दिल्ली में इस समय प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कुछ स्थानों पर तो (एयर क्वालिटी इंडेक्स) AQI 400 के पार जा चुका है। ऐसे में विशेषज्ञ ख़ासतौर से छोटे बच्चों को घर में ही रहने की बात कर रहे हैं। यह प्रदूषण बच्चों के लिए बहुत ही हानिकारक है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली के सभी स्कूलों को उनके तय समय से पहले ही सर्दियों की छुट्टियां लागू करने के निर्देश जारी किए हैं।
9 नवम्बर से लेकर 19 नवम्बर तक बंद रहेंगे दिल्ली के स्कूल
दिल्ली सरकार के द्वारा दिल्ली के स्कूलों के लिए जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि दिल्ली के सभी स्कूलों को 9 नवंबर 2023 से लेकर 19 नवंबर 2023 तक स्कूल बंद रखने होंगे। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से स्कूलों में विंटर ब्रेक जल्दी जारी करने का निर्णय बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लिया गया है। यह प्रदूषण बच्चों के लिए हानिकारक है। सभी स्कूलों के प्राचार्यों को इस बारे में बच्चों के अभिभावकों को जल्द से जल्द सूचित करने के लिए कहा गयाहै। इसके अलावा दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अगर कम नहीं होता है तो छुट्टियों को आगे बढ़ाने पर भी विचार किया जा सकता है।
प्रदूषण के खतरनाक स्तर से बहुत आगे निकला दिल्ली का प्रदूषण
दिल्ली की हवा दिनों दिन ज़हरीली होती जा रही है। दिल्ली का प्रदूषण खतरनाक स्तर से कई गुना अधिक बढ़ चुका है। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार जारी रिपोर्ट में इस हफ्ते सेन्ट्रल दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 425 रिकॉर्ड किया गया था। बता दें कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अनुसार 200 से 300 के बीच का AQI बेहद खतरनाक स्तर का प्रदूषण स्तर माना जाता है। दिल्ली का प्रदूषण स्तर इससे कई गुना ज्यादा बढ़ चुका है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार के द्वारा दिल्ली के स्कूलों में विंटर ब्रेक जल्दी घोषित किए जाने का निर्णय लिया जा रहा है।
बच्चों के लिए हानिकारक है प्रदूषण
विशेषज्ञों द्वारा प्रदूषण को बच्चों के लिए बहुत ही खतरनाक बताया गया है-
- बच्चों के फेफड़े बहुत नाज़ुक होते हैं। अत्यधिक प्रदूषण के कारण उनमें फेफड़ों संबंधित समायाएं हो सकती हैं।
- प्रदूषण के कारण बच्चों को हृदय से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं।
- कुछ मनोवैज्ञानिकों का ऐसा भी मानना है प्रदूषण का असर बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। बच्चों में प्रदूषण के कारण चिड़चिड़ापन और क्रोध बढ़ने के मामले देखे जा चुके हैं।
- प्रदूषण के कारण बच्चों में त्वचा संबंधी रोग होने का भी डर रहता है। अक्सर बच्चे त्वचा में जलन होने की शिकायत करते हैं। इसके पीछे का एक कारण प्रदूषण भी होता है।
- प्रदूषण बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करता है।
- प्रदूषण के कारण बच्चों की आँखों को भी हानि पहुँचती है। उन्हें आँखों में जलन महसूस होती है।
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