणिक योग्यता

बीडीएस कोर्स के लिए शैक्षणिक योग्यता को समझने के लिए आप निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ सकते हैं –

  • बीडीएस कोर्स में एडमिशन के लिए कैंडिडेट को 12वीं कक्षा फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और अंग्रेजी जैसे मुख्य विषयों के साथ उत्तीर्ण होना आवश्यक है।
  • इसके अलावा, बीडीएस में एडमिशन प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) को पास करना अनिवार्य होता है, जो कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित की जाती है।
  • यह परीक्षा देश भर के मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में एडमिशन के लिए एकमात्र मान्य परीक्षा है। इसलिए, बीडीएस कोर्स में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों को शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ NEET परीक्षा की भी तैयारी करनी चाहिए।

यह भी पढ़ें: MLT कोर्सेज: एडमिशन, सिलेबस, फीस, करियर स्कोप

बीडीएस कोर्स की अनुमानित फीस

इस कोर्स की फीस स्ट्रक्चर काफी हद तक कॉलेज और यूनिवर्सिटी पर निर्भर करता है। सामान्यत: बीडीएस कोर्स की सालाना फीस सरकारी और प्राईवेट कॉलेज में भिन्न-भिन्न हो सकती है। कुछ प्राइवेट संस्थानों में यह फीस थोड़ी ज्यादा भी हो सकती है जबकि सरकारी संस्थानों में फीस अपेक्षाकृत कम रहती है। इस कोर्स की फीस में ट्यूशन चार्ज, प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और कभी-कभी स्टडी मटेरियल की लागत भी शामिल हो सकती है।

संस्थान का प्रकारफीस की अनुमानित सीमा (प्रति वर्ष)कुल कोर्स लागत (अनुमानित 5 वर्ष)
सरकारी कॉलेजINR 10,000 – INR 50,000INR 50,000 – INR 2.5 लाख
निजी कॉलेज (प्रबंधन कोटा/सामान्य)INR 3 लाख – INR 8 लाखINR 15 लाख – INR 40 लाख
डीम्ड/निजी विश्वविद्यालय (उच्च शुल्क)INR 7 लाख – INR 12 लाख या इससे अधिकINR 35 लाख – INR 60 लाख या इससे अधिक

बीडीएस कोर्स के लिए सिलेबस

बीडीएस कोर्स का सिलेबस राज्य और कॉलेज/यूनिवर्सिटी के अनुसार थोड़ा अलग हो सकता है, लेकिन इसका सामान्य और बुनियादी सिलेबस कुछ इस प्रकार होता है –

वर्षप्रमुख विषयविषय का सार
प्रथम वर्षमानव शरीर रचना विज्ञान (Human Anatomy)मानव शरीर की संरचना, विशेष रूप से सिर, गर्दन और दांतों से संबंधित संरचनाओं का गहन अध्ययन।
मानव शरीर क्रिया विज्ञान (Human Physiology)शरीर के विभिन्न अंगों और प्रणालियों के कार्य करने के तरीके (जैसे पाचन, श्वसन) का अध्ययन।
जैव रसायन (Biochemistry)शरीर में होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं, चयापचय और आणविक आधारों को समझना।
डेंटल मटेरियल (Dental Materials)दंत चिकित्सा में उपयोग होने वाली सामग्री (जैसे अमलगम, कंपोजिट, सीमेंट) के गुण और उपयोग।
द्वितीय वर्षसामान्य पैथोलॉजी (General Pathology)रोगों के कारण, तंत्र और ऊतकों पर उनके प्रभावों का अध्ययन।
माइक्रोबायोलॉजी (Microbiology)बैक्टीरिया, वायरस और कवक जैसे सूक्ष्मजीवों और मौखिक संक्रमणों में उनकी भूमिका का अध्ययन।
फार्माकोलॉजी और थेराप्यूटिक्स (Pharmacology & Therapeutics)दवाओं की क्रिया, उपयोग, खुराक और दंत चिकित्सा में उनके अनुप्रयोगों का अध्ययन।
डेंटल एनाटॉमी और हिस्टोलॉजी (Dental Anatomy & Histology)दांतों की संरचना, विकास और मौखिक ऊतकों का विस्तृत अध्ययन।
तृतीय वर्षसामान्य चिकित्सा (General Medicine)सामान्य चिकित्सा स्थितियों (जैसे मधुमेह, हृदय रोग) का निदान और उपचार, जो दंत चिकित्सा उपचार को प्रभावित कर सकते हैं।
सामान्य सर्जरी (General Surgery)सर्जरी के सिद्धांत और शरीर के सामान्य सर्जिकल रोगों का प्रबंधन।
ओरल पैथोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी (Oral Pathology & Microbiology)मौखिक गुहा (मुंह) के रोगों का निदान और अध्ययन।
सामुदायिक दंत चिकित्सा (Community Dentistry)सार्वजनिक स्वास्थ्य, निवारक दंत चिकित्सा, और सामुदायिक स्तर पर मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के तरीके।
चतुर्थ वर्षप्रोस्थोडोंटिक्स (Prosthodontics)कृत्रिम दांत (डेन्चर, ब्रिज) लगाने और पुनर्वास का अध्ययन।
ओरल और मैक्सिलोफेशियल सर्जरी (Oral & Maxillofacial Surgery)मुंह, जबड़े और चेहरे की सर्जरी का अध्ययन।
ऑर्थोडोंटिक्स और डेंटोफेशियल ऑर्थोपेडिक्स (Orthodontics)दांतों की अनियमितताओं को ठीक करना (ब्रेसेस/एलाइनर)।
पीडोडोंटिक्स और प्रिवेंटिव डेंटिस्ट्री (Pedodontics)बच्चों के दांतों की देखभाल और निवारक दंत चिकित्सा।
पीरियडोंटिक्स (Periodontics)मसूड़ों के रोग और उनका उपचार।
कंजर्वेटिव डेंटिस्ट्री और एंडोडोंटिक्स (Conservative Dentistry & Endodontics)दांतों की सड़न का उपचार (फिलिंग) और रूट कैनाल ट्रीटमेंट (RCT)।
ओरल मेडिसिन और रेडियोलॉजी (Oral Medicine & Radiology)मौखिक रोगों का निदान और एक्स-रे व इमेजिंग तकनीकों का उपयोग।
पांचवां वर्षअनिवार्य इंटर्नशिप (Mandatory Internship)अस्पताल/क्लिनिक में सभी विभागों में वास्तविक रोगियों का इलाज करके व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करना।

यह भी पढ़ें – CMLT कोर्स की पूरी जानकारी 

NEET परीक्षा के लिए एप्लीकेशन प्रोसेस

NEET के लिए अप्लाई करने की प्रक्रिया निम्नलिखित है:-

  • एप्लीकेशन प्रोसेस: NEET के लिए ऑफिशियल वेबसाइट पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर अप्लाई करें और जरूरी डाक्यूमेंट्स सबमिट करें।
  • परीक्षा की तैयारी: NEET के लिए संबंधित विषयों का अच्छी तरह से अध्ययन करें।
  • NEET रिजल्ट: NEET का रिजल्ट जारी होने के बाद अपने अंक और रैंक देखें।
  • काउंसलिंग प्रोसेस: NEET रैंक के अनुसार राज्य या राष्ट्रीय स्तर की काउंसलिंग में भाग लें और कॉलेज ऑप्शन चुनें।
  • डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन और एडमिशन: काउंसलिंग के दौरान डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाएं, कॉलेज में फीस सबमिट करें और रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पूरा करें।

भारत के टॉप BDS कॉलेज और संस्थान

यहां भारत के कुछ टॉप बीडीएस कॉलेज एवं संस्थानों की सूची दी जा रही है, जो शिक्षा की गुणवत्ता, फैकल्टी, इंफ्रास्ट्रक्चर और प्लेसमेंट के आधार पर काफी प्रतिष्ठित माने जाते हैं:

क्रम संख्याकॉलेज/संस्थान का नामस्थान
1सविता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड टेक्निकल साइंसेज (Saveetha Institute of Medical & Technical Sciences)चेन्नई, तमिलनाडु
2डॉ. डी. वाई. पाटिल विद्यापीठ (Dr. D. Y. Patil Vidyapeeth)पुणे, महाराष्ट्र
3मणिपाल कॉलेज ऑफ डेंटल साइंसेज (Manipal College of Dental Sciences – MCODS)मणिपाल, कर्नाटक
4मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज (Maulana Azad Institute of Dental Sciences)नई दिल्ली, दिल्ली
5एआईआईएमएस (AIIMS)नई दिल्ली, दिल्ली (डेंटल विंग)
6किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU)लखनऊ, उत्तर प्रदेश
7एसआरएम डेंटल कॉलेज (SRM Dental College)चेन्नई, तमिलनाडु
8गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज (Government Dental College)नागपुर, महाराष्ट्र
9शिक्षा ‘ओ’ अनुसंधान विश्वविद्यालय (Siksha ‘O’ Anusandhan University)भुवनेश्वर, ओडिशा
10जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia)नई दिल्ली, दिल्ली
11श्री रामचंद्र उच्च शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (SRIHER)चेन्नई
12एमजीएम डेंटल कॉलेज और अस्पतालनवी मुंबई, मुंबई

बीडीएस के बाद करियर स्कोप

बीडीएस कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों के पास करियर के कई बेहतरीन विकल्प होते हैं, जो इस प्रकार हैं:-

  • निजी प्रैक्टिस या स्वयं का क्लिनिक खोलना: बीडीएस के बाद छात्र अपना डेंटल क्लिनिक शुरू कर सकते हैं, जहाँ वे स्वतंत्र रूप से मरीजों का इलाज कर सकते हैं। बता दें कि अच्छी लोकेशन, उपकरण और वैध लाइसेंस के साथ यह एक लाभकारी और आत्मनिर्भर विकल्प है।
  • सरकारी नौकरी: बीडीएस ग्रेजुएट्स के लिए सरकारी अस्पतालों, सेना, रेलवे और राज्य स्वास्थ्य सेवाओं में दंत चिकित्सक के पद उपलब्ध होते हैं। इसके लिए NEET, AIIMS, KEAM या संबंधित राज्य स्तरीय परीक्षाएं देनी अनिवार्य होती हैं।
  • उच्च शिक्षा: जो छात्र हायर स्टडी करना चाहते हैं, वे ‘मास्टर ऑफ डेंटल सर्जरी’ (MDS) कर सकते हैं। इसमें ओरल सर्जरी, ऑर्थोडोंटिक्स, पीडोडोंटिक्स जैसे विभिन्न स्पेशलाइजेशन उपलब्ध हैं।
  • रिसर्च और शिक्षण: बीडीएस के बाद छात्र रिसर्च फील्ड में काम कर सकते हैं। वहीं MDS के बाद छात्र डेंटल कॉलेजों में प्रोफेसर या लेक्चरर बन सकते हैं, जिससे उन्हें एक शैक्षणिक करियर का अवसर मिलता है।
  • कॉर्पोरेट और इंडस्ट्रियल सेक्टर में करियर: बीडीएस के बाद छात्र दवा कंपनियों, डेंटल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों और हेल्थकेयर स्टार्टअप्स में मेडिकल एडवाइजर, सेल्स एवं मार्केटिंग एक्सपर्ट या कंसल्टेंट के रूप में काम कर सकते हैं। यह विकल्प उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जो क्लिनिकल फील्ड से हटकर कॉर्पोरेट में काम करना चाहते हैं।

यह भी पढ़ें: बीएलआईएस कोर्स: योग्यता, सिलेबस, फीस, कॉलेज और करियर स्कोप

बीडीएस के बाद अनुमानित सैलरी

बीडीएस कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों को शुरुआती स्तर पर 40,000 से 60,000 रुपये प्रति माह तक की औसत सैलरी मिल सकती है, जो संस्था और स्थान के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। वहीं अनुभव बढ़ने पर सैलरी में भी वृद्धि होती है और 3–5 वर्षों के अनुभव के बाद 70,000 से 1 लाख रुपये या उससे अधिक प्रति माह तक सैलरी मिल सकती है।

हालांकि प्राइवेट क्लिनिक या अस्पतालों में सैलरी आपके स्किल्स और पेशेंट हैंडलिंग पर निर्भर करती है, जबकि सरकारी सेक्टर में सैलरी फिक्स होती है। इसके साथ ही अन्य अलाउंस भी मिलते हैं। आर्मी डेंटल कोर, सरकारी अस्पतालों और अन्य सरकारी संस्थानों में स्थिर वेतन के साथ जॉब सिक्योरिटी भी मिलती है।

FAQs

BDS कितने साल का कोर्स है?

BDS एक 5 वर्षीय ग्रेजुएशन कोर्स है, जिसमें 4 साल की पढ़ाई और 1 साल की अनिवार्य इंटर्नशिप शामिल होती है।

क्या बिना NEET के BDS किया जा सकता है?

वर्तमान में BDS कोर्स में एडमिशन के लिए NEET परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।

क्या BDS के बाद विदेश में प्रैक्टिस संभव है?

BDS के बाद विदेश में प्रैक्टिस संभव है, लेकिन वहां की आवश्यक लाइसेंसिंग परीक्षा पास करनी होती है।

बीडीएस करने के लिए क्या योग्यता चाहिए?

बीडीएस करने के लिए 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और अंग्रेज़ी के साथ न्यूनतम 50% अंक और NEET परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

बीडीएस डॉक्टर का क्या काम है?

बीडीएस डॉक्टर दांतों और मुंह की समस्याओं का इलाज करते हैं और मरीजों की ओरल हेल्थ का ध्यान रखते हैं।

हमें उम्मीद है कि इस लेख में आपको बीडीएस कोर्स की आवश्यक जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही अन्य कोर्स से संबंधित लेख पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*