Alauddin Khilji History: क्रूर मुगल शासक अलाउद्दीन खिलजी का इतिहास

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Alauddin Khilji History in Hindi

अलाउद्दीन खिलजी एक महत्वकांक्षी शासक था जिसने दिल्ली सल्तनत पर शासन किया था। खिलजी वंश के प्रथम शासक जलाउद्दीन खिलजी के बाद अलाउदीन राजगद्दी पर बैठा था। अलाउद्दीन खिलजी को इतिहास में क्रूर शासक के तौर पर जाना जाता है। परंतु इतिहास में उसके द्वारा किये गए विभिन्न सुधारों को भी याद किया जाता है। Alauddin Khilji History in Hindi से क्या आप कुछ अनसुने किस्से जानने चाहते है, तो आइए जानते हैं Alauddin Khilji History in Hindi विस्तार से।

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अलाउद्दीन खिलजी प्रारंभिक जीवन

Alauddin Khilji History in Hindi
Source : Wikipedia

अलाउद्दीन खिलजी के जन्म को लेकर इतिहासकारों के अलग-अलग मत है। उसका जन्म 1260 से 1275 के बीच में माना जाता है। उनका वास्तविक नाम अली गुरशास्प उर्फ़ जूना खान खिलजी था। इनके पिता शाहिबुद्दीन मसूद की मृत्यु के बाद अलाउद्दीन खिलजी को उसके चाचा एवं खिलजी वंश के प्रथम सुल्तान जलालुद्दीन फिरुज खिलजी ने उनका पालन-पोषण किया था।

जलालुद्दीन ने अपनी बेटियों का विवाह, अलाउद्दीन खिलजी और उसके छोटे भाई अलमास बेग के साथ कर दिया था, हालांकि, अलाउद्दीन उसकी बेटी से शादी कर के खुश नहीं थे, इसलिए उन्होंने दूसरी शादी महरू नाम की स्त्री के साथ कर ली थी।

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Alauddin Khilji History in Hindi अब आप पढ़ेंगे रानी पद्मावती और खिलजी के बारे में

अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्दावती

1302 से 1303 ईसवी में अलाउद्दीन खिलजी ने राजपूत राजा रतन सिंह के राज्य चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण किया था, इस हमले के पीछे कुछ इतिहासकार यह तर्क देते हैं कि, खिलजी ने रतन सिंह की बेहद खूबसूरत पत्नी रानी पद्दावती को अपने हरम में शामिल होने को कहा।

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Source : Hill Post

लेकिन जब उन्होंने इंकार कर दिया तो उसने चित्तौड़़गढ़ दुर्ग पर हमला कर दिया, इस हमले में राजा रतन सिंह तो मारे गए, लेकिन रानी पद्मावती ने खिलजी से खुद की आत्मरक्षा के लिए कई हजार राजपूत रानियों के साथ जौहर (आत्मदाह) कर लिया था। इसके बाद 1306 में खिलजी ने बंग्लाना राज्य पर जीत हासिल की और फिर 1308 ईसवी में खिलजी की सेना ने मेवाड़ के सिवाना किले पर अपना सिक्का जमा लिया।

  • 1310 ईसवी में अलाउद्दीन खिलजी ने होयसल साम्राज्य कोहासिल पर भी विजय प्राप्त  कर हासिल कर लिया।
  • 1311 ईसवी में अलाउ्ददीन की सेना ने मबार के इलाके में खूब लूटपाट की और उत्तर भारतीय राज्यों में अपना तानाशाह शासन चलाया।
  • इसके बाद अलाउद्दीन खिलजी ने अपने सबसे विश्वासपात्र सेनापति मलिक काफूर की मदद से दक्षिण भारत में विजय प्राप्त कर ली थी।
  • इस दौरान दक्षिण भारत के सभी राज्य खिलजी को भारी टैक्स देते थे, जिसके चलते खिलजी के पास काफी धन और संपत्ति हो गई थी।
  • इसके अलावा खिलजी ने अपने शासनकाल में कृषि पर करीब 50 फीसदी टैक्स माफ कर दिया था, जिससे किसानों की हालत में काफी सुधार हुआ था।

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अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण और विद्रोह 

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Source : Facebook

अलाउद्दीन खिलजी का शासनकाल मंगोलों के भयानक आक्रमण के लिए विख्यात है, मंगोलो से निपटने के लिए अलाउद्दीन ने बलबन की लौह एवं रक्त की नीति ( balban theory of kingship) अपनाई। 1306 में अलाउद्दीन के समय में दिल्ली का सुल्तान एवं मंगोलों के बीच रावी नदी सीमा थी। शासक अलाउद्दीन के शासन के प्रारम्भ में कुछ विद्रोह भी हुए । जिनमें 1299 में नवीन मुसलमानों वह 4000 मंगोल जो जलालुद्दीन खिलजी के राज में इस्लाम कबूल कर दिल्ली में बस गये थे। 

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अलाउद्दीन खिलजी की उपलब्धियां

एक तरफ महत्वकांक्षी शासक खिलजी ने जहां अपने शासनकाल में लूटपाट कर कई राज्यों पर अपना तानाशाह शासन चलाया तो वहीं उसने अपने राज में कई ऐसी सराहनीय व्यवस्थाएं भी लागू की, जिससे आम जनता को काफी फायदा हुआ और वह इतिहास में  एक कुशल एवं सफल शासक के रुप में उभरा।

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Source : Wikipedia

अलाउद्दीन खिलजी की शासनकाल की कुछ उपलब्धियां निम्नलिखित हैं –

  • अलाउद्दीन खिलजी दक्षिण भारत पर जीत हासिल करने वाला भारत का पहला मुस्लिम सुल्तान था, यहां उसने भव्य मस्जिद का निर्माण भी करवाया था।
  • अलाउ्दीन ने अपने शासनकाल में एक कुशल राजस्व प्रशासन की स्थापना की थी। 
  • उसके शासन के समय कृषि की स्थिति में काफी हद तक सुधार हुआ, भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े नियम बनाए गए, प्रशासनिक व्यवस्थाओं के लिए कई बड़े अधिकारियों एवं एजेंट को रोजगार पर रखा गया।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने अपने शासनकाल में मूल्य नियंत्रण नीति लागू की, अलाउद्दीन ने कपड़े, अनाज और रोजर्मरा में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमत के मुताबिक उनके मूल्य निर्धारित किए, जिसका आम जनता और सिपाहियों को काफी फायदा हुआ।
  • अपनी क्रूरता के लिए मशहूर अलाउद्दीन खिलजी ने अपने शासन में एक ऐसी टैक्स प्रणाली लागू की थी, जिसे 19वीं और 20वीं सदी के शासकों ने भी अपने समय में जारी रखा था। 
  • आपको बता दें कि खिलजी ने हिन्दुओं पर भूमि कर (खराज), चारागाह कर (चरह), चुनाव कर (जजिया) एवं घर कर (घरी) आदि को लागू किया था।

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अलाउद्दीन खिलजी से जुड़े कुछ अनसुने तथ्य

Source : Wikipedia

अलाउद्दीन खिलजी, खिलजी वंश का दूसरा शासक एवं बेहद शक्तिशाली सम्राट था, इसलिए उसे “सिकंदर-ए-शाही” की उपाधि से भी नवाजा गया था। उसने अपनी कुशल राजनैतिक क्षमता का इस्तेमाल कर अपना खिलजी साम्राज्य दक्षिण में मदुरै तक फैला दिया था। 

  • खिलजी के बाद करीब 300 सालों तक कोई भी शासक इतना बड़ा साम्राज्य स्थापित नहीं कर सका था।
  • इतिहास के सबसे क्रूर शासक अलाउद्दीन खिलजी ने दिल्ली गद्दी पर अपना अधिकार जमाने के लिए अपने सगे चाचा और अपने ससुर जलाल-उद-दीन खिलजी की हत्या करवा दी थी।
  •  जबकि उसका पालन-पोषण उसके चाचा ने ही किया था।
  • अलाउद्दीन खिलजी बेहद घमंडी था, जो कि खुद की तुलना दुनिया को जीतने वाले सिंकदर से करता था, और खुद को ”विश्व का दूसरा सिंकदर कहता था’।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने कई लड़ाईयों में मंगोलों को बुरी तरह परास्त किया था।
  • अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में शराब बिक्री, भांग खाना एवं जुआं खेलने पर पूरी तरह से रोक थी।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने अपने शासनकाल में एक बेहतर टैक्स प्रणाली की भी शुरुआत की थी, जिसे 19वीं और 20वीं सदी तक के शासकों ने भी जारी रखा था।
  •  इसके साथ ही गुप्तचर विभाग की भी स्थापना की थी।
  • अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल में ऱईस घरानों की घनिष्ट मित्रता और आपस में शादी पर रोक थी ताकि  ये घराने आपस में मिल कर संगठित विरोध न खड़ा कर पाएं।
  • अलाउद्दीन खिलजी के हरम में 50 हजार से भी ज्यादा पुरुष, महिलाएं और बच्चे समेत करीब 70 हजार लोग थे।
  • अलाउ्ददीन खिलजी चित्तौड़ की महारानी पदमावती की खूबसूरती पर मोहित हो गया था, जिसके चलते वो उनको अपने हरम में रखना चाहता था, लेकिन पदमावती के इंकार करने पर उसने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के दुर्ग पर हमला कर दिया था और रानी पद्मावती के पति राजा रतन सिंह समेत कई हजार राजपूतों की हत्या कर दी थी।
  • अलाउद्दीन खिलजी से अपनी आत्मरक्षा और राजपूत कुल की मर्यादा के लिए रानी पदमावती ने जौहर (आत्मदाह) कर लिया था। वहीं रानी पदमावती के साथ कई राजपूत महिलाओं ने भी जौहर किया था।

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अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु 

Source : Wikipedia

इतिहास के सबसे क्रूर और निर्दयी शासकों में से एक अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु 1316 ईसवी में हो गई। खिलजी मृत्यु के विषय में इतिहासकारों के मुताबिक उसकी मौत किसी लंबे समय तक रहने वाली गंभीर बीमारी की वजह से हुई थी,जबकि कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उसके सेनापति एवं सबसे करीबी माने जाने वाले मलिक काफूर ने ही उसकी हत्या की थी। फिलहाल, अलाउद्दीन खिलजी की मौत के बाद भारत की राजधानी दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब कॉम्प्लेक्स में उनकी कब्र बनाई गई थी। वहीं अलाउद्दीन खिलजी की मौत के कुछ साल बाद ही खिलजी साम्राज्य का अंत हो गया था और फिर हिन्दुस्तान की तल्ख पर तुगलक वंश ने शासन किया था।

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रानी पद्मावती (पद्मावत) पर बनी फिल्म 

बॉलीवुड के महान डायरेक्टर एवं निर्देशक संजय लीला भंसाली की अब तक की सबसे बड़ी फिल्म पद्मावत थी जिसे लोगों ने काफी पसंद किया। लेकिन यह फिल्म जहां पर शूट किया जा रहा था वहां के लोगों ने यह फिल्म को बनने से कई बार रोका जिससे संजय लीला भंसाली जी को काफी जान और माल का आघात सहना पड़ा था। लेकिन 2017 में यह फिल्म बनकर सेंसर बोर्ड में रिलीज होने के लिए तैयार हो गई।

एक बार यह फिल्म रिलीज होने के बाद इस फिल्म को बहुत सारा अवार्ड मिला। इसके मेन कलाकार पद्मावती का किरदार दीपिका पादुकोण ने बखूबी निभाया था एवं इन्होंने जितना अच्छा अपनी कला का प्रदर्शन किया है शायद ही कोई और नायिका महारानी पद्मावती का किरदार निभा पाती।

FAQs 

अलाउद्दीन खिलजी की कितनी पत्नियां थी?

चार

अलाउद्दीन का असली नाम क्या है?

अली गुरशास्प

अलाउद्दीन खिलजी के बाद राजा कौन बना?

कुतुब-उद-दीन मुबारक शाह

आशा करते हैं कि आपको Alauddin Khilji History in Hindi का ब्लॉग अच्छा लगा होगा। हमारे Leverage Edu में आपको ऐसे कई प्रकार के ब्लॉग मिलेंगे जहां आप अलग-अलग विषय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।

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